देव आराधना हेतु बहुत शुभ होते हैं होलाष्टक के दिन , करें ये उपाय, जपें ये मंत्र...
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होलिका की अग्नि में डालें नारियल- यदि आप व्यवसाय, नौकरी व अपने कैरियर को लेकर संतुष्ट नहीं है अथवा अच्छी नौकरी खोज रहें हैं, तो होलिका दहन के समय नारियल को अग्नि में डालें। इसके बाद सात बार होलिका की परिक्रमा करें।
मेवा और मिठाई का लगाएं भोग- आर्थिक तंगी है, अनवरत आपको पैसों की कमी रहती है, इसलिए आप आर्थिक समस्या से मुक्ति चाहते हैं तो होलिका-दहन की पूजा के समय मेवा और मिठाई का भोग लगाएं। इससे धन की कमी दूर होने एवं सुख-शांति आने के द्वार खुलने लगेंगे।
गरीबों को दान- होलिका दहन के दिन गरीबों को दान करने से पुण्य तो मिलता ही है साथ ही आपको मानसिक शांति भी मिलेगी।
काला तिल, नारियल व सरसों- अगर आपको किसी अज्ञात शक्ति से डर लग रहा हो, बुरे विचार आते हों तो होलिका-दहन की पूजा में सरसो, काला तिल और नारियल को सात बार अपने सिर के ऊपर से घुमाकर (फेर कर), इसे होलिका की अग्नि में डाल दें।
नारियल सुपारी सहित पान का पत्ता- अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए आप पान के पत्ते को सुपारी और नारियल के साथ होलिका की अग्नि में अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हुए अर्पित कर दें। इससे आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।
फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से पूर्णिमा तिथि यानी होलिका दहन तक की अवधि को होलाष्टक कहा जाता है। होली के दिन पहले लगने वाला होलाष्टक वैसे तो आठ दिन के होते हैं, लेकिन इस बार नौ दिन चलने वाला है- सोमवार (27 फरवरी) से लगेगा और 7 मार्च (मंगलवार) तक रहेगा।
ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से पूर्णिमा (होलाष्टक काल) तक नवग्रह भी उग्र रूप लिए रहते है।
अष्टमी तिथि को चंद्रमा, नवमी तिथि को सूर्य, दशमी तिथि को शनि ग्रह, एकादशी तिथि को शुक्र ग्रह, द्वादशी तिथि को गुरु वृहस्पति, त्रयोदशी तिथि को बुध ग्रह, चतुर्दशी तिथि को मंगल ग्रह और पूर्णिमा तिथि को राहु उग्र और रुद्र अवस्था में रहते हैं। इस अवधि में इन ग्रहों के उग्र होने से मांगलिक कार्य निषेध होते हैं, क्योंकि इस अवधि में किए जाने वाले शुभ कार्यों में अमंगल होने की आशंका बनी रहती है अथवा अगर कोई भी शुभ कार्य करते हैं, तो ग्रहों का उग्र स्वभाव अशुभ फल देते हैं।
होलाष्टक के दिनों कोई मांगलिक कार्य नहीं करते, लेकिन देवी-देवता की आराधना के लिए ये बहुत ही शुभ दिन माने जाते हैं, क्योंकि इस समय नकारात्मक शक्तियां अधिक रहती है। शास्त्रों के अनुसार, होलाष्टक लगने पर कोई शुभ कार्य यथा- विवाह, गृह-प्रवेश, मुंडन, नामकरण एवं विद्यारंभ आदि सहित सभी मांगलिक या कोई नवीन कार्य प्रारम्भ करना वर्जित माना गया है। होलाष्टक के समय नया वाहन या जमीन खरीदना भी अशुभ माना जाता है।होलाष्टक में कोई भी प्रॉपर्टी खरीदने या बेचने से बचना चाहिए। ऐसे कार्यों को आप होली के बाद कर सकते हैं। वहीं, अगर आप नौकरी में बदलाव कर रहे हैं, तो होलाष्टक के बाद ही करें। अगर अधिक आवश्यक है तो किसी ज्योतिषाचार्य को कुंडली दिखाकर सलाह लेकर ही करें, क्योंकि इस अवधि में व्यक्ति के निर्णय लेने की क्षमता भी प्रभावित होती है।
महादेव ने कामदेव को भस्म किया
शिव पुराण के अनुसार, देवी-देवताओं के अनुरोध पर कामदेव ने अपना प्रेम-बाण चलाकर शिवजी की तपस्या भंग कर दी। इससे भगवान महादेव अत्यंत क्रोधित हो गए और अपने तीसरे नेत्र की ज्वाला से कामदेव को भस्म कर दिया। प्रेम के देवता कामदेव के भस्म हो जाने पर पूरी सृष्टि में शोक और हाहाकार मच गया। दुनिया थम सी गई। कामदेव की पत्नी रति ने अपने पति को पुनर्जीवित करने के लिए सभी देवी-देवताओं के साथ महादेव से प्रार्थना की किया। फिर भोलेनाथ ने प्रसन्न होकर कामदेव को जीवनदान दिया। कामदेव फाल्गुन मास की अष्टमी तिथि (होलाष्टक के पहले दिन) को भस्म हुए थे और पूर्णिमा तिथि को पुनर्जीवित हुए थे।
