कलकत्ता HC के जज ने दिया ऐसा आदेश, कि रात 8 बजे बैठा सुप्रीम कोर्ट और लगाया स्टे
CJI ने लिया जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश का स्वत: संज्ञान
- HC जज ने SC के सेक्रेटरी जनरल को आदेश दिया था- रात 12 बजे तक दस्तावेज प्रस्तुत करें
- कलकत्ता हाई कोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के आदेश पर सुनवाई
- सुप्रीम कोर्ट में रोचक दृश्य, रात 8 बजे मामला सुनने बैठी दो जजों की बेंच
- सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ऑर्डर पर स्थायी रोक लगाई, कहा- आगे कुछ नहीं होगा
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13 अप्रैल 2023 को जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने पश्चिम बंगाल के "स्कूल नौकरी घोटाले" को ED और CBI को यह भी अनुमति दी थी, कि यदि केंद्रीय एजेंसियों को जरूरी लगता है तो वे इस मामले में कुंतल घोष से भी पूछताछ कर सकती हैं।
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय |
जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने कोलकाता में पत्रकारों के सामने कहा, अनुशासन बना रहना चाहिए और चूंकि सुप्रीम कोर्ट देश की शीर्ष अदालत है, हाईकोर्ट के रूप में हमें उसके निर्देश का पालन करना चाहिए।
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के कथित रूप से जजों को धमकाने वाले भाषण का जिक्र किया। जजों को ऐसे धमकाया नहीं जाना चाहिए।
धर्म नगरी / DN News (दिल्ली ब्यूरो)
सर्वोच्च न्यायालय (SC) में शुक्रवार (28 अप्रैल) देर शाम बड़ा नाटकीय घटनाक्रम हुआ। कलकत्ता हाई कोर्ट से ऐसा आदेश पारित हुआ, कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा। SC ने कलकत्ता उच्च न्यायालय (HC) के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय के अभूतपूर्व आदेश पर 'परमानेंट रोक' लगा दी। जस्टिस गंगोपाध्याय ने SC के सेक्रेटरी जनरल को निर्देश दिया था, कि उन्हें वह रिपोर्ट और उनके इंटरव्यू की ट्रांसलेटेड ट्रांस्क्रिप्ट भेजी जाए।
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रात 8:10 बजे हुई सुनवाई...
सीजेआई ने जस्टिस गंगोपाध्याय के आदेश का स्वत: संज्ञान लिया। उनके आदेश की वैधता पर सुनवाई का जिम्मा सीजेआई ने जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस हिमा कोहली को सौंपा। कोर्ट नंबर-2 में दोनों जज बैठे। बेंच ने HC जज के आदेश पर स्थायी रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि HC का आदेश 'प्रॉपर नहीं है' और 'न्यायिक अनुशासन' के खिलाफ है।
किसने क्या कहा
SC ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोर्ट की मदद करने को कहा था। सॉलिसिटर जनरल ने कहा- 'मेरा स्टैंड एकदम साफ है। जज को आदेश नहीं देना चाहिए था। मैं आदेश पर स्टे की गुजारिश करता हूं।'
SC पीठ ने कहा- 'हमने HC जज के आदेश पारित करते पर यह कार्यवाही शुरू की है। HC जज ने वह आदेश अपने ही प्रस्ताव पर दिया है। हमने सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के फैसले का भी संज्ञान लिया है।'
किसने क्या कहा
SC ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कोर्ट की मदद करने को कहा था। सॉलिसिटर जनरल ने कहा- 'मेरा स्टैंड एकदम साफ है। जज को आदेश नहीं देना चाहिए था। मैं आदेश पर स्टे की गुजारिश करता हूं।'
SC पीठ ने कहा- 'हमने HC जज के आदेश पारित करते पर यह कार्यवाही शुरू की है। HC जज ने वह आदेश अपने ही प्रस्ताव पर दिया है। हमने सीजेआई की अध्यक्षता वाली बेंच के फैसले का भी संज्ञान लिया है।'
जस्टिस बोपन्ना ने कहा- 'शीर्ष कोर्ट के निर्देश के तत्काल बाद जस्टिस गंगोपाध्याय का आदेश जारी करना उचित नहीं था।'
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ के रुख पर सहमति जताया और कहा- 'जस्टिस गंगोपाध्याय को यह आदेश नहीं पारित करना चाहिए था।'
पीठ ने कहा- 'सॉलिसिटर जनरल ने सही कहा कि वर्तमान प्रकृति का आदेश न्यायिक कार्यवाही के दौरान नहीं पारित किया जा सकता, खासकर न्यायिक अनुशासन को ध्यान में रखकर। वर्तमान कार्यवाही बंद हो चुकी है। हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाई जाती है। जस्टिस बोपन्ना ने कहा, मामले में आगे किसी कार्यवाही की जरूरत नहीं।'
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SC का फाइनल ऑर्डर
