वर्ष 2024 में विवाह के लिए 2023 से अधिक दिन, विवाह में क्या होता है शुभ कर्ण, मुहूर्त...


...शुभ नक्षत्र, शुभ दिन, शुभ योग और लग्न भाव 

(धर्म नगरी / DN News)  
W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, सदस्यता हेतु

विवाह सनातन हिन्दू धर्म में प्राचीन काल से एक मुहूर्त एवं शुभ दिन में करने की रही है। सनातन हिन्दू धर्म में 16 संस्कार होते हैं, जिसमें विवाह संस्कार सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। विवाह संस्कार सबसे पुराने अनुष्ठानों में एक है, जिसे आज तक व्यापक रूप से सामाजिक व जातीय सम्मान दिया जाता है। विवाह व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है, जो वर-वधू के साथ-साथ दो परिवारों को आपस में जोड़ने का काम करता है। 

सनातन हिन्दू धर्म में विवाह जैसे शुभ कार्य को अशुभ मुहूर्त में करने से बचते हैं, क्योंकि इसका (अशुभ मुहूर्त) नकारात्मक प्रभाव वर-वधू के जीवन पर पड़ता है। इसलिए शादी-विवाह को शुभ मुहूर्त में करते हैं। विवाह में गुण-मिलान को जितना महत्वपूर्ण माना गया है, उतना ही महत्व शुभ मुहूर्त का भी दिया गया है।  

विवाह जैसे बड़े अनुष्ठान को सफल बनाने के लिए पहले से कुंडली मिलान किया जाता है और विवाह का शुभ मुहूर्त विचारा जाता है। विवाह उसी मुहूर्त में किया जाता है, तब विवाह को पूर्ण और सफल माना जाता है। मान्यतानुसार, यदि शुभ-मुहूर्त और ज्योतिष के नियमों को ध्यान में रखते हुए विवाह किया जाता है, तो जीवन में सदैव समृद्धि बनी रहती है।  

वर्ष 2024 में विवाह के शुभ मुहूर्त 

विवाह को संपन्न करने के लिए प्रेम और विवाह के कारक ग्रह शुक्र का उदित अवस्था में होना अत्यंत आवश्यक होता है। वैदिक ज्योतिष में हर वर्ष में कुल पांच सिद्ध मुहूर्त होते हैं। इनमें फुलेरा या फुलरिया दूज, देवउठनी एकादशी, वसंत पंचमी, विजयादशमी और अक्षय तृतीया है। इन पांच दिनों में मुहूर्त न होते हुए भी शुभ कार्य जैसे विवाह आदि किए जा सकते हैं, क्योंकि ये पाँचों तिथियाँ स्वयं-
सिद्ध (अपने आप में) मुहूर्त होते हैं। 

----------------------------------------------
"श्रीराम मंदिर निर्माण विशेषांक"  
अयोध्या में 493 वर्षों तक संघर्षों एवं युद्धों के पश्चात नवनिर्मित भव्य मंदिर में "रामलला" की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर "धर्म नगरी" का विशेषांक प्रकाशित हो रहा है। इसमें आप भी अपनी फोटो सहित शुभकामना या प्रतिक्रिया देते हुए अपने नाम/ संस्था/ आश्रम / पार्टी आदि के नाम से देशभर में जहाँ चाहें,  प्रतियाँ भिजवा सकते हैं।

प्रतियाँ अयोध्या, प्रयागराज माघ मेला-2024 तथा वृन्दावन व हरिद्वार में भेजा या सौजन्य प्रति के रूप में बाटा जाएगा। आप भी "सौजन्य प्रति" के स्थान पर अपने नाम, फोटो, शुभकामना या गतिविधि / उपलब्धि आदि  प्रतियाँ भिजवा या बटवा सकते हैं। कृपया संपर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com माघ हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।
----------------------------------------------

