Deepawali : धनतेरस और दीपावली से पहले करें ये तैयारी


धनतेरस से पहले क्या-क्या करें ?
- कुछ चीजों को धनतेरस से पहले घर से हटाएँ
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पाँच पर्वों का महापर्व- दीपावली का शुभारंभ धनतेरस के साथ और समापन भैया-दूज के साथ होता है। धनतेरस (10 नवंबर 2023), छोटी दीपावली / नरक चतुर्दशी / धन्वंतरि जयंती (11 नवंबर) , दीपावली (12 नवंबर)। इसके बाद गोवर्धन-पूजा / अन्नकूट (13 नवंबर) और भैया-दूज (14 नवंबर) का पर्व मनाया जाएगा। दीपावली से पूर्व कई कार्य सनातन धर्मावलम्बियों को चाहिए, क्योंकि इनका संबंध या इन कार्यों का सीधा प्रभाव आपके और परिवार की सुख-समृद्धि, प्रगति उन्नति से जुड़ा है। पाँच पर्वों के पहले पर्व- धनतेरस से पहले निम्न तैयारी करें-

दीपावली के पांच पर्व-  
धन तेरस या धन त्रयोदशी- 10 नवंबर (शुक्रवार) त्रयोदशी
छोटी दीपावली11 नवंबर (शनिवार) चतुर्दशी / नरका चौदस  
दीपावली- (लक्ष्मी पूजा)- 12 नवंबर (रविवारअमावस्या
गोवर्धन पूजा- 14 नवंबर (मंगलवारप्रतिपदा
भाई दूज- 15 नवंबर (बुधवारद्वितीय

- धनतेरस से पहले ही घर को अच्छी तरह से साफ कर लें। दीवारों पर रंगाई-पुताई आदि धनतेरस के एक दिन पहले समाप्त हो जाए, ऐसा प्रयास करें,
- घर में प्रयोग न होने वाले कपड़े और जूते-चप्पल हटा बाहर कर दें या फेंक दें। मुख्य द्वार पर भी ऐसी चीजें रखना शुभ नहीं होता है,
- मुख्य द्वार पर कभी अंधेरा न रहने दें। इस स्थान पर दिये के बराबर प्रकाश का होना भी शुभ होता है। इसलिए धनतेरस से पहले और दीपावली के बाद घर के बाहर सदैव उजाला रखें,
- पूजा के स्थान से पुराने चित्र और मूर्तियां भी हटा दें। फटे हुए चित्र, टूटी हुई मूर्तियों को घर में बिल्कुल न रखें और चित्रों और मूर्तियों का विसर्जन भैया-दूज के बाद अवश्य कर दें,
- यदि पूजा-स्थल पर कोई मूर्ति नहीं हैं, तो उस स्थान पर दीपक जलाकर ईश्वर, अपने ईष्ट की पूजा / उपासना करें,
- नई मूर्ति या सामान की खरीदारी करते हैं, तो उसे पूजा-स्थान पर रखते जाएं। दीपावली पूजन के बाद इन चीजों का प्रयोग करना आरंभ करें,
- यदि दीपावली पर किसी को उपहार देने का विचार कर रहे हैं, तो ये काम दीपावली से पहले कर लीजिए। त्यौहार के दिन किसी को गिफ्ट या पैसे देने से बचें।


घर का मुख्य द्वार-
घर के मुख्य द्वार को विशेष रूप से साफ रखें। इस स्थान पर प्रकाश की उत्तम व्यवस्था रखें। यदि नए वस्त्र खरीदे हैं, तो उन्हें पहनकर ही पूजा करें। वस्त्रों का रंग नीला, काला या भूरा नहीं होना चाहिए। दीपावली की सफाई अगर किसी से करवाते हैं, तो उसे कुछ धन अवश्य दें।

धनतेरस से पहले घर के इन स्थानों की अवश्य करें सफाई
वर्षभर माँ लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति हेतु धनतेरस से पहले घर के कुछ स्थानों की सफाई अवश्य कर लें। धनतेरस पर कुछ चीजों की खरीदारी अत्यंत शुभ होता है, जबकि ज्योतिष एवं वास्तु की दृष्टि से कुछ वस्तुओं को खरीदना वर्जित माना गया है। धनतेरस से पहले घर के कुछ हिस्सों की सफाई करना बहुत आवश्यक माना जाता है। ऐसा करने से भगवान धनवंतरी के आशीर्वाद से आपका भाग्य आपकी उन्नति में सहायक होगा है।