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, 'एसजी ने ठीक ही कहा कि न्यायिक कार्यवाही में इस तरह का आदेश नहीं पारित किया जाना चाहिए था, न्यायिक अनुशासन का ध्यान रखा जाना चाहिए था। हम कलकत्ता हाई कोर्ट के जज के सुओ मोटू ऑर्डर पर रोक लगाते हैं। हम SC के सेक्रेटरी जनरल को इस आदेश की एक कॉपी फौरन ही HC के रजिस्ट्रार जनरल को भेजने का निर्देश देते हैं, वे इसकी जानकारी उस HC जज को देंगे, जिन्होंने यह आदेश पारित किया है।' बेंच ने कहा कि अब इस मामले में और किसी कार्यवाही की जरूरत नहीं है।
"जजों को निशाना बनाने का चलन"
पश्चिम बंगाल शिक्षक भर्ती घोटाले की सुनवाई से कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय को हटाने के मामले में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा- जजों को उनके फैसले के लिए निशाना बनाने का चलन बन गया है। खासतौर पर तब, जब जज किसी विशेष व्यक्ति की इच्छा के अनुसार फैसला नहीं सुनाते। मेहता ने टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी के कथित रूप से जजों को धमकाने वाले भाषण का जिक्र किया। जजों को ऐसे धमकाया नहीं जाना चाहिए।
सॉलिसिटर जनरल मेहता ने बताया, जस्टिस गंगोपाध्याय के अलावा एक और जज के साथ ऐसा हुआ। नाम नहीं लूंगा, उन्हें चैंबर में बंद कर दिया था। बाहर नहीं आने दिया जा रहा था। जस्टिस गंगोपाध्याय की कोर्ट में भी लोग पेपरवेट और चप्पलें लेकर पहुंचे थे। उनके घर के बाहर पोस्टर लगाए गए। TMC नेता अभिषेक ने धमकी भरा भाषण दिया। इससे न्यायपालिका के लिए बेहद निराशाजनक संदेश जाता है। वे सही हैं या गलत, यह पूरी तरह से आपका विवेक है। ऐसे तत्वों का हौसला बढ़ा, तो अन्य जजों के सामने भी ऐसी हरकतें होंगी। इस तरह लोगों को अदालत में घुसने और जजों को गाली देने नहीं दिया जा सका।
उल्लेखनीय है, इसी माह (13 अप्रैल 2023 को) जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय की एकल पीठ ने पश्चिम बंगाल के "स्कूल नौकरी घोटाले" को लेकर ईडी और सीबीआई को यह भी अनुमति दिया था, कि यदि केंद्रीय एजेंसियों को जरूरी लगता है तो वे इस मामले में कुंतल घोष से भी पूछताछ कर सकती हैं।
स्थानांतरित करने का कारण साक्षात्कार
CJI जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, मैं मामले का प्रशासनिक पक्ष देखूंगा। जज बहुत कठिन काम करते हैं। ऐसी घटनाएं कहीं भी नहीं होनी चाहिए। पीठ ने स्पष्ट किया, कार्यवाही को किसी अन्य न्यायाधीश को स्थानांतरित करने का एकमात्र कारण साक्षात्कार का ट्रांसक्रिप्शन है और कुछ नहीं।
...सुप्रीम निर्देश मानूंगा
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने शुक्रवार रात कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे। जस्टिस गंगोपाध्याय ने कोलकाता में पत्रकारों के सामने कहा, अनुशासन बना रहना चाहिए और चूंकि सुप्रीम कोर्ट देश की शीर्ष अदालत है, हाईकोर्ट के रूप में हमें उसके निर्देश का पालन करना चाहिए। यह पूछे जाने पर कि क्या वह इस्तीफा देंगे, उन्होंने, मैं भागने वालों में से नहीं हैं।
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कौन हैं अभिषेक बनर्जी
अभिषेक टीएमसी के दूसरे नंबर के नेता हैं। माना जा रहा है कि तेज तर्रार नेता अभिषेक को ममता बनर्जी के बाद पार्टी की कमान मिल सकती हैं। पश्चिम बंगाल की VIP सीट डायमंड हार्बर से दूसरी बार सांसद चुने गए। 2019 लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार नीलांरजर रॉय को हराकर संसद में पहुंचे। नवंबर 1987 में कोलकाता में जन्में सीएम ममता बनर्जी के भाई अमित बनर्जी के बेटे अभिषेक बनर्जी की शिक्षा-दीक्षा पश्चिम बंगाल में ही हुई। मैनेजमेंट की पढ़ाई अभिषेक ने नई दिल्ली की है। 2012 में रूजीरा बनर्जी से शादी हुई। अभिषेक की दो संतान हैं।
उल्लेखनीय है, 2011 विधानसभा चुनाव में जब ममता बनर्जी ने कम्युनिस्ट शासन को 34 साल बाद बंगाल से उखाड़कर फेंकाऔर पश्चिम बंगाल में एक ऐतिहासिक जीत दर्ज की, उसी ससय अभिषेक बनर्जी की टीएमसी में एंट्री हुई। अभिषेक ने युवा ईकाई का पदभार संभाला और वर्तमान में अभिषेक बनर्जी पार्टी सांसद के साथ टीएमसी युवा पार्टी के अध्यक्ष हैं, जो प्रायः अपने बयान और अंदाज के लिए चर्चा में बने रहते हैं। हाालंकि कुछ विवादों से भी उनका और उनकी पत्नी रूजीरा बनर्जी का नाम जुड़ा, जिससे पार्टी को फजीहत को सामना भी करना पड़ा।
जून 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में शानदार जीत के बाद TMC की शनिवार को बड़ी बैठक हुई। बैठक में अभिषेक बनर्जी को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया।
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