कालाष्टमी : काल भैरव का दिन, करें विशेष उपाय, प्रत्येक माह पड़ने वाली यह तिथि विशेष है, क्योंकि...
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कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के स्वरूप काल भैरव की पूजा करने का विधान है। हिन्दू पंचाग के अनुसार प्रत्येक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन काल भैरव के साथ भगवान शिव की भी पूजा होती है। काल भैरव महादेव शिव के ही रूप हैं। जो की उनके क्रोद्धित होने पर अवतरित हुए थे। काल भैरव के भक्त इस दिन उनकी विशेष पूजा करते हैं और उपवास रखते हैं।कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा और उपवास करने से जीवन की विभिन्न समस्याएं दूर हो जाती हैं और दु:खों नष्ट होते है। कालाष्टमी के व्रत के साथ अगर कुछ उपाय भी कर लिए जाएं, तो हर मनोकामना पूरी हो जाती है। कालाष्टमी दिन किए जाने वाले कुछ अचूक उपाय हैं, जिन्हे पूरी श्रद्धा और आस्था से इन्हें करने से मन की सभी कामनाएं अवश्य पूरी होती हैं।
कालाष्टमी तिथि (के दिन) करें ये उपाय
काल भैरव की पूजा करें-
अकाल मृत्यु से बचना है तो इस दिन काल भैरव अथवा भगवान शिव के मंदिर में अवश्य जाएं। उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
रुके हुए काम पूरा करने हेतु-
कालाष्टमी वाले दिन 21 बेलपत्रों पर चंदन से ॐ नम: शिवाय लिखकर शिवलिंग पर अर्पित करें। इस विधि से पूजा करने से काल भैरव के साथ-साथ भगवान शिव भी प्रसन्न होते हैं और तमाम रुके हुए काम पूर्ण होते हैं।
सुखी वैवाहिक जीवन का उपाय-
सुखी दांपत्य जीवन और घर के कलह-कलेश को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन सुबह शमी के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं। रात को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
बटुक भैरव कवच का पाठ-
कालाष्टमी के दिन बटुक भैरव कवच का पाठ करें। इस उपाय को करने से किसी भी काम में बार-बार आनी वाली मुश्किलें दूर हो जाती हैं।
कुंडली दोष दूर करने हेतु-
कालाष्टमी के दिन कुंडली के दोषों को दूर करने के लिए सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा सौ ग्राम काले तिल और 11 रुपए लेकर सवा मीटर काले कपड़े में बांधकर पोटली बना लें, फिर इसे काल भैरव के मंदिर में रख आएं।
अगर आपके दाम्पत्य जीवन में अब पहले जैसी मधुरता नहीं रही, आपका जीवनसाथी आपसे ठीक तरह से बात नहीं करता, तो आज मंदिर में तिल की बर्फी दान करें। आज के दिन ऐसा करने से आपके दाम्पत्य जीवन में मधुरता आयेगी और आपका जीवनसाथी आपसे ठीक तरह से बात करने लगेगा।
अपने बिजनेस को दूसरे शहरों में फैलाने की इच्छा रखते हैं, तो इस तिथि / दिन किसी भैरव मन्दिर में जाकर भैरव जी को सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ाएं। चढ़ाने के बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अलग निकाल लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर अपने कार्यस्थल पर तिजोरी में रख दें। साथ ही ध्यान रखें, दानों को कपड़े में रखते समय हर दाने के साथ ये मंत्र पढ़ें। मन्त्र इस प्रकार है-
ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ
यदि आप अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो इस दिन आप भैरवजी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलायें एवं भैरव जी से अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी के लिये प्रार्थना करें। दीपक जलाते समय दो बार मंत्र पढ़ें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके जीवन में कोई समस्या है, तो उसे अपने जीवन से दूर करने इस दिन आप एक सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी लेकर काले कुत्ते को डालें। रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव का ध्यान करते हुए 5 बार मंत्र का जाप करें-
ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ
किसी बात को लेकर आप दुविधा में पड़े हैं और आप उस दुविधा से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, तो इससे छुटकारा पाने हेतु आप सात बिल्व पत्र लें और उन्हें साफ पानी से धोकर, उन पर चंदन से ‘ऊं’ लिखें। फिर उन बेल पत्रों को शिवलिंग पर चढ़ा दें। हाथ जोड़कर भगवान शिव को प्रणाम करें और मन ही मन भैरव जी का ध्यान करके उनके मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके घर में नकारात्मकता (negativity) बहुत अधिक हो गई लगती है, जिसके कारण आपके परिवार के लोगों का किसी काम में अच्छे से मन नहीं लगता, तो इस दिन आप मौली से एक लंबा-सा धागा निकालकर, उसमें सात गांठे लगाकर अपने घर के मेन गेट पर बांधना चाहिए। एक-एक गांठ लगाते समय मंत्र का जाप भी करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आप अपने आर्थिक रूप से लाभ को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं, तो आज आपको स्नान आदि के बाद भैरव जी की विधि-विधान से पूजा करें। उन्हें जलेबी का भोग लगाये। साथ ही उनके मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
अपने जीवन में आप स्थिरता बनाये रखना चाहते, हैं तो उसके लिये इस दिन आप स्नान आदि के बाद भैरव बाबा को काले तिल अर्पित करें। घंटा या घंटी बजाकर मंत्र बोलते हुए भगवान की पूजा करनी चाहिए। वो मंत्र इस प्रकार है-
सुखी वैवाहिक जीवन का उपाय-
सुखी दांपत्य जीवन और घर के कलह-कलेश को दूर करने के लिए कालाष्टमी के दिन सुबह शमी के पेड़ की जड़ में जल चढ़ाएं। रात को सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
बटुक भैरव कवच का पाठ-
कालाष्टमी के दिन बटुक भैरव कवच का पाठ करें। इस उपाय को करने से किसी भी काम में बार-बार आनी वाली मुश्किलें दूर हो जाती हैं।
कुंडली दोष दूर करने हेतु-
कालाष्टमी के दिन कुंडली के दोषों को दूर करने के लिए सवा सौ ग्राम काले उड़द, सवा सौ ग्राम काले तिल और 11 रुपए लेकर सवा मीटर काले कपड़े में बांधकर पोटली बना लें, फिर इसे काल भैरव के मंदिर में रख आएं।
अगर आपके दाम्पत्य जीवन में अब पहले जैसी मधुरता नहीं रही, आपका जीवनसाथी आपसे ठीक तरह से बात नहीं करता, तो आज मंदिर में तिल की बर्फी दान करें। आज के दिन ऐसा करने से आपके दाम्पत्य जीवन में मधुरता आयेगी और आपका जीवनसाथी आपसे ठीक तरह से बात करने लगेगा।
अपने बिजनेस को दूसरे शहरों में फैलाने की इच्छा रखते हैं, तो इस तिथि / दिन किसी भैरव मन्दिर में जाकर भैरव जी को सवा सौ ग्राम साबुत उड़द चढ़ाएं। चढ़ाने के बाद उसमें से 11 उड़द के दाने गिनकर अलग निकाल लें और उन्हें एक काले कपड़े में बांधकर अपने कार्यस्थल पर तिजोरी में रख दें। साथ ही ध्यान रखें, दानों को कपड़े में रखते समय हर दाने के साथ ये मंत्र पढ़ें। मन्त्र इस प्रकार है-
ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ
यदि आप अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी करना चाहते हैं, तो इस दिन आप भैरवजी के आगे मिट्टी के दीपक में सरसों के तेल का दीपक जलायें एवं भैरव जी से अपने सुख-साधनों में बढ़ोतरी के लिये प्रार्थना करें। दीपक जलाते समय दो बार मंत्र पढ़ें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके जीवन में कोई समस्या है, तो उसे अपने जीवन से दूर करने इस दिन आप एक सरसों के तेल में चुपड़ी हुई रोटी लेकर काले कुत्ते को डालें। रोटी पर तेल चुपड़ते समय भैरव का ध्यान करते हुए 5 बार मंत्र का जाप करें-
ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ
यदि आपको किसी प्रकार का भय रहता है, तो उससे मुक्ति पाने के लिये इस दिन आप भैरव जी के चरणों में एक काले रंग का धागा रखें। उस धागे को 5 मिनट के लिये वहीं पर रखा रहने दीजिये और इस अवधि में मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
अपने बिजनेस पार्टनर से पूरी तरह आपको सहयोग नहीं मिल रहा है, जिससे आपके काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं, तो इस दिन (कालाष्टमी को ) आप रोटी में शक्कर मिलाकर उसका चूरमा बनाएं और उससे भैरव बाबा को भोग लगाते हुए मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की समस्या बनी है, जिसके कारण आप भी परेशान हैं, तो अपनी और उनकी समस्या दूर करने इस दिन / तिथि को आपको स्नान आदि के बाद शिवजी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठ जाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव के मंत्र का भी जाप करना चाहिए-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके बच्चे के ऊपर किसी ने जादू-टोना करवा रखा है, यदि आपको ऐसा लगता है, जिसके प्रभाव से आपका बच्चा प्रगति नहीं कर पा रहा है, तो इस दिन / तिथि को एक मुट्ठी काले तिल लेकर, भैरव बाबा का ध्यान करते हुए अपने बच्चे के सिर से सात बार वारना है- 6 बार सीधे (क्लॉक वाइज़) और एक बार उलटे (एंटी क्लॉक वाइज़) वारना है। इसके बाद उन तिलों को किसी बहते पानी के स्रोत में प्रवाहित कर दें। तिल प्रवाहित करते समय मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
अपने बिजनेस पार्टनर से पूरी तरह आपको सहयोग नहीं मिल रहा है, जिससे आपके काम पूरे नहीं हो पा रहे हैं, तो इस दिन (कालाष्टमी को ) आप रोटी में शक्कर मिलाकर उसका चूरमा बनाएं और उससे भैरव बाबा को भोग लगाते हुए मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके जीवनसाथी को किसी प्रकार की समस्या बनी है, जिसके कारण आप भी परेशान हैं, तो अपनी और उनकी समस्या दूर करने इस दिन / तिथि को आपको स्नान आदि के बाद शिवजी की प्रतिमा के आगे आसन बिछाकर बैठ जाएं और शिव चालीसा का पाठ करें। शिव चालीसा के पाठ के बाद एक बार भैरव के मंत्र का भी जाप करना चाहिए-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके बच्चे के ऊपर किसी ने जादू-टोना करवा रखा है, यदि आपको ऐसा लगता है, जिसके प्रभाव से आपका बच्चा प्रगति नहीं कर पा रहा है, तो इस दिन / तिथि को एक मुट्ठी काले तिल लेकर, भैरव बाबा का ध्यान करते हुए अपने बच्चे के सिर से सात बार वारना है- 6 बार सीधे (क्लॉक वाइज़) और एक बार उलटे (एंटी क्लॉक वाइज़) वारना है। इसके बाद उन तिलों को किसी बहते पानी के स्रोत में प्रवाहित कर दें। तिल प्रवाहित करते समय मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
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‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आपके घर में नकारात्मकता (negativity) बहुत अधिक हो गई लगती है, जिसके कारण आपके परिवार के लोगों का किसी काम में अच्छे से मन नहीं लगता, तो इस दिन आप मौली से एक लंबा-सा धागा निकालकर, उसमें सात गांठे लगाकर अपने घर के मेन गेट पर बांधना चाहिए। एक-एक गांठ लगाते समय मंत्र का जाप भी करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
आप अपने आर्थिक रूप से लाभ को और अधिक बढ़ाना चाहते हैं, तो आज आपको स्नान आदि के बाद भैरव जी की विधि-विधान से पूजा करें। उन्हें जलेबी का भोग लगाये। साथ ही उनके मंत्र का जाप करें-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
अपने जीवन में आप स्थिरता बनाये रखना चाहते, हैं तो उसके लिये इस दिन आप स्नान आदि के बाद भैरव बाबा को काले तिल अर्पित करें। घंटा या घंटी बजाकर मंत्र बोलते हुए भगवान की पूजा करनी चाहिए। वो मंत्र इस प्रकार है-
‘ऊँ ह्रीं बटुकाय आपद्उद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ऊँ‘
(Disclaimer : उपरोक्त लेख / जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है।)
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