धनतेरस की सुबह घर के चार प्रमुख स्थानों को साफ करना बहुत आवश्यक होता है। इस दिन अपने घर के उत्तर-पूर्व अर्थात ईशान कोण, ईस्ट जोन यानी पूर्व दिशा, नॉर्थ जोन यानी उत्तर दिशा की सफाई करनी चाहिए। फिर घर के बीचोबीच अर्थात ब्रह्म-स्थान से उपयोग में न आने वाला सामान हटाकर अच्छी तरह सफाई करें। गंगा जल का छिड़काव करें। एक बर्तन में गंगा जल लें और गंगा जल की कुछ बूंदें अपने घर की तिजोरी या लॉकर पर छिड़कें, जहां आप रुपया-पैसा रखते हैं। वास्तव व ऐसा करके आप श्री कुबेर के आगमन की तैयारी करते हैं।

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झाड़ू का प्रयोग
घर की साफ-सफाई के बाद ध्यान रखें, कि झाड़ू को हमेशा छुपाकर और लिटाकर ही रखें। झाड़ू को ऐसी जगह रखें, जहां किसी की दृष्टि आसानी से ना पड़ सके। खड़ी और उजागर झाड़ू संपत्ति के विनाश का प्रतीक मानी गई है।

एक्वेरियम की सफाई
आपके घर में यदि कोई फिश एक्वेरियम है, तो उसकी सफाई भी इस दिन अवश्य करें। धनतेरस की शाम को घर में पांच दीपक जलाएं। एक दीपक अपने घर के मंदिर, एक तुलसी, एक पानी के मटके और दो दीपक दरवाजे पर रखें. धनतेरस के दिन कुबेर के अलावा यमदेव के नाम का दीपक भी अवश्य जलाएं।
 
धनतेरस से पहले घर से हटाएँ
वास्तु शास्त्र के अनुसार, कुछ ऐसी चीजें है जिन्हें घर से तुरंत हटा देना चाहिए-
खराब इलेक्ट्रॉनिक सामान- कई लोगों का स्वाभाव होता है, खराब हो चुकी इलेक्ट्रॉनिक चीजें जैसे पंखे, ग्राइंडर, टीवी आदि को रख लेते हैं, यह सोचते हुए कि भविष्य में किसी न किसी काम आ जाएंगे। परन्तु आप जान लें, खराब चीजों को घर में रखने से वास्तु दोष बढ़ता है और जीवन में प्रगति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इसलिए अगर आपके घर में भी खराब चीजें है, तो उनकी मरम्मत करा लें या फिर हटा दें।

खंडित मूर्तियां- पूजा-स्थान में कभी भी टूटी हुई भगवान की मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए, क्योंकि ऐसी मूर्तियां रखने से फल के बदले अधिक हानि होती है। वैसे खंडित मूर्ति कहीं नहीं होनी चाहिए। इसलिए दीपावाली से पहले इसे सम्मान के साथ बहते जल में प्रवाहित कर दें और नई मूर्तिया दिवाली के पर्व में ले आएं।

छत की सफाई- 
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर की छत से अवश्य साफ करनी चाहिए, क्योंकि छत पर गंदगी होने पर उस घर में रहने वाले सदस्य सदैव बीमार रहते हैं। इसलिए दीपावली से पहले छत की सफाई करने के साथ कबाड़ बेच या फेंक देना चाहिए।

टूटा शीशा- घर में किसी भी जगह का कोना टूटा हुआ है, तो उसे तुरंत हटा देना चाहिए। वास्तु के अनुसार, घर में टूटा हुआ शीशा होने से दोष लगता है। ऐसे में उस घर में रहने वाले लोगों के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए दीपावली से पहले टूटा हुआ शीशा हटा दें। एक बात और, आप जब भी शीशे में अपना चेहरा देखें, आपका चेहरा दक्षिण की ओर नहीं होना चाहिए, अर्थात घर में शीशा नार्थ-फेसिंग नहीं रखा या टंगा होना चाहिए। प्रायः अलमारी में लगा शीशा नार्थ-फेसिंग होता है, जिससे आप जब चेहरा देखते हैं, तब आपका मुँह दक्षिण दिशा की ओर होता है, जो गलत है। 

बंद घड़ी, वाहन- वास्तु शास्त्र के अनुसार, बंद घड़ी किस्मत को भी बंद कर देती है। इसलिए घर में कभी भी बंद घड़ी नहीं रखनी चाहिए। बंद घड़ी की मरम्मत करा लें या दीपावली से पहले हटा दें। एक अनुभव की बात, अगर एक साथ तीन खराब या बंद घड़ी (कलाई घड़ी, दीवार घड़ी कोई भी) घर में है, तो इसका अत्यधिक दोष होता है। इसके साथ, सालों से बेकार, खराब, बंद पड़े अनुपयोगी वाहन भी वास्तु दोष का कारक होते हैं। अतः इस दीपावली यथासंभव धनतेरस से पूर्व ऐसी बेकार व बंद वाहन (दो या चार पहिया) को हटा दें।
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