1 अगस्त मंगलवार : प्रमुख समाचार पत्रों की "हेड लाइन्स" व महत्वपूर्ण संक्षिप्त समाचार
एक अगस्त की भारत व विश्व की प्रमुख घटनाएं-
आज के कुछ चुनिंदा ट्वीट्स, पोस्ट व उनपर आपकी प्रतिक्रिया...
धर्म नगरी / DN News
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प्रमुख समाचार पत्रों की हेडलाइन्स (1 अगस्त, 2023)-
मणिपुर हिंसा पर उच्चतम न्यायालय की टिप्पणी और हरियाणा के नूंह में धार्मिक जुलूस पर पथराव को समाचार पत्रों ने प्रमुखता दी है। पंजाब केसरी लिखता है- हरियाणा में हाईअलर्ट, नूंह, गुरूग्राम, फरीदाबाद और पलवल में शिक्षा संस्थान तथा इंटरनेट बंद। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने शांति की अपील की।जयपुर-मुंबई ट्रेन में आर.पी.एफ सिपाही की फायरिंग में चार लोगों की मौत राजस्थान पत्रिका की बडी खबर है। मृतकों में आर.पी.एफ.का सहायक सब-इंस्पेक्टर भी शामिल। जनसत्ता लिखता है- दिल्ली सेवा विधेयक आज लोकसभा में होगा पेश। विधेयक के माध्यम से केन्द्र सरकार दिल्ली के अधिकारियों के स्थानांतरण और नियुक्ति के अधिकार में संशोधन करने का प्रावधान लेकर आई है।
दैनिक जागरण में समाचार है- पूरी दुनिया में होगा भारत के यू पी आई का दबदबा, डॉलर पर निर्भरता कम करने के लिए स्थानीय करंसी में वैश्विक व्यापार की तैयारी कर रहा भारत। जी-20 देशों के जरिये दुनिया की 80 प्रतिशत अर्थव्यवस्था को डिजिटल भुगतान के लिए राजी कर चुका है भारत। मास्टर कार्ड और वीजा का दबदबा होगा खत्म।
दैनिक भास्कर झलकी समृद्धि शीर्षक से लिखता है- देश में दस लाख रूपये से ज्यादा कमाने वाले साल भर में ही तिगुना हुए और पांच लाख रूपये से कम कमाने वाले भी हुए दुगुने। आई टी आर भरने वालों में सबसे ज्यादा बढोतरी आंध्रप्रदेश, बिहार, पंजाब, ओडिसा और उत्तर प्रदेश में।
पूर्वी और मध्य-पूर्व भारत में मूसलाधार वर्षा !
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों में पूर्वी और मध्यपूर्व भारत में मूसलाधार वर्षा का अनुमान व्यक्त किया है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, ओडिसा, पश्चिम बंगाल के गांगेय क्षेत्र, कर्नाटक, झारखंड और सिक्किम में तेज वर्षा हो सकती है। मौसम कार्यालय के अनुसार, अगले पांच दिनों में कोंकण, गोवा और मध्य महाराष्ट्र में तेज बारिश होने का अनुमान व्यक्त किया है।
लोकसभा में आज आएगा दिल्ली-(संशोधन) विधेयक-2023
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली-(संशोधन) विधेयक-2023 प्रस्तुत करेंगे। यह विधेयक, सेवाओं से संबंधित केंद्र के अध्यादेश का स्थान लेगा और दिल्ली के प्रशासन में उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां प्रदान करेगा। इस वर्ष 19 मई को राष्ट्रपति ने अध्यादेश जारी किया था।
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1831- नए लंदन ब्रिज को यातायात के लिए खोला गया।
1834- Slavery abolished in British Empire. The Slavery Abolition Act-1833 came into force a year after it was passed by the British Parliament. The act was repealed in 1998.
