#WinterSession2023 : आज 3 और सांसद निलंबित, संसद से कुल 146 सांसद सस्पेंड, विपक्ष ने पुरानी संसद से...
...विजय चौक तक पैदल मार्च निकाला
- लोकसभा का शीतकालीन सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित- एक दिन पहले समाप्त हुआ सत्र, पढ़ें 13 दिनों में कब क्या हुआ
वहीं, लोक सभा का शीतकालीन सत्र आज (21 दिसंबर) अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया। संसद के शीतकालीन सत्र के लिए 22 दिसंबर तक निर्धारित था। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने कहा कि सदन की कार्यवाही 61 घंटे 50 मिनट चली। वर्क प्रोडक्टिविटी 74% रही तथा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता सहित 18 विधेयक पारित किए गए। शून्यकाल के दौरान 182 मामले उठाए गए। सत्र के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सदन में सभी दलों के नेताओं तथा सदस्यों के सहयोग के लिए ओम बिरला (स्पीकर 17वीं लोकसभा) ने आभार व्यक्त किया।
दिल्ली ब्यूरो (धर्म नगरी / DN News)
(W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, सदस्यता हेतु)विपक्षी दलों के सांसदों ने आज (21 दिसंबर) 21 दिसंबर को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले पैदल विरोध मार्च निकाला। विरोध मार्च संसद भवन से विजय चौक तक निकाला गया। आज गुरुवार (21 दिसंबर) को तीन और बुधवार (20 दिसंबर) को लोकसभा से 2 सांसदों को निलंबित किया गया था। इसके साथ अब तक कुल 146 सांसद निलंबित किए गए।
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अब तक 146 सांसद निलंबित (सस्पेंड)
आज गुरुवार को लोकसभा से तीन निलंबित सांसदों के साथ कुल निलंबित सांसदों की संख्या लोकसभा में 112 और 34 राज्यसभा में हो गई। इन सांसदों के संसद में दाखिल होने पर रोक लगा दिया गया। विपक्ष का आरोप है कि सांसदों को सस्पेंड करके भाजपा सभी बिल बिना बहस के पास कराना चाहती है।
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज (21 दिसंबर) निलंबित विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें।
कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने आज (21 दिसंबर) निलंबित विपक्षी सांसदों के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने कहा, सरकार संसद सुरक्षा चूक पर जवाब दे। पीएम नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह संसद में आकर इस मामले पर बयान दें।
क्यों हुए सांसद निलंबित ?
मंगलवार (19 दिसंबर) को संसद से सांसदों को निलंबन को लेकर विपक्षी दल मकर द्वार पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान श्रीरामपुर से TMC सांसद कल्याण बनर्जी राज्यसभा के सभापति धनखड़ की मिमिक्री करते हुए लगभग 5 मिनट सभापति का मजाक उड़ाया। उनकी मिमिक्री पर वहां उपस्थित सांसद ठहाके लगा रहे थे, तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस घटना का वीडियो बना रहे थे। भाजपा ने कहा, संवैधानिक पद पर बैठे लोगों का अपमान किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। धनखड़ ने भी सदन में कांग्रेस दिग्विजय सिंह से कहा था, कि कहीं तो बख्श दो।
देखें- संसद के बाहर विपक्ष ने क्या किया था, जिसके बाद सांसदों का निलंबन हुआ, फिर विरोध मार्च निकाला गया-
राज्यसभा के सभापति का जब TMC सांसद कल्याण बनर्जी मिमिक्री करते, राहुल गाँधी उसका वीडियो बनाते हुए...
देखें-
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"श्रीराम मंदिर निर्माण विशेषांक" में दें अपनी शुभकामना
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लोकसभा...
मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त विधेयक-2023 पारित
लोकसभा में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) विधेयक-2023 पारित हो गया। यह विधेयक निर्वाचन आयोग (निर्वाचन आयुक्तों की सेवा, शर्तें और कार्य संचालन) अधिनियम-1991 का स्थान लेगा। इस विधेयक में हैं-
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राज्यसभा...
2019 में राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों, प्रशासकों को पत्र लिखे। 2020 में मुख्य न्यायाधीशों (हाईकोर्टों व सर्वोच्च न्यायालय), बार काउंसिल, विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा। 2021 में सभी सांसदों, IPS, जिला कलक्टर को पत्र लिखे। 4200 सुझावों को लेकर ये कानून बना है : अमित शाह
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मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त विधेयक-2023 पारित
लोकसभा में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल) विधेयक-2023 पारित हो गया। यह विधेयक निर्वाचन आयोग (निर्वाचन आयुक्तों की सेवा, शर्तें और कार्य संचालन) अधिनियम-1991 का स्थान लेगा। इस विधेयक में हैं-
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, वेतन और पद से हटाए जाने से जुड़े प्रावधान
- मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्त चयन समिति की सिफारिशों के आधार पर राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाएंगे
- चयन समिति में प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्रिमंडल में से एक मंत्री, लोकसभा में विपक्ष का नेता या सबसे बड़े दल का नेता सम्मिलित होगा।
चर्चा और पारित कराने के लिए बिल प्रस्तुत करते हुए विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा- यह विधेयक मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति के बारे में सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश के अनुरूप लाया गया है। मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों का वेतन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों के बