हमास का दरिंदा आतंकी खुद क्यों नहीं लड़ता ? उफ्फ... कैसे जिन्दा बच्चों को एकसाथ जलाया होगा !
युगांडा नरसंहार 1972 : इंदिरा गांधी ने क्या किया ?
- ...तो पाकिस्तान में एक भी हिन्दू न बचेंगे !
- मजहब_और_धर्म में अंतर - सात लाख ईसाइयों का एक ही समय में ईसाई से हिंदू धर्म में प्रवेश !
संयुक्त राष्ट्र (UN) में इसराइल को समन किया गया, उसे मानवाधिकार का उल्लंघन की रिपोर्ट दी गई..
इसराइल के प्रतिनिधि 2 मिनट के लिए स्टेज पर आए। रिपोर्ट फाड़ी और चले गए...
अपने राष्ट्र और नागरिक की सुरक्षा व प्रतिशोध आपको मजबूत बनाता है ! अच्छा है कि वहां चरखा और 3 बन्दर वाला नहीं है
इसके दो बेटे तुर्की के जाने-माने बिल्डर है
वह 5 बिलियन डॉलर का मालिक है
खुद का परिवार एक शांत और लग्जरी लाइफ जीता है
लेकिन यह फिलिस्तीन के लोगों को मौत के मुंह में झोंक दिया है
अच्छी बात है जब तक इस धरती पर मूर्ख रहेंगे तब तक धूर्त लोग मौज करते रहेंगे
कोई इससे भी पूछो यह खुद गाजा में जाकर क्यों नहीं लड़ता
संयुक्त राष्ट्र (UN) में इसराइल को समन किया गया, उसे मानवाधिकार का उल्लंघन की रिपोर्ट दी गई..
इसराइल के प्रतिनिधि 2 मिनट के लिए स्टेज पर आए। रिपोर्ट फाड़ी और चले गए...
अपने राष्ट्र और नागरिक की सुरक्षा व प्रतिशोध आपको मजबूत बनाता है ! अच्छा है कि वहां चरखा और 3 बन्दर वाला नहीं है
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हमास का दरिंदा आतंकी खुद क्यों नहीं लड़ता ?
दरिंदा आतंकी हमास का चीफ इस्माइल हानिया के 7 बेटे हैं, जो तुर्की और यूरोप में बिजनेस संभालते हैं। इस्माइल खुद कतर और इस्तांबुल में रहता है। कतर में उसके तीन होटल हैं और दो होटल इस्तानबुल में है इसके दो बेटे तुर्की के जाने-माने बिल्डर है
वह 5 बिलियन डॉलर का मालिक है
खुद का परिवार एक शांत और लग्जरी लाइफ जीता है
लेकिन यह फिलिस्तीन के लोगों को मौत के मुंह में झोंक दिया है
अच्छी बात है जब तक इस धरती पर मूर्ख रहेंगे तब तक धूर्त लोग मौज करते रहेंगे
कोई इससे भी पूछो यह खुद गाजा में जाकर क्यों नहीं लड़ता
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आइए.. आइए... !
यूरोप में आपका स्वागत है।
खाइए, पीजिए, रहने की जगह लीजिए...
डालर पाउंड लेकर खर्च कीजिए और यूरोप को तबाह करने की योजना बनाइए।
यूरोप में आपका स्वागत है।
खाइए, पीजिए, रहने की जगह लीजिए...
डालर पाउंड लेकर खर्च कीजिए और यूरोप को तबाह करने की योजना बनाइए।
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उफ्फ... कैसे जिन्दा बच्चों को एकसाथ जलाया होगा !
ये धुंधली तस्वीर हमास द्वारा यहूदी बच्चों का अपहरण करने और उन सभी को जिंदा जलाने की है। यहां अगर किसी बच्चे को कोड़े से मार दिया जाए, तो पूरे दिन पछतावा होता है और ये राक्षस बच्चों को जिंदा जला देते हैं।
क्या आप जलते हुए इन बच्चों की पीड़ा की कल्पना कर सकते हैं
हालाँकि, हमारे यहाँ कुछ लोग हैं जो हमास के साथ खड़े हैं, न केवल वे जो हमास के पक्ष में बोलते हैं बल्कि मणिपुर की याद दिलाकर इस मामले पर चर्चा भी बंद करना चाहते हैं
हालाँकि, हमारे यहाँ कुछ लोग हैं जो हमास के साथ खड़े हैं, न केवल वे जो हमास के पक्ष में बोलते हैं बल्कि मणिपुर की याद दिलाकर इस मामले पर चर्चा भी बंद करना चाहते हैं
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Disclaimer : अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अंतर्गत हमारा संविधान हमे अपनी बात या पक्ष कहने की अनुमति देता है. इस कॉलम (आज के चुनिंदा पोस्ट्स, ट्वीट्स, कमेंट्स...) में अधिकांश कमेंट व पोस्ट SOCIAL MEDIA से ली गई है, यह जरूरी नहीं की सभी पोस्ट अक्षरशः सत्य हों, हम यथासम्भव हर पोस्ट की सत्यता परख कर इस कॉलम में लेते हैं, फिर भी हम सभी पोस्ट एवं उनकी सभी तथ्यों से पूर्ण सहमत नहीं हैं -सम्पादक
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एक प्रेरक पोस्ट
युगांडा नरसंहार 1972 : इंदिरा गांधी ने क्या किया ?
