अजा या अन्नदा एकादशी : रवि-पुष्य, सर्वार्थ-सिद्धि एवं बुधादित्य योग से महत्व बढ़ा, करें विशेष उपाय, पढ़ें अपनी राशि का फल
एकादशी की कथा को पढ़ने से बनते हैं 'खोया धन' मिलने के योग
- आज भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें,
- एकादशी को शुभ-मंगलकारी होता है श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना
- भूलकर भी काले रंग के वस्त्र धारण न करें, पहने पीले रंग के कपड़े
भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अजा या अन्नदा नाम से प्रसिद्ध है। इस एकादशी के व्रत से जीव के जन्म-जन्मांतरों के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं, वहीं उनके संताप मिटने से भाग्य भी उदय हो जाता है। जिस कामना से कोई यह व्रत करता है, उसकी वह सभी मनोकामनाएं तत्काल ही पूरी हो जाती हैं। इस व्रत में भगवान विष्णु जी के उपेन्द्र रुप की विधिवत पूजा की जाती है।
अजा एकादशी का व्रत रविवार (10 सितंबर 2023) को रखा जाएगा, क्योंकि तिथि 9 सितंबर शाम 7:17 से आरंभ होगी और 10 सितंबर रात 9:28 पर समाप्त होगी। ऐसे में उदयातिथि मान्य होने के कारण 10 सितंबर को ही अजा एकादशी का व्रत रखा जाएगा।
एकादशी के दिन भूलकर भी काले रंग के वस्त्र धारण नहीं करने चाहिए। इसके स्थान पर भगवान विष्णु के प्रिय रंग अर्थात पीले रंग के वस्त्र धारण करने चाहिए। इसी प्रकार पूजा में भी पीले फूल, पीले फल, पीली मिठाई आदि का प्रयोग करना शुभ माना गया है। एकादशी को दिन में सोना भी शुभ नहीं माना जाता। ऐसा करने से साधक का व्रत टूट सकता है। एकादशी को ब्रह्मचर्य करे और कटु वचन न बोले। इसके स्थान पर श्रीहरि का ध्यान और भजन-कीर्तन करना, भगवान विष्णु के मंत्र का तुलसी या पीले चंदन की माला से जाप करना शुभ-मंगलकारी होता है।
एकादशी विशेष है, क्योंकि आज रवि-पुष्य योग, सर्वार्थ-सिद्धि योग और बुधादित्य योग बन रहा है।
रवि-पुष्य योग में पूजा-पाठ करने से श्रीहरि का आशीर्वाद मिलता है और सर्वार्थ-सिद्धि योग में पूजा, पाठ, मंत्र जाप करने से मां लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।
रवि- पुष्य योग- 10 सितंबर 2023, शाम 5.06 से 11 सितंबर 2023, शाम 6.04 तक
सर्वार्थ-सिद्धि योग- 10 सितंबर 2023, शाम 5.06 से 11 सितंबर 2023, शाम 6.04 तक
बुधादित्य-योग- पूरे दिन रहेगा,
रवि- पुष्य योग- 10 सितंबर 2023, शाम 5.06 से 11 सितंबर 2023, शाम 6.04 तक
सर्वार्थ-सिद्धि योग- 10 सितंबर 2023, शाम 5.06 से 11 सितंबर 2023, शाम 6.04 तक
बुधादित्य-योग- पूरे दिन रहेगा,
अन्य मुहूर्त (रविवार को )-
उन्नति मुहूर्त- प्रातः 9:11 से 10:44 बजे तक,
अमृत सर्वोत्तम मुहूर्त- प्रातः 10:44 से दोपहर 12:18 तक।
पूजा विधि-
एकादशी व्रत के दिन प्रातः शीघ्र उठकर स्नानादि से निवृत हों,
पूजा विधि-