1883- ग्रेट ब्रिटेन में अंतर्देशीय डाक सेवा शुरू।
1914- प्रथम विश्व युद्ध शुरू।
1916- भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष एनी बेसेंट ने होम रूल लीग की शुरुआत की।
1920- विद्वान, गणितज्ञ, दार्शनिक, उग्र भारतीय राष्ट्रवादी नेता लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक का निधन।
1953- क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो को गिरफ्तार किया गया।
1953- देश में सभी एयरलाइंसों का हवाई निगम अधिनियम के तहत राष्ट्रीयकरण किया गया।
1957- नेशनल बुक ट्रस्ट NBT की स्थापना।
1960- पाकिस्तान की राजधानी कराची से बदलकर इस्लामाबाद कर दिया गया।
1975- दुर्बा बनर्जी वाणिज्यिक यात्री विमान का संचालन करने वाली विश्व की पहली पेशेवर महिला पायलट बनीं।
1995- हब्बल दूरबीन ने शनि के एक और चन्द्रमा की खोज की।
2000- ईरान में महिलाएं भी इमाम बनीं।
2006- जापान ने दुनिया की पहली भूकम्प पूर्व चेतावनी सेवा शुरू की।
2007- वियतनाम के हनोई शहर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गणित ओलम्पियाड में भारतीय दल के छह सदस्यों ने तीन रजत पदक जीते।
2008- अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बोर्ड ने भारत के विशेष निगरानी समझौते को हरी झंडी दी।
2010- अनुषा रिजवी की किसानों की आत्महत्या, मीडिया तथा राजनीतिक ड्रामे पर आधारित ‘पीपली लाइव’ को 31वें डरबन अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव में सर्वश्रेष्ठ फीचर फिल्म का पुरस्कार दिया गया।
2017- अफगानिस्तान में एक मस्जिद पर आत्मघाती हमले में 20 लोग मारे गए।
लोकमान्य तिलक जी का जन्म गांव-चिखली रत्नागिरी जिले (महाराष्ट्र) स्थित इसी घर में हुआ। फोटो साभार- Wikimedia Commons |
उसी मांडले सेंट्रल जेल से नेताजी सुभाष ने
जीवन के अंतिम मांडले जेल में लोकमान्य बालगंगाधर तिलक जी का 6 साल का कारावास बहुत कठिन था। (समझौतावादी एवं अंग्रेजों से सहयोगात्मक रुख के कारण ऐसा कारावास किसी नेहरू, गाँधी लिखने वाले लोगों और उनके जैसों को अंग्रेजों ने कभी नहीं दिया। इस हकीकत को हमारे भारतीय इतिहास से बिल्कुल से गायब कर दिया गया, क्योंकि 1947 तथाकथित आजादी या सत्ता के हस्तांतरण में सत्ता ऐसे लोगों के हाथ चली गई।) जेल से रिहा होने के बाद उनका स्वास्थ्य बिगड़ता चला गया। (वैसे भी जब लोकमान्य ने मांडले जेल को अंतिम नमस्कार किया था, तो उनके जीवन के दिन गिने-चुने ही रह गये थे. निसंदेह ये एक गंभीर दुख का विषय है कि हमने अपने महानतम पुरुषों को इस प्रकार खोते रहे।)
नेताजी संपूर्ण वांग्मय के खंड-3 में ये लेख बाद में पूरा प्रकाशित हुआ. इस पत्र को सेंसर द्वारा इस आधार पर रोक लिया गया था कि इसे सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक माना गया था. इसके खास अंश इस तरह हैं. ये लेख उन्होंने नृसिंह चिंतामणि केलकर के नाम लिखकर भेजा था. इसमें उन्होंने लगातार याद किया कि मांडले जेल का तिलक का 06 साल का कारावास कितना कठिन रहा होगा.
मांडले सेंट्रल जेल
20 अगस्त 1925
प्रिय श्री केलकर,
मैं पिछले कुछ महीनों से आपको लगातार लिखने की सोचता रहा हूं. मैं नहीं जानता कि आपको मालूम है या नहीं कि मैं यहां गत जनवरी से कारावास में हूं. जब बरहमपुर जेल (बंगाल) से मुझे मांडले जेल के लिए स्थानांतरण का आदेश मिला था, तब मुझे ये स्मरण नहीं आया था कि लोकमान्य तिलक ने अपने कारावास काल का अधिकांश भाग मांडले जेल के लिए स्थानांतरण का आदेश मिला था तो मुझे स्मरण नहीं आया था, कि लोकमान्य तिलक ने अपने कारावास काल का अधिकांश भाग मांडले जेल में ही गुजारा था.