2024 में विवाह के मुहूर्त
बीते वर्ष (2023) की तुलना में अंग्रेजी वर्ष 2024 में विवाह के शुभ मुहूर्त अधिक हैं। 2024 विवाह से  अत्यंत महत्वपूर्ण है। देवशयनी एकादशी से लेकर देवउठनी एकादशी के चातुर्मास को छोड़ दें, तो साल 2024 में लगभग हर महीने विवाह की शहनाइयां गूंजेंगी। पंचांग के अनुसार, नए साल में विवाह के कुल 58 शुभ मुहूर्त रहेंगे, जिसमें लड़के-लड़की का विवाह किए जा सकेंगे। 
खरमास 15 जनवरी 2024 को समाप्त हो रहा है। उसके अगले दिन 16 जनवरी से विवाह मुहूर्त आरंभ हो जाएंगे। जनवरी माह में इस बार विवाह के 9 मुहूर्त हैं। मई, जून, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीने में विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है, अतः इन महीने में विवाह की योजना न बनाएं तो अच्छा होगा।   

जनवरी में विवाह मुहूर्त- 
16 जनवरी मंगलवार, 17 जनवरी बुधवार, 20 जनवरी शनिवार, 
21 जनवरी रविवार, 22 जनवरी  सोमवार, 27 जनवरी शनिवार, 28 जनवरी रविवार, 30 जनवरी मंगलवार, 31 जनवरी बुधवार। 
शुभ मुहूर्त 
16 जनवरी मंगलवार रात्रि 9:01 बजे से 17 जनवरी प्रातः 7:15 तक
17 जनवरी बुधवार प्रातः 7:15 से रात्रि 10:50 तक 
20 जनवरी शनिवार दोपहर 3:09 से 21 जनवरी प्रातः 7:14तक 
21 जनवरी रविवार प्रातः 7:14 से 07:23 तक 
22 जनवरी सोमवार प्रातः 7:14 से 23 जनवरी प्रातः 4:58 तक 
27 जनवरी शनिवार प्रातः 7:44 से 28 जनवरी प्रातः 7: 12 तक 
28 जनवरी रविवार प्रातः 7:12 से दोपहर 3:53 तक 
30 जनवरी मंगलवार प्रातः 10:43 से 31 जनवरी प्रातः 7:10 तक 
31 जनवरी बुधवार प्रातः 7:10 से 1 फरवरी, दोपहर 1:08 तक

फरवरी में विवाह मुहूर्त-
04 फरवरी रविवार, 06 फरवरी मंगलवार, 07 फरवरी बुधवार, 08 फरवरी गुरुवार, 12 फरवरी   सोमवार, 13 फरवरी मंगलवार, 17 फरवरी शनिवार, 24 फरवरी शनिवार, 25 फरवरी रविवार, 26 फरवरी सोमवार, 29 फरवरी गुरुवार, 1 मार्च शुक्रवार, 2 मार्च शनिवार, 3 मार्च रविवार, 4 मार्च सोमवार, 5 मार्च मंगलवार, 6 मार्च बुधवार, 7 मार्च गुरुवार, 10 मार्च रविवार, 11 मार्च सोमवार, 12 मार्च मंगलवार, 18 अप्रैल गुरुवार, 19 अप्रैल शुक्रवार, 20 अप्रैल शनिवार, 21 अप्रैल रविवार, 22 अप्रैल सोमवार। 
शुभ मुहूर्त
4 फरवरी रविवार प्रातः 07:21 से 05 फरवरी प्रातः 05:44 तक 
6 फरवरी मंगलवार दोपहर 1:18 से 07 फरवरी, प्रातः 06:27 तक 
7 फरवरी बुधवार प्रातः 04:37 से 08 फरवरी, प्रातः 07:05 तक 
8 फरवरी गुरुवार       प्रातः 07:05 से दोपहर 11:17 तक 
12 फरवरी सोमवार दोपहर, 02:56 से 13 फरवरी, प्रातः 07:02 तक 
13 फरवरी मंगलवार दोपहर 02:41 से 14 फरवरी प्रातः 05:11तक 
17 फरवरी शनिवार प्रातः 08:46 से दोपहर 01:44तक 
24 फरवरी शनिवार दोपहर 1:35 से रात्रि 10:20 तक 
25 फरवरी रविवार प्रातः  01:24 से 26 फरवरी प्रातः 06:50 तक 
26 फरवरी सोमवार प्रातः 06:50 से दोपहर 03 :27 तक
29 फरवरी गुरुवार प्रातः 10:22 से 01 मार्च प्रातः 06:46 तक 