क्या प्रतिक्रिया व विचार थे, हिन्दुओं अवश्य जाने
युगांडा एक अफ्रीकी देश है, जो केन्या के बगल मे स्थित है। पूर्व मे यह देश भारत की तरह अंग्रेजों का गुलाम था। अंग्रेज बहुत सारे भारतीयो को युगांडा लेकर गये, जो वहां बस गये। कुछ भारतीय वहां रोजगार धन्धे के लिए भी गये और वहीं बस गये। यहां की आवादी मे 85% मुस्लिम, 14 % ईसाई थे।
भारतवासियों ने वहाँ जाकर अपने पुरूषार्थ का पसीना बहाया, जिसके फलस्वरूप वे वहाँ जाकर समृद्ध बन गए। उद्योग -धंधे से लेकर राजनीति तक में भारतीयों का सिक्का चल पड़ा।
ईदी अमीन नाम के एक मुस्लिम सैन्य अधिकारी ने 1971 में तख्ता पलटकर मिल्टन ओबेटो को हटा दिया और स्वयं युगांडा का प्रमुख बन गया। अपने शासन के एक साल बाद 1972 में, इसने गैर मुस्लिम भारतीयों को बाहर निकल जाने का फरमान सुनाया। इस फरमान के बाद भी जब प्रवासी भारतीय हिंदूओं ने युगांडा नहीं छोड़ा, तो उसने अपने इस्लामिक सैनिकों को लूट-मार करने की खुली छूट दे दी।
युगांडा के सेंट्रल और उत्तरी जोन में मुसलमान ज्यादा रहते हैं और इसी जोनमें प्रवासी भारतीय भी ज्यादा रहते थे। ईदी अमीन की खुली छूट के कारण सेना के साथ-साथ मुसलमानों ने भी हिंदुओं को मारना-पीटना और लूटना शुरु कर दिया जिसके कारण अपने कठिन परिश्रम से अर्जित पीढ़ियों की समूची कमाई छोड़कर हिंदूओं को वहां से भागना पड़ा।
सेना और मुस्लिम जनता ने मिलकर हिंदूओं की संपत्ति पर कब्जा कर लिया। सैकड़ों हिंदूओं को मार भी दिया गया. फिर भी 60,000 लोग वहां से भागने में सफल रहे। इनको वहां से सुरक्षित निकालने में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
इंदिरा गांधी तब देश की प्रधानमंत्री थी. युगांडा के हिंदूओं पर अत्याचार को देखकर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सर संघचालक मा. बालासाहेब देवरस जी ने इंदिरा गांधी से संयुक्त राष्ट्र में शिकायत करने की अपील की, किंतु हिन्दुओं के लिए इन्दिरा गांधी ने कोई कदम नहीं उठाया।
तब संघ के सर संघचालक जी ने केन्या के हिंदू संगठनों को तार भेजकर भारत वंशियों को सहायता करने की अपील की। दरअसल, केन्या युगांडा का पड़ोसी देश है और केन्या में 1947 के मकर संक्रांति के दिन संघ के स्वयंसेवकों ने ’भारतीय स्वयंसेवक संघ’ नामक संगठन का निर्माण किया था और यह बहुत जल्दी ही एक बड़ा संगठन बन गया था।
खैर संकट की उस घड़ी में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के केन्या की अपनी शाखा (भारतीय स्वयंसेवक संघ) के स्वयंसेवकों ने युगांडा के हिंदुओं के पुनर्वास में तन-मन धन से सहायता की। यहाँ तक कि उन प्रवासी भारतीयों को ब्रिटेन और फिजी भेजने में भी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तब उनके इस कार्य पर अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया के दूतावासों ने ’भारतीय स्वयंसेवक संघ’ की प्रशंसा की थी। उन 60 हजार हिंदूओं में 29 हजार हिंदूओं ने ब्रिटेन में शरण ली तो 4500 फीजी गए, 5000 ने कनाडा में, 1200 लोगों ने केन्या में शरण ली, तो 11000 लोग लौटकर भारत आए।
आज इजरायल की इन हत्याओं का सेहरा किसके सर जाता है ? Link- http://www.dharmnagari.com/2023/10/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Saturday-11-October-2023.html
