#Ayodhya : तीन मंजिला श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में कुल 392 खम्भे, 44 दरवाजे, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट

प्रवेश पूर्व से 16.5 फीट ऊँचा, 32 सीढ़ियाँ चढ़कर सिंहद्वार से होगा
- 22 जनवरी 2024 को श्रीराम मंदिर के गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा 
- आमंत्रण हेतु 'पूजित अक्षत' 45 प्रांतों से अयोध्या आए कार्यकर्ताओं को दिए जायेंगे
निर्माणाधीन श्रीराम मंदिर, अयोध्या  -@DharmNagari   
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राजेश पाठक 

श्रीराम जन्मभूमि मंदिर एक दृष्टि में- 
- मंदिर परम्परागत नागर शैली में निर्मित,
- मंदिर की लम्बाई (पूर्व-पश्चिम ) 380 फीट चौड़ाई 250 फीट एवं ऊँचाई 161 फीट,
- तीन मंजिला मंदिर, प्रत्येक मंजिल की ऊँचाई 20 फीट, कुल 392 खम्भे, 44 दरवाजे,
- भूतल गर्भगृह प्रभु श्रीराम के बाल रूप ( श्रीरामलला ) का विग्रह, प्रथम तल गर्भगृह श्रीराम दरबार, 
- कुल पांच मंडप नृत्य मंडप, रंग मंडप, गूढ़ मंडप ( सभा मंडप ) प्रार्थना मंडप, कीर्तन मंडप,  
खम्भे, दीवारों में देवी-देवता तथा देवांगनाओं की मूर्तियाँ,
- प्रवेश पूर्व से 32 सीढ़ियाँ (ऊँचाई 16.5 फीट) चढ़कर सिंहद्वार से होगा,
-  दिव्यांगजन तथा वृद्धों के लिए रैम्प एवं लिफ्ट की व्यवस्था,
- चारों ओर आयताकार परकोटा (प्राकार) - लम्बाई 732 मीटर, चौड़ाई 4.25 मीटर, परकोटा के चार कोनों पर चार मंदिर भगवान सूर्य, शंकर, गणपति, देवी भगवती, परकोटे की दक्षिणी भुजा में हनुमान एवं उत्तरी भुजा में अन्नपूर्णा माता का मंदिर,
- मंदिर के दक्षिणी भाग में पौराणिक सीताकूप,
- परकोटा के बाहर दक्षिणी दिशा में प्रस्तावित मन्दिर - महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वसिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज माता शबरी एवं देवी अहिल्या, 
- दक्षिणी-पश्चिमी भाग में नवरत्न कुबेर टीले पर स्थित शिव मंदिर का जीर्णोद्वार एवं रामभक्त जटायु राज प्रतिमा की स्थापना।

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Deepawali : धनतेरस और दीपावली से पहले करें ये तैयारी Link 
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आगामी 22 जनवरी, 2024 सोमवार (पौष शुक्ल द्वादशी, विक्रम संवत् 2080) के शुभदिन, प्रभु श्रीराम के बाल रूप नूतन विग्रह को श्रीराम जन्मभूमि पर बन रहे नवीन मंदिर भूतल के गर्भगृह में विराजित करके प्राण प्रतिष्ठा होगी। इस अवसर पर अयोध्या में अभूतपूर्व आनन्द का वातावरण होगा। 
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पत राय ने बताया, कि देश-दुनिया के हिन्दुओं एवं सनातन धर्म के प्रति आदर रखने वालों से निवेदन किया गया है, कि प्राण-प्रतिष्ठा के दिन 22 जनवरी, 2024 सोमवार पूर्वाह्न 11 बजे से अपराह्न 1:00 बजे के मध्य अपने ग्राम, मोहल्ले, कॉलोनी में स्थित किसी मंदिर में आस- पड़ोस के राम भक्तों को एकत्रित करके, भजन-कीर्तन करें, टेलीविजन अथवा कोई पर्दा (L.E.D. स्क्रीन ) लगाकर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह समाज को दिखायें, शंखध्वनि, घंटानाद, आरती करें, प्रसाद वितरण करें।

कार्यक्रम का स्वरूप मंदिर केन्द्रित रहे, अपने मंदिर में स्थित देवी-देवता का भजन-कीर्तन- आरती पूजा तथा “श्रीराम जय राम जय जय राम " इस विजय मंत्र का 108 बार सामूहिक जाप करें। इसके साथ हनुमान चालीसा, सुंदरकांड, रामरक्षा स्तोत्र आदि का सामूहिक पाठ भी कर सकते हैं। सभी देवी-देवता प्रसन्न होंगे, सम्पूर्ण भारत का वातावरण सात्विक एवं राममय हो जायेगा। प्राण-प्रतिष्ठा समारोह दूरदर्शन द्वारा सीधे प्रसारित किया जायेगा, अनेक चैनलों के माध्यम से भी प्रसारण किया जायेगा।

प्राण-प्रतिष्ठा के दिन सायंकाल सूर्यास्त के बाद अपने घर के सामने देवताओं की प्रसन्नता के लिए दीपक जलाएँ; दीपमालिका सजायें, विश्व के करोड़ों घरों में दीपोत्सव मनाया जाये।
आपसे निवेदन है कि प्राण प्रतिष्ठा दिन के उपरान्त प्रभु श्रीरामलला तथा नवनिर्मित मंदिर के दर्शन हेतु अपने अनुकूल समयानुसार अयोध्याजी में परिवार सहित पधारें। श्रीराम जी की कृपा प्राप्त करें।
निवेदक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र

उल्लेखनीय है, श्रीराम जन्मभूमि मंदिर प्राणप्रतिष्ठा दिवस (22 जनवरी 2024) पर देश भर के पांच लाख से अधिक मंदिरों में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रण हेतु 'पूजित अक्षत' 5 नवंबर को देश भर के 45 प्रांतों से अयोध्या धाम पधारे कार्यकर्ताओं को समर्पित किये जायेंगे। इस पूजित अक्षत को वे सभी कार्यकर्ता अपने प्रांतो में ले जायेंगे। इस अक्षत के माध्यम से देश के सभी शहर और ग्राम में जनमानस को उत्सव हेतु आमंत्रित किया जाएगा। 31 Oct

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के भीतर नक्काशी का कार्य (चित्र- 31 अक्टूबर)
देखें-
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देखें- राम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण कार्य (28 अक्टूबर की स्थिति में)
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श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ने ट्वीट संपूर्ण विश्व के श्रीराम भक्तों से हमारा निवेदन-
Shri Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra appeal to Shri Ram bhakta across globe.

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700 टन वजन डाला तो 4 इंच नीचे धंस गई भूमि 

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