मार्च में विवाह मुहूर्त-
शुभ मुहूर्त
1 मार्च शुक्रवार     प्रातः 06:46 से दोपहर 12:48 तक 
2 मार्च शनिवार     रात्रि 08:24 से 03 मार्च, प्रातः 06:44 तक 
3 मार्च रविवार     प्रातः 06:44 बजे से दोपहर 03:55 तक 
4 मार्च सोमवार     रात्रि 11:16 से 05 मार्च, प्रातः 06: 42 तक 
5 मार्च मंगलवार     प्रातः 06:42 से दोपहर 02:09 तक 
6 मार्च बुधवार     दोपहर, 02:52 से 07 मार्च रात्रि 10:05 तक 
7 मार्च गुरुवार     प्रातः 06:40 से 08:24 तक 
10 मार्च रविवार     प्रातः 01:55 से 11 मार्च 06:35 तक 
11 मार्च सोमवार    प्रातः 06:35 से 12 मार्च प्रातः 06:34 तक 
12 मार्च मंगलवार   प्रातः 06:34 से दोपहर 03 :08 तक 

अप्रैल में विवाह मुहूर्त-
शुभ मुहूर्त
18 अप्रैल गुरुवार मध्य रात्रि 00:44 से 19 अप्रैल 5:51 तक 
19 अप्रैल शुक्रवार प्रातः 5:51 से 06:46 तक 
20 अप्रैल शनिवार दोपहर, 2:04 से 21 अप्रैल प्रातः 2:48 तक 
21 अप्रैल रविवार दोपहर 3:45 से 22 अप्रैल, प्रातः 5:48 तक
22 अप्रैल सोमवार प्रातः 5:48 से रात्रि 10:00 तक  

जुलाई में विवाह मुहूर्त-
9 जुलाई मंगलवार, 11 जुलाई गुरुवार, 12 जुलाई शुक्रवार, 13 जुलाई शनिवार, 14 जुलाई रविवार, 15 जुलाई सोमवार। 
शुभ मुहूर्त
9 जुलाई मंगलवार दोपहर 2:28 से शाम 6:56 तक 
11 जुलाई गुरुवार दोपहर 1:04 से 12 जुलाई प्रातः04:09 तक 
12 जुलाई शुक्रवार प्रातः 5:15 से 13 जुलाई, प्रातः 5:32 तक 
13 जुलाई शनिवार प्रातः 5:32 से दोपहर 3:05 तक 
14 जुलाई रविवार रात्रि 10:06 से 15 जुलाई प्रातः 5:33 तक 
15 जुलाई सोमवार प्रातः 5:33 से 16 जुलाई मध्य रात्रि 12 :30 तक 

नवंबर में विवाह मुहूर्त-
12 नवंबर मंगलवार, 13 नवंबर बुधवार, 16 नवंबर शनिवार, 17 नवंबर रविवार, 18 नवंबर सोमवार, 22 नवंबर शुक्रवार, 23 नवंबर शनिवार, 25 नवंबर सोमवार, 26 नवंबर मंगलवार, 28 नवंबर   गुरुवार, 29 नवंबर शुक्रवार, 4 दिसंबर बुधवार, 5 दिसंबर गुरुवार, 9 दिसंबर सोमवार, 14 दिसंबर शनिवार, 15 दिसंबर रविवार। 
शुभ मुहूर्त
12 नवंबर मंगलवार दोपहर 4: 04 से रात्रि 7:10तक 
13 नवंबर बुधवार दोपहर 3:26 से रात्रि 9:48 तक 
16 नवंबर शनिवार रात्रि 11:48 से 17 नवंबर प्रातः 6:45तक  
17 नवंबर रविवार प्रातः 6:45 से 18 नवंबर प्रातः 6:46 तक 
18 नवंबर सोमवार प्रातः 6:46 से प्रातः 7:56 तक 
22 नवंबर शुक्रवार प्रातः 11:44 से 23 नवंबर प्रातः 6:50 तक 
23 नवंबर शनिवार प्रातः 06:50 से दोपहर 11:42 तक 
25 नवंबर सोमवार प्रातः 1:01 से 26 नवंबर, प्रातः  6:53 तक 
26 नवंबर मंगलवार प्रातः 6:53 से 27 नवंबर प्रातः 4:35 तक 
28 नवंबर गुरुवार प्रातः 7:36 से 29 नवंबर, प्रातः 6:55 तक 
29 नवंबर शुक्रवार प्रातः 6:55 से प्रातः 8:39 तक 