शुरू में इंदिरा गांधी युगांडा से आए 11,000 हिंदूओं पर मौन साधी रही, लेकिन जब अटल बिहारी वाजपेई व लालकृष्ण आडवाणी और समूचा संघ परिवार इस पर शोर मचाने लगा, तब जाकर इंदिरा गांधी को इन्हें नागरिकता देनी पडी।
यह बात जानना भी महत्वपूर्ण है, कि जिन 29000 हिंदूओं ने ब्रिटेन में शरण लिया, उसके कारण वहाँ के समाचार पत्रों ने इसके लिए अपनी सरकार की कड़ी आलोचना करना शुरु कर दिया। ब्रिटेन के अखबारों की आलोचना इतनी कड़वी थी, कि मजबूरन वहां के विदेश मंत्री को यह कहना पड़ा- ’हम इनको ब्रिटेन में नहीं रखने जा रहे हैं. हम इन सभी को भारत भेजेगें।
तब इस मुद्दे पर ब्रिटेन के अधिकारियों और भारत के अधिकारियों में बातचीत शुरू हुई. भारत टस से मस नहीं हुआ. उसके बाद ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने इंदिरा गांधी से खुद बात की, किंतु इंदिरा गांधी ने 29000 भारतीयों को लेने से इंकार कर दिया। बाद में यूएनओ ने हस्तक्षेप किया, कि ’यह अभी प्रताडऩा से पीड़ित हैं, इसलिए इनको तत्काल ब्रिटेन में ही रहने दिया जाए।’ बाद में उनके अच्छे ब्यवहार के कारण सभी 29000 को ब्रिटेन की नागरिकता दे दी गई। तब कांग्रेस और इन्दिरा गांधी की उपेक्षा के कारण युगांडा ने हिन्दुओं का उत्पीडन हुआ और उन्हें भारत में शरण नहीं दी गई. और वो शरणार्थी बनकर दर दर की ठोकरें खाने पर मजबूर हुए।
सन 1971 में, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सरकार ने बंगलादेश से आए मुस्लिम घुसपैठियों के लिए नागरिकता बिल में संशोधन किया और सभी बंगलादेशी मुस्लिमों को भारत की नागरिकता देकर उन्हें सारी सुविधाएं दी।
कांग्रेस की धर्मनिरपेक्षता केवल हिन्दुओं को सुविधाएं देनें से खराब होती हैं, मुस्लिमों को देने से नहीं। तभी तो आज जब मोदी सरकार दुनियां में सताए जा रहे हिन्दुओं को भारतीय नागरिकता देकर सहारा देना चाहती है, तब कैसे कांग्रेस ने नागरिक संशोधन बिल का विरोध किया, हम सबने व्यथित मन से देखा।
समय है कि दुनियां के हिन्दू समझें कि उनकी चिन्ता करने वाला पूरी दुनियां में यदि कोई है, तो वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ वं भाजपा ही है, बाकी केवल वोट के भूखे हैं और देश को खोखला करने की मानसिकता पाले हुए हैं।
*वर्तमान गृहमंत्री अमित शाह ने सदन में 1972 मे युगांडा के हिन्दुओं पर हुए जुल्मों का उल्लेख किया और दर्द की उस घड़ी मे कांग्रेस ने हिंदुओं के साथ जो वर्ताव किया उसका जीवन्त वर्णन किया। आप सोचिये क्या इंदिरा केवल मुस्लिमो की प्रधानमंत्री थी ? क्या इंदिरा को भारतीय हिंदुओं ने वोट नही दिया था ?*
*कितने आश्चर्य की बात है कि कांग्रेसियों ने गाधी, नेहरु से लेकर आज तक जो हैं सभी की मानसिकता इस देश के मुख्य व मूल वासियों की उपेक्षा, घृणा करती रही और इस देश की सनातन संस्कृति को मिटाने के लिए हर संभव प्रयास किया, धोखा किया तथा उन दुष्ट, वहसी पिशाचिक वृत्तियों के लोगों का समर्थन सहयोग करते रहे और आज तक करते आ रहे हैं और तब भी इस देश का बहुसंख्यक समाज अपने मन बुद्धि, आंखों पर पट्टी बांधकर निकृष्ट मानसिकता वाले कांग्रेसियों का समर्थन करता रहा व अबभी कर रहा है ?*
इस देश के हिंदू समाज को यह संदेश भेज के जाग्रत व सचेत कीजिए*
- सुनील गुप्ता जी की वाल से
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...तो पाकिस्तान में एक भी हिन्दू न बचेंगे !