एकादशी व्रत के दिन प्रातः शीघ्र उठकर स्नानादि से निवृत हों,
स्वच्छ कपड़े धारण करें और पूजा की तैयारी करे,
इस दिन भगवान विष्णु के साथ मां लक्ष्मी की भी पूजा करें,
भगवान को गोपी चंदन लगाकर अक्षत,पीले फूल,मौसमी फल,तिल,मंजरी और नैवेद्य समेत तुलसी चढ़ाकर विधि-विधान से पूजा करें,
अब अजा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें और अंत में आरती करें।
इस दिन (एकादशी को ) श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना शुभ होता है. अजा एकादशी पर पूजा के बाद दिनभर निराहार रहते हुए शाम को फलाहार किया जा सकता है. लेकिन इस दिन बैंगन और चावल खाने से बचें।
आज करें ये उपाय
- एकादशी के साथ आज रविवार भी है, इसलिए सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल और फूल डालकर अर्पित करें।
- एकादशी के दिन किया दान-पुण्य कभी भी विफल नहीं जाता। इसलिए अभावग्रस्त लोगों को वस्त्र, खाने-पीने की चीज दान करें।
- अजा एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख, सोने-चांदी की वस्तु और श्रीयंत्र को घर पर खरीदकर लाना चाहिए। सोने की वस्तु लाना अगर संभव नहीं है तो चांदी के सिक्के भी ला सकते हैं। इस उपाय को करने से घर में धन की कमी नहीं होती।
- डंठल वाले पान के पत्ते पर रोली या फिर कुमकुम से "श्री" लिखकर जगत के पालनकर्ता को अर्पित करें। इसके बाद नारियल का भोग लगाएं। इस उपाय से नौकरी और व्यापर में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
आज एकादशी को राशि अनुसार राशिफल-
मेष- किसी रुके पड़े प्रॉपर्टी के साथ जुड़े काम को हाथ में लेने के लिए समय अच्छा, हर क्षेत्र पर अनुकूल रहने के योग हैं।
वृष- मित्र, कार्यक्षेत्र में साथी-सहयोगी आपकी बात पर ध्यान देंगे तथा ध्यान से सुनेंगे, शत्रु भी आपकी पकड़ में रहेंगे।
मिथुन- ड्रिंक्स, कैमिकल्स पेंट्स, ल्यूब्रिकेन्ट्स, पैट्रोलियम तथा सी प्रोडक्टस का काम करने वालों को अपने कामों में भरपूर लाभ मिलेगा।
कर्क- व्यापार तथा कामकाज की दशा अच्छी, उमंग-आनंदित मन के कारण आपको हर काम सहल दिखेगा, यात्रा के योग हैं।
सिंह- ग्रहों की अनुकूलता कम होने के कारण उलझन-झमेले संभव हैं। अतः आज हर प्रकार से सजग व सावधान रहना आपके लिए हितकर होगा।
कन्या- सितारा व्यापार कारोबार में लाभ वाला, यत्न करने पर न केवल कोई कामकाजी बाधा मुश्किल ही हटेगी, बल्कि कारोबारी टूरिंग भी अनुकूल व लाभप्रद रहेगी।
तुला- राजकीय कामों में कदम बढ़त की तरफ, बड़े लोगों में आपकी लिहाजदारी बनी रहेगी तथा वे आपकी बात भी ध्यान से सुनेंगे।
वृश्चिक- धार्मिक कामों के साथ जुड़ने, धार्मिक साहित्य पढ़ने, कथा, भजन-कीर्तन सुनने में जी लगेगा, स्कीमें प्रोग्राम मैच्योर होंगे।
धनु- आज का दिन स्वास्थ्य को लेकर अनुकूल नहीं है। अतः खान-पान को लेकर सावधान रहें। कामकाजी दशा संतोषजनक मान यश की प्राप्ति।