प्रह्लाद को यातनाएं देना आरंभ किया
पौराणिक कथा के अनुसार, फाल्गुन शुक्ल अष्टमी तिथि से ही हिरण्यकश्यप ने बेटे प्रह्लाद को तरह-तरह की यातनाएं देना आरंभ किया। होलिक-दहन तक भक्त प्रह्लाद को मारने के लिए कई षडयंत्र रचे गए, लेकिन श्रीहरि विष्णु की कृपा से प्रह्लाद का कुछ भी नहीं हुआ। फाल्गुन पूर्णिमा को हिरण्यकश्यप की बहन होलिका स्वयं जलकर मर गई, लेकिन प्रह्लाद जीवित बच गए। अष्टमी से पूर्णिमा तक भक्त प्रह्लाद पर कई तरह के अत्याचार हुए। इसी कारण इन 8 दिनों में कोई शुभ कार्य नहीं किया जाता है।
होलाष्टक के दिनों करें इन मंत्रों का जाप-
होलाष्टक के दिनों में ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करते रहना चाहिए। यदि आप शिवजी के भक्त हैं, तो शिवलिंग पर जल और दूध चढ़ाएं। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। हनुमानजी के भक्त है, तो हनुमान मंदिर में दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। होलाष्टक के दिनों भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप बालगोपाल की भी विशेष पूजा करनी चाहिए। दक्षिणावर्ती शंख से भगवान का अभिषेक करें। कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जाप करें। होलाष्टक के दिनों में नकारात्मकता ज्यादा सक्रिय रहती है, जिससे हमारे विचारों में बढ़ने वाली नकारात्मकता पर नियंत्रण, मन को शांत एवं सकारात्मक रखने के लिए ध्यान और भगवान का ध्यान भी करना चाहिए।
होलाष्टक में ये भी करें-
- होलाष्टक में पूजा-पाठ और जप-तप करना बहुत उत्तम माना गया है। इस अवधि में भगवान विष्णु या कुल देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना करने से सुख-शांति में वृद्धि होती है।
- होलाष्टक में ऋण मोचन स्त्रोत या श्रीसूक्त का पाठ करना चाहिए और अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य के कार्य भी करने चाहिए।
- होलाष्टक की अवधि में प्रतिदिन भगवान कृष्ण को गुलाब अबीर लगाना चाहिए और मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करनी चाहिए।
- होलाष्टक में भगवान शिव की प्रतिदिन पूजा-अर्चना करें और इस अवधि में महामृत्युंजय मंत्र का जप करना बहुत उत्तम माना गया है।
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होलाष्टक के दिन या होलाष्टक लगने के साथ होलिका-पूजन करने के लिए होलिका-दहन वाले स्थान को गंगाजल से शुद्ध कर उसमें सूखी लकड़ी, उपले व होलिका दहन के लिए दो डंडे स्थापित किए जाते है। एक डंडे को प्रह्लाद एवं दूसरे डंडे को उनकी बुआ होलिका माना जाता है। इसी दिन को होलाष्टक प्रारम्भ का दिन माना जाता है।
होलिका दहन
प्रतिपदा युक्त पूर्णिमा साढ़े तीन प्रहर से ऊपर होने पर प्रदोष व्यापिनी प्रतिपदा में होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत है। परन्तु, ‘धर्म सिन्धु’ के पृष्ठ-229 के अनुसार, भद्रायुक्त पूर्णिमा को होलिका दहन वर्जित है। अत: होलिका दहन 7 मार्च को प्रदोष काल के पश्चात होगा तथा होलिकोत्सव 8 मार्च 2023 को होगी। अर्थात आठ मार्च को होली खेली जाएगी।
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होलिका दहन के दिन करें ये उपाय-
होली से एक दिन पहले होलिका दहन के दिन कुछ उपाय करने से नकारात्मक शक्तियां (Negative Energy) दूर होती हैं। होलिका-दहन की पूजा के समय कुछ ऐसे कार्य करने से आपको जीवन में प्रगति होगी एवं आर्थिक तंगी से मुक्ति मिलने लगेगी। अपनी प्रगति, घर में सुख-शांति के लिए निम्न उपाय कर सकते हैं-