पाकिस्तान में हिंदू बच्ची का किडनैप करके जबरदस्ती निकाह कर लिया मुस्लिम ने. कोर्ट ने माँ बाप से भी नहीं मिलने दिया. भारत का कोई liberal और मुस्लिम इस पर बात नहीं कर सकता क्योंकि ये उनके एजेंडे में है ही नहीं.
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इसे भी पढ़ें, देखें, सुनें-
आज इजरायल की इन हत्याओं का सेहरा किसके सर जाता है ?
#Social_Media : श्रीराम मंदिर खुलने से पूर्व की तैयारी, इजरायल Vs फिलस्तीन, छोटा परिवार दुःखी परिवार...
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"धर्म नगरी" व DN News का विस्तार प्रत्येक जिले के ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में हो रहा है। प्रतियों को निशुल्क देशभर में धर्मनिष्ठ संतो आश्रम को भेजने हेतु हमें दानदाताओं की आवश्यकता है। साथ ही "धर्म नगरी" के विस्तार हेतु बिजनेस पार्टनर / प्रसार प्रबंधक की आवश्यकता है। -प्रबंध संपादक
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मजहब_और_धर्म में अंतर
मजहब को फैलाने के लिए आतंकवादी तैयार किए जाते हैं,
धर्म को फैलाने के लिए संत तैयार किए जाते हैं।
मजहब डर पैदा करता हैं, धर्म प्रेम पैदा करता हैं।
मजहब स्वर्ग में भी कामवासना का लालच देता है,
मजहब को फैलाने के लिए आतंकवादी तैयार किए जाते हैं,
धर्म को फैलाने के लिए संत तैयार किए जाते हैं।
मजहब डर पैदा करता हैं, धर्म प्रेम पैदा करता हैं।
मजहब स्वर्ग में भी कामवासना का लालच देता है,
धर्म कहता हैं कामवासना खत्म करो, तभी स्वर्ग मिलेगा।
मजहब में किसी भी जीव के लिए दया और करुणा का कोई स्थान नहीं है,
धर्म में सभी जीवो के लिए दया और करुणा की बात है ।
मजहब अपने से जो अलग हैं उनको काफिर कहता हैं,
धर्म सबको अपना कहता है, वसुधैव कुटुंबकम।
धर्म को धारण किया जाता हैं और मजहब में पैदा हुआ जाता है।
धर्म एक होता है और धर्म का उल्टा अधर्म होता हैं,
मजहब अनेक हो सकते हैं और मजहब अधर्मीयों का गैंग हीं हैं।
मजहब में किसी भी जीव के लिए दया और करुणा का कोई स्थान नहीं है,
धर्म में सभी जीवो के लिए दया और करुणा की बात है ।
मजहब अपने से जो अलग हैं उनको काफिर कहता हैं,
धर्म सबको अपना कहता है, वसुधैव कुटुंबकम।
धर्म को धारण किया जाता हैं और मजहब में पैदा हुआ जाता है।
धर्म एक होता है और धर्म का उल्टा अधर्म होता हैं,
मजहब अनेक हो सकते हैं और मजहब अधर्मीयों का गैंग हीं हैं।
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सात लाख ईसाइयों का एक ही समय में सनातन हिंदू धर्म में प्रवेश !
अमेरिका में 7 लाख ईसाइयों ने एक ही समय में ईसाई धर्म छोड़कर हिंदू धर्म में प्रवेश कर विश्व रिकॉर्ड बनाया। बधाई हो…
आज विश्व के कई देशों में हिंदू संस्कृति की अलख जगाने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को अपनाने की होड़ लगी हुई है
सभी भगवा योद्धा को दिल से प्रणाम 🙏
आज विश्व के कई देशों में हिंदू संस्कृति की अलख जगाने भारतीय सभ्यता और संस्कृति को अपनाने की होड़ लगी हुई है
सभी भगवा योद्धा को दिल से प्रणाम 🙏
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