मकर- व्यापार तथा कामकाज की दशा अच्छी, यत्नों प्रोग्रामों में कामयाबी मिलेगी, फैमिली फ्रंट पर मधुरता, तालमेल सद्भाव बना रहेगा।
कुम्भ- किसी मजबूत शत्रु के टकरावी मूड के कारण न केवल परेशानी व डर की सम्भवना बन सकती है, बल्कि बाधाएं मुश्किलें भी जागृत होती रहेंगी।
मीन- संतान के सहयोगात्मक रुख के कारण आपकी कोई लंबित समस्या हल हो सकती है मगर स्वभाव में क्रोध बना रहेगा।
- एकादशी के साथ आज रविवार भी है, इसलिए सूर्य देव को तांबे के लोटे में जल और फूल डालकर अर्पित करें।
- एकादशी के दिन किया दान-पुण्य कभी भी विफल नहीं जाता। इसलिए अभावग्रस्त लोगों को वस्त्र, खाने-पीने की चीज दान करें।
- अजा एकादशी के दिन दक्षिणावर्ती शंख, सोने-चांदी की वस्तु और श्रीयंत्र को घर पर खरीदकर लाना चाहिए। सोने की वस्तु लाना अगर संभव नहीं है तो चांदी के सिक्के भी ला सकते हैं। इस उपाय को करने से घर में धन की कमी नहीं होती।
- डंठल वाले पान के पत्ते पर रोली या फिर कुमकुम से "श्री" लिखकर जगत के पालनकर्ता को अर्पित करें। इसके बाद नारियल का भोग लगाएं। इस उपाय से नौकरी और व्यापर में बढ़ोतरी देखने को मिलती है।
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मेष- किसी रुके पड़े प्रॉपर्टी के साथ जुड़े काम को हाथ में लेने के लिए समय अच्छा, हर क्षेत्र पर अनुकूल रहने के योग हैं।
वृष- मित्र, कार्यक्षेत्र में साथी-सहयोगी आपकी बात पर ध्यान देंगे तथा ध्यान से सुनेंगे, शत्रु भी आपकी पकड़ में रहेंगे।
मिथुन- ड्रिंक्स, कैमिकल्स पेंट्स, ल्यूब्रिकेन्ट्स, पैट्रोलियम तथा सी प्रोडक्टस का काम करने वालों को अपने कामों में भरपूर लाभ मिलेगा।
कर्क- व्यापार तथा कामकाज की दशा अच्छी, उमंग-आनंदित मन के कारण आपको हर काम सहल दिखेगा, यात्रा के योग हैं।
सिंह- ग्रहों की अनुकूलता कम होने के कारण उलझन-झमेले संभव हैं। अतः आज हर प्रकार से सजग व सावधान रहना आपके लिए हितकर होगा।
कन्या- सितारा व्यापार कारोबार में लाभ वाला, यत्न करने पर न केवल कोई कामकाजी बाधा मुश्किल ही हटेगी, बल्कि कारोबारी टूरिंग भी अनुकूल व लाभप्रद रहेगी।
तुला- राजकीय कामों में कदम बढ़त की तरफ, बड़े लोगों में आपकी लिहाजदारी बनी रहेगी तथा वे आपकी बात भी ध्यान से सुनेंगे।
वृश्चिक- धार्मिक कामों के साथ जुड़ने, धार्मिक साहित्य पढ़ने, कथा, भजन-कीर्तन सुनने में जी लगेगा, स्कीमें प्रोग्राम मैच्योर होंगे।
धनु- आज का दिन स्वास्थ्य को लेकर अनुकूल नहीं है। अतः खान-पान को लेकर सावधान रहें। कामकाजी दशा संतोषजनक मान यश की प्राप्ति।
मकर- व्यापार तथा कामकाज की दशा अच्छी, यत्नों प्रोग्रामों में कामयाबी मिलेगी, फैमिली फ्रंट पर मधुरता, तालमेल सद्भाव बना रहेगा।
कुम्भ- किसी मजबूत शत्रु के टकरावी मूड के कारण न केवल परेशानी व डर की सम्भवना बन सकती है, बल्कि बाधाएं मुश्किलें भी जागृत होती रहेंगी।