होलिका की राख घर में लाएं- होलिका दहन की राख को होली की सुबह अपने घर में लाएं। उसे साबुत नमक और राई में मिलाकर शुद्ध स्थान पर रख दें। इससे घर की नकारात्मक शक्तियां दूर होगी और आपको आपके बुरे वक्त से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी। ये उपाय हिन्दू घरों में बड़े-बूढ़ें, दादी भी बताते आ रहे हैं।
होलिका की अग्नि में डालें नारियल- यदि आप व्यवसाय, नौकरी व अपने कैरियर को लेकर संतुष्ट नहीं है अथवा अच्छी नौकरी खोज रहें हैं, तो होलिका दहन के समय नारियल को अग्नि में डालें। इसके बाद सात बार होलिका की परिक्रमा करें।
मेवा और मिठाई का लगाएं भोग- आर्थिक तंगी है, अनवरत आपको पैसों की कमी रहती है, इसलिए आप आर्थिक समस्या से मुक्ति चाहते हैं तो होलिका-दहन की पूजा के समय मेवा और मिठाई का भोग लगाएं। इससे धन की कमी दूर होने एवं सुख-शांति आने के द्वार खुलने लगेंगे।
गरीबों को दान- होलिका दहन के दिन गरीबों को दान करने से पुण्य तो मिलता ही है साथ ही आपको मानसिक शांति भी मिलेगी।
काला तिल, नारियल व सरसों- अगर आपको किसी अज्ञात शक्ति से डर लग रहा हो, बुरे विचार आते हों तो होलिका-दहन की पूजा में सरसो, काला तिल और नारियल को सात बार अपने सिर के ऊपर से घुमाकर (फेर कर), इसे होलिका की अग्नि में डाल दें।
नारियल सुपारी सहित पान का पत्ता- अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए आप पान के पत्ते को सुपारी और नारियल के साथ होलिका की अग्नि में अपनी मनोकामना पूर्ति की प्रार्थना करते हुए अर्पित कर दें। इससे आपकी मनोकामना पूरी हो सकती है।
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होलिका दहन से पहले ही चार राशि वालों का शनिदेव करेंगे भाग्योदय
सात मार्च 2023 को होलिका दहन और 8 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। इस बीच 6 मार्च को रात लगभग 11:36 बजे शनि चार राशियों का भाग्योदय करने वाले हैं। इन राशियों के जातकों को इस अवधि शुभफल की प्राप्ति एवं यश मिलने के प्रबल योग हैं।
न्याय के देवता शनिदेव होलिका दहन से ठीक कुछ घंटे पहले निम्न इन चार राशियों का भाग्योदय करने वाले हैं। अतः इन चारों राशियों के लोगों को पूर्ण लाभ उठाते हुए इस अवधि में मिले कोई अवसर हाथ लगे, तो उसे कदापि नहीं छोड़ना चाहिए-
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सात मार्च 2023 को होलिका दहन और 8 मार्च को होली का त्योहार मनाया जाएगा। इस बीच 6 मार्च को रात लगभग 11:36 बजे शनि चार राशियों का भाग्योदय करने वाले हैं। इन राशियों के जातकों को इस अवधि शुभफल की प्राप्ति एवं यश मिलने के प्रबल योग हैं।
न्याय के देवता शनिदेव होलिका दहन से ठीक कुछ घंटे पहले निम्न इन चार राशियों का भाग्योदय करने वाले हैं। अतः इन चारों राशियों के लोगों को पूर्ण लाभ उठाते हुए इस अवधि में मिले कोई अवसर हाथ लगे, तो उसे कदापि नहीं छोड़ना चाहिए-
सिंह
शुभ समाचार मिलने के प्रबल योग हैं,
सभी ऋणों के भार में कमी होगी या मुक्ति मिलेगी,
आर्थिक उन्नति होगी एवं बचत करने के योग हैं,
रुका हुआ या फंसा धन मिल सकेगा.
बस सेहत को लेकर लापरवाही ना करें.
कुंभ
आय के साधन बढ़ेंगे और धन आएगा.
दोस्तों का सहयोग मिलेगा और कई बड़े काम होंगे.
किस्मत का साथ मिलेगा.
पुराना निवेश मोटा मुनाफा करा सकता है.
लेकिन किसी पर भी आंखमूंद कर विश्वास ना करें.
वृषभ
रूके काम बनने लगेंगे.
शनि भाग्योदय कर देंगे.
सभी काम तेजी से होंगे.
करियर में उछाल आएगा.
लेकिन छिपे दुश्मन जलेंगे, थोड़ा सावधानी बरतें.
तुला
कोई गुडन्यूज आने वाली है.
नौकरी नहीं है तो लग जाएगी.
नौकरीपेशा हैं तो तरक्की होगी.
कार्यशैली में सुधार से फायदा होगा और तारीफ मिलेगी.
मेहनत का फल मिलने वाला है.
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