नवंबर में विवाह मुहूर्त-
शुभ मुहूर्त
4 दिसंबर बुधवार    शाम 05:15 से 05 दिसंबर प्रातः 01:02 तक 
5 दिसंबर गुरुवार    दोपहर 12:49 से शाम 05:26 तक 
9 दिसंबर सोमवार    प्रातः 02:56 से 10 दिसंबर प्रातः 01:06 तक 
10 दिसंबर मंगलवार रात्रि 10:03 से 11 दिसंबर प्रातः 06:13 तक 
14 दिसंबर शनिवार प्रातः 07:06 से दोपहर 04:58 तक 
15 दिसंबर रविवार रविवार, प्रातः 03:42 से 07:06 तक

विवाह की शुभ तिथियां और मुहूर्त 
खरमास 15 जनवरी को समाप्त हो रहा है उसके अगले दिन यानी 16 जनवरी से ही विवाह मुहूर्त आरंभ हो जाएंगे। जनवरी माह में इस बार विवाह के 9 मुहूर्त हैं। मई, जून, अगस्त, सितंबर और अक्टूबर महीने में विवाह का कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है। इस महीने विवाह की योजना न बनाएं तो अच्छा होगा।   

विवाह जीवन का बहुत बड़ा निर्णय  
विवाह जीवन का एक बहुत बड़ा एवं अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय होता है। इसीलिए प्रायः लड़का और लड़की की कुंडली पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी या कर्मकांडी को दिखाते हैं।  वैदिक ज्योतिष में विवाह संस्कार को काफ़ी महत्वपूर्ण और शुभ माना गया है, इसलिए शुभ मुहूर्त के साथ-साथ शुभ तिथियां, नक्षत्र, योग और करण का भी ध्यान रखा जाता है. ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों का उल्लेख है, लेकिन विवाह के लिए कुछ ही नक्षत्र को ही शुभ माना जाता है. आइए ज्योतिषाचार्य रितु तिवारी से जानते हैं कि विवाह के लिए कौन सी तिथियां, नक्षत्र, योग और करण शुभ माने जाते हैं। 

शुभ करण
विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए सात ऐसे करण बताए गए हैं जिन्हें शुभ माना गया है. किन्स्तुघना करण, बव करण, बालव करण, कौलव करण, तैतिल करण, गर करण, वणिज करण शादी के लिए शुभ होते है.
मुहूर्त-
विवाह करने के लिए अभिजीत मुहूर्त और गोधूलि बेला का मुहूर्त को बेहद शुभ माना जाता है. तिथि- द्वितीया, तृतीया, पंचमी, सप्तमी, एकादशी, त्रयोदशी तिथि में शादी करना शुभ माना जाता है.
शुभ नक्षत्र-
रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र को शुभ माना गया है.
शुभ दिन-
सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार इन दिनों को विवाह के लिए काफी शुभ माना जाता है.
शुभ योग-
प्रीति योग, सौभाग्य योग, हर्षण योग

विवाह हेतु महत्वपूर्ण है लग्न भाव
विवाह करने के लिए लग्न अर्थात फेरे का समय निकाला जाता है. लग्न का समय विवाह की तिथि तय होने के बाद किया जाता है. वैदिक ज्योतिष में विवाह लग्न में कोई गलती नहीं होनी चाहिए अन्यथा इसका नकारात्मक परिणाम वर-वधू को भुगतना पड़ सकता है. विवाह में तिथि को शरीर, चंद्रमा को मन, योग-नक्षत्रों आदि को शरीर के अंग और वहीं लग्न को आत्मा माना गया है, इसलिए लग्न को ध्यान में रखकर ही विवाह जैसे शुभ कार्य किया जाता है. लग्न के बिना कोई भी शुभ कार्य करना व्यर्थ माना जाता है। 