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अजा एकादशी : व्रत कथा-
मान्यता है, कि अजा एकादशी की कथा को पढ़ने से अज्ञानता में किए पाप नष्ट होते है, खोया धन मिलने के योग बन जाते हैं।
पुराणों के अनुसार एकादशी का महत्व स्वयं भगवान श्रीकृष्ण ने धर्मराज युधिष्ठिर को बताया था। अजा एकादशी का व्रत करने वाला अश्वमेघ यज्ञ करने के समान पुण्य का अधिकारी होता है। मरणोंपरांत विष्णुलोक में स्थान प्राप्त करता है।
सतयुग में सूर्यवंशी चक्रवर्ती राजा हरीशचन्द्र हुए जो बड़े सत्यवादी थे। एक बार उन्होंने अपने वचन की खातिर अपना सम्पूर्ण राज्य राजऋषि विश्वामित्र को दान कर दिया तथा दक्षिणा देने के लिए अपनी पत्नी एवं पुत्र को ही नहीं स्वयं तक को दास के रुप में एक चण्डाल को बेच डाला।
अनेक कष्ट सहते हुए भी वह सत्य से विचलित नहीं हुए, तब एक दिन उन्हें ऋषि गौतम मिले। जिन्होंने उन्हें अजा एकादशी की महिमा सुनाते हुए यह व्रत करने के लिए कहा। राजा हरीश्चन्द्र ने अपनी सामर्थ्यानुसार इस व्रत को किया। जिसके प्रभाव से उन्हें न केवल उनका खोया हुआ राज्य प्राप्त हुआ बल्कि परिवार सहित सभी प्रकार के सुख भोगते हुए अंत में वह प्रभु के परमधाम को प्राप्त हुए।
अजा एकादशी व्रत के प्रभाव से ही उनके सभी पाप नष्ट हो गए। उन्हें अपना खोया हुआ राजपाट एवं परिवार भी प्राप्त हुआ था।
भगवान को एकादशी परम प्रिय है तथा इसका व्रत करने वाले भक्त संसार के सभी सुखों को भोगते हुए अंत में प्रभु के परम धाम को प्राप्त करते हैं। एकादशी में रात्रि जागरण की अत्यधिक महता है। इस दिन किए गए दान का भी कई गुणा अधिक पुण्यफल प्राप्त होता है। जिस कामना से कोई एकादशी व्रत करता है उसकी सभी कामनाएं बड़ी जल्दी पूरी हो जाती हैं। इस व्रत में रात को जागरण करने का बहुत महत्व है। द्वादशी के दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन करवाने के बाद स्वयं भोजन करना चाहिए। ध्यान रहे द्वादशी के दिन बैंगन न खाएं।
भगवान सर्वशक्तिमान एवं सर्वव्यापक हैं तथा बिना मांगे ही अपने भक्त की सारी स्थिति को जानकर उसके सभी कष्टों और चिंताओं को मिटा देते हैं। जो भक्त केवल भगवान की भक्ति ही सच्चे भाव से करते हैं, उन पर भगवान वैसे ही कृपा करते हैं जैसे अपने मित्र सुदामा पर उन्होंने बिना कुछ कहे ही सब कुछ दे डाला, इसलिए भगवान से उनकी सेवा मांगने वाले भक्त सदा सुखी एवं प्रसन्न रहते हैं।
(Disclaimer : उक्त लेख ज्योतिर्विदों, मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। मुहूर्त में अन्तर परस्पर विभिन्न पंचांगों में अलग-अलग होने के कारण सर्वदा ही रहता है। अपने जिले के अनुसार स्थानीय मुहूर्त हेतु कर्मकांडी या ज्योतिर्विद से पूंछें।)
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