जब तक मैं यहां सशरीर आ ही नहीं गया, तब तक चहारदीवारी में यहां के बहुत ही हतोत्साहित कर देने वाले परिवेश में स्वर्गीय लोकमान्य ने अपने सुप्रसिद्ध गीता रहस्य ग्रंथ का प्रणयन किया था जिसने, मेरी नम्र राय में, उन्हें शंकर और रामानुज जैसे प्रकांड भाष्यकारों की श्रेणी में स्थापित कर दिया है.
सुभाष के पत्र को सेंसर द्वारा इस आधार पर रोक लिया, क्योंकि इसे सरकार के खिलाफ आलोचनात्मक माना गया
लकड़ी का वार्ड और मौसम की मुश्किलें
वह लिखते हैं, जिस वार्ड में लोकमान्य रहते थे, वह आज तक सुरक्षित है, यद्यपि उसमें फेरबदल किया गया है और बड़ा बनाया गया है. हमारे अपने वार्ड की तरह ये लकड़ी के तख्तों से बना है, जिसमें गर्मी में लू और धूप से, वर्षा में पानी से और शीत ऋतु में सर्दी से और सभी ऋतुओं में धूलभरी हवाओं से बचाव नहीं हो पाता. मेरे यहां पहुुंचने के कुछ ही समय बाद मुझे उस वार्ड के बारे में बताया गया. ये जेल भी कुरूप, नीरस और अरुचिकर है लेकिन मेरे लिए ये एक ऐसा तीर्थस्थल है, जहां भारत का एक महानतम सपूत लगातार छह साल तक रहा था.
हम सभी जानते हैं कि लोकमान्य ने कारावास में छह साल बिताए लेकिन मुझे विश्वास है कि बहुत कम लोगों को ये पता होगा कि उस अवधि में उन्हें किस हद तक शारीरिक और मानसिक यंत्रणाओं से गुजरना पड़ा था. वो यहां एकदम अकेले रहे औऱ उन्हें कोई बौद्धिक स्तर का साथी नहीं मिला. मुझे विश्वास है कि उन्हें किसी अन्य बंदी से मिलने-जुलने नहीं दिया जाता था. उनको सांत्वना देने वाली एकमात्र वस्तु किताबें थीं. वो कमरे में अकेले रहते थे. यहां रहते हुए उन्हें दो-तीन से ज्यादा भेटों का मौका भी नहीं दिया गया. ये मुलाकातें भी पुलिस और जेल अधिकारियों की मौजूदगी में हुई होंगी, जिसमें वो कभी खुलकर बात नहीं कर पाए होंगे.
कौन जान सकता है इस यंत्रणा को ?
इसी पत्र में सुभाष ने लिखा, उन तक कोई भी अखबार नहीं पहुंचने दिया जाता था. उनकी जैसी प्रतिष्ठा औऱ स्थिति वाले नेता को बाहरी दुनिया के घटनाचक्रों से एकदम अलग कर देना एक तरह की यंत्रणा ही है.इस यंत्रणा को जिसने भुगता है, वही जान सकता है. इसके अलावा उनके कारावास की ज्यादातर अवधि में देश का राजनीतिक जीवन बहुत मंद गति से खिसक रहा था. इस विचार ने उन्हें कोई संतोष नहीं दिया होगा कि जिस उद्देश्य को उन्होंने अपनाया था, वह उनकी अनुपस्थिति में आगे बढ़ रहा है.
उनकी शारीरिक यंत्रणा के बारे में जितना ही कम कहा जाए, बेहतर होगा. वे दंड संहिता के तहत बंद थे. इस प्रकार आज के राज बंदियों की अपेक्षा कुछ मायनों में उनकी दिनचर्या कहीं अधिक कठोर रही होगी. इसके अलावा उन्हें डायबिटीज की बीमारी थी. जब लोकमान्य यहां थे,मांडले का मौसम तब भी अमूमन ऐसा ही रहा होगा, जैसा कि ये आजकल है. यहां की जलवायु शिथिल कर देने वाली, पेट रोगों तथा गठिया को जन्म देने वाली है और धीरे धीरे पक्के तौर पर ये व्यक्ति की जीवनी शक्ति को सोख लेती है, तो लोकमान्य ने, जो वयोवृद्ध थे, कितना अधिक कष्ट झेला होगा.