विवाह मुहूर्त के निर्धारण में महत्वपूर्ण बिन्दु 
- अष्टमेश यानी आठवें भाव के स्वामी विवाह लग्न में स्थित न हों,  
- विवाह लग्न से बारहवें भाव में शनि व दसवें भाव में मंगल स्थित न हों,  
- विवाह लग्न से तीसरे स्थान पर शुक्र व लग्न भाव में कोई पापी ग्रह राहु या केतु उपस्थित न हों,  
- विवाह लग्न में कमजोर चंद्रमा स्थित न हों। साथ ही चंद्रमा व शुक्र ग्रह का छठे और मंगल का आठवें भाव में नहीं होना चाहिए,
- विवाह लग्न से सातवें भाव में कोई भी ग्रह नहीं होना चाहिए,
- विवाह लग्न पाप कर्तरी दोष से युक्त नहीं होना चाहिए। अर्थात विवाह लग्न के दूसरे और बारहवें भाव में कोई पापी ग्रह स्थित नहीं होना चाहिए,

विवाह में ग्रहों की शुभता आवश्यक 
विवाह के शुभ योग के लिए नौ ग्रहों में बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का अनुकूल स्थिति में होना अति आवश्यक है। ज्योतिर्विदों एवं कर्मकांडी विद्वानों 
के अनुसार, जब बृहस्पति, शुक्र व सूर्य ग्रह अस्त होते हैं, तब उस काल या अवधि में विवाहित और अन्य मांगलिक कार्यों पर रोक लग जाती है, इस अवधि में कोई भी विवाह समारोह नहीं किया जाता है, जबकि विवाह के लिए रवि-गुरु की युति अत्यंत शुभ फलदायी मानी जाती है। इन ग्रहों की शुभता विवाह हेतु बहुत ही अच्छा माना जाता है।
 

----------------------------------------------
"धर्म नगरी" सूचना केंद्र एवं हेल्प-लाइन सेवा शिविर
प्रयागराज माघ मेले में विगत वर्षों की भाँति "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन सेवा" माघ मेला-2024 लगाया जाएगा। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" का या शिविर के आयोजन में स्वेच्छापूर्वक किसी प्रकार का सहयोग कर सकते हैं। अपना सहयोग देकर हमसे निःसंकोच पूंछे- मेरा सहयोग कहाँ लगा ? कृपया सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

  • यदि आप धर्म नगरी के चुनिंदा, धार्मिक-आध्यात्मिक, राष्ट्रवादी लेख, समाचार तुरंत चाहते हैं और अभी तक आप हमारे किसी भी वाट्सएप ग्रुप से नहीं जुड़े हैं, तो अभी इस लिंक (Link) से जुड़ें 
"धर्म नगरी" की सदस्यता, शुभकामना-विज्ञापन या दान देने अथवा अपने नाम (की सील के साथ) से लेख / कॉलम / इंटरव्यू सहित "धर्म नगरी" की प्रतियां अपनों को देशभर में भिजवाने हेतु बैंक खाते का डिटेल। 
----------------------------------------------------
कथा हेतु सम्पर्क करें- व्यासपीठ की गरिमा एवं मर्यादा के अनुसार श्रीराम कथा, वाल्मीकि रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिव महापुराण या अन्य पौराणिक कथा करवाने हेतु संपर्क करें। कथा आप अपने बजट या आर्थिक क्षमता के अनुसार शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में अथवा विदेश में करवाएं, हमारा कथा के आयोजन की योजना (मीडिया आदि) में पूर्ण सहयोग रहेगा। 
-प्रसार प्रबंधक आरके द्धिवेदी "धर्म नगरी / DN News" मो.9752404020, 8109107075-वाट्सएप ट्वीटर / Koo / इंस्टाग्राम- @DharmNagari ईमेल- dharm.nagari@gmail.com यूट्यूब- #DharmNagari_News  

No comments