कारागार की चहारदीवारियों में उन्होंने क्या यातनाएं सहीं, इसके विषय में लोगों को बहुत कम जानकारी है। इस कारागार की चहारदीवारियों में उन्होंने क्या यातनाएं सहीं, इसके विषय में लोगों को बहुत कम जानकारी है. कितने लोगों को पता होता है, वो गीता की भावना में मग्न रहते थे और शायद इसलिए दुख और यंत्रणाओं से ऊपर रहते थे. यही कारण है, कि उन्होंने उन कष्टों के बारे में किसी से कभी एक शब्द नहीं कहा.
समय-समय पर मैं इस सोच में डूबता रहता हूं कि कैसे लोकमान्य को अपने बहुमूल्य जीवन के छह लंबे साल ऐसी स्थितियों में बिताने के लिए विवश होना पड़ा होगा. हर बार मैने अपने आपसे पूछा कि अगर नौजवानों को इतना कष्ट महसूस होता है तो महान लोकमान्य को अपने समय में कितनी पीड़ा सहनी पड़ी होगी. जिसके बारे में देशवासियों को कुछ भी पता नहीं रहा होगा.
अद्भुत इच्छाशक्ति
सुभाष ने पत्र में आगे लिखा- ये दुनिया भगवान की बनाई हुई है लेकिन जेलें मनुष्य ने बनाई हैं. सभ्य समाज के विचार और संस्कार जेलों पर लागू नहीं होते. किसी को अगर ये वाकई अनुभव पाना है कि इतने ज्यादा प्रतिकूल, शक्तिहारी और दुर्बल बना लेने वाले वातावरण में लोकमान्य ने जिस तरह गीता रहस्य जैसे महान ग्रंथ की रचना करने के लिए उन्होंने वाकई जबरदस्त इच्छाशक्ति, साधना की गहराई और सहनशीलता दिखाई होगी. जिसे इन सबका अनुभव पाना है, उसे जेल में आकर रहना चाहिए.
आज तिलकजी के निधन को 103 साल हो गए। वास्तविक और फर्जी इतिहास की जैसे-जैसे हम देशवासियों को (विशेषकर सोशल मीडिया के माध्यम से) हो रही है, वैसे-वैसे फर्जी देशभक्त और ढोंगी आजादी की लड़ाई लड़ने वाले, सत्ता के चापलूसों व सत्ता के लालची नेताओं के प्रति आक्रोश घृणा या घृणा भी बढ़ती है। देशवासी अब महान राष्ट्रवादी लोकमान्य तिलकजी के देश के प्रति योगदान को समझने लगे हैं, जो मधुमेह या डायबिटीज से पीड़ित होने के बाद भी इतने लंबे तक कारावास को सहन किया, अपनी बौद्धिक क्षमता और संघर्ष शक्ति को बनाए रखा।
आदरपूर्वक
आपका स्नेहभाजन
सुभाष सी बोस
( सुभाष ने लोकमान्य को लेकर ये पत्र जिन नृसिंह केलकर को लिखा था, वो महाराष्ट्र के जाने माने साहित्यकार थे. साथ ही तिलक के केसरी अखबार के संपादक और ट्रस्टी भी थे. तिलक के जेल जाने पर वही अखबार का संपादन करते थे. बाद में वो केंद्रीय संविधान सभा में चुने गए।)
अक्टूबर 2021 में स्पेस एजेंसी ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें शनि ग्रह के 'चंद्रमा की परेड' दिख रहे हैं। नासा ने शॉर्ट वीडियो शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा- 'टाइम फॉर अ मून परेड'। वीडियो में चार खगोलीय पिंडों को एक के बाद एक लाइन से शनि ग्रह के चारों ओर घूमते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो हबल ने रिकॉर्ड किया है और इसमें शनि के चारों चंद्रमा देखे जा सकते हैं। नासा ने कैप्शन में लिखा- 'हबल के अद्भुत दृश्यों में शनि के चारों चंद्रमा अपने ग्रह के सामने से गुजरते हुए देखे जा सकते हैं।' Four of Saturn’s moons move across the face of their planet in this spectacular Hubble visualization. Icy moons Enceladus and Dione are on the far left, while the large orange moon Titan and icy Mimas are on the right. Link-
कैप्शन में नासा ने लिखा- 'बर्फीले चांद Enceladus और Dione सबसे बाईं ओर हैं जबकि विशालकाय ऑरेंज चांद Titan और बर्फीला Mimas दाईं ओर है।' नासा की स्पेस पोस्ट में बैकग्राउंड म्यूजिक इसे और ज्यादा रोमांचक बना देता है। इस पोस्ट में भी जिस ऑडिया का प्रयोग हुआ है वह इस शॉर्ट वीडियो पर पूरी तरह से फिट बैठता है।
- संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही मणिपुर मुद्दे को लेकर आज भी बाधित हुई।
- सरकार ने मणिपुर मुद्दे पर भय और भ्रम फैलाने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की।
- फिल्मों की अनधिकृत रिकॉर्डिंग और प्रदर्शन पर रोक लगाने वाला चलचित्र संशोधन विधेयक-2023 संसद में पारित।
- प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने "रेलवे में भूमि के बदले नौकरी घोटाला" मामले में बिहार की पूर्व CM राबड़ी देवी की छह करोड़ रु से अधिक की अचल संपत्ति जब्त की।
- प्रमुख उद्योग क्षेत्र में इस वर्ष जून में 8.2 % की वृद्धि हुई।
- केरल तट पर मछली पकड़ने पर 52 दिनों का प्रतिबंध आज 31_जुलाई मध्य रात्रि से समाप्त हो जाएगा।
- भारत ने आज चीन में विश्व विश्वविद्यालय खेलों में चार स्वर्ण सहित छह पदक जीते।
- बांग्लादेश में संसदीय चुनाव इस साल दिसंबर में होने की संभावना।
प्रधानमंत्री - एनडीए सांसद बैठक
पश्चिमी उत्तर प्रदेश, बुंदेलखण्ड और बृज क्षेत्र के एनडीए सांसदों के साथ नई दिल्ली में आज (31 जुलाई) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक किया। बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव और उसकी तैयारी पर चर्चा हुई। बैठक में सांसदों के अलावा भाजपा प्रमुख जगत प्रकाश नड्डा और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी सम्मिलित थे। बैठक में इन सांसदों को अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों तक पहुंचने और उन्हें केंद्र सरकार की उपलब्धियों से अवगत कराने के लिए कहा है। यह प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन-एनडीए सांसदों के समूहों के साथ होने वाली बैठकों की श्रृंखला की पहली बैठक थी।
आयकर रिटर्न
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अभी तक साढे छह करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न भरे गए है। आयकर विभाग के अनुसार, कल सोमवार (31 जुलाई) शाम 6 बजे तक 36 लाख 91 हजार रिटर्न भरे गए। आयकर विभाग के अनुसार, कल ई-फाइलिंग पोर्टल पर एक करोड 78 लाख लॉगइन किए गए। विभाग ने एक ट्वीट करके छह करोड 50 लाख रिटर्न दाखिल करने की उपलब्धि प्राप्त करने पर करदाताओं और इससे जुड़े पेशेवर कर्मचारियों के प्रति आभार व्यक्त किया है। विभाग ने उन सभी लोगों से मूल्याकंन वर्ष 2023-24 के लिए रिटर्न भरने की अपील किया है, जिन्होंने अभी तक यह काम पूरा नही किया है।
- Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar chairs an all-party meeting to ensure smooth conduct of business in the House.
- Parliament passes Cinematograph (Amendment) Bill-2023 prohibiting unauthorised recording and exhibition of films.- Both Houses of Parliament adjourned till 2 PM amid uproar on the Manipur issue.
- Government criticizes opposition parties for spreading fear and confusion on the Manipur issue.
- Enforcement Directorate attaches immovable assets of former Bihar Chief Minister Rabri Devi worth over six crore rupees in a Railway job for land scam.
- 52-days ban on trawling along Kerala coast ends at midnight tonight.
- Core sector grew by 8.2 per cent in June this year.
- India bags six medals including four Golds at the World University Games in Chengdu, China today.
- Parliamentary elections in Bangladesh are likely to be held in December this year.
Cinematograph Bill-2023
Parliament has passed the Cinematograph (Amendment) Bill-2023 with the Lok Sabha approving it (on 31 July 2023) amid din. The Rajya Sabha has already passed the Bill. It seeks to amend the Cinematograph Act-1952 under which the certificate issued by the Central Board of Film Certification was valid for 10 years. Now, the certificate will be perpetually valid.Replying to a brief discussion over the Bill, Information and Broadcasting Minister Anurag Singh Thakur said, the credibility of Indian films has increased immensely across the world and the country is producing the highest number of films. Talking about the merits of the Bill, he said, this legislation will benefit every person associated with the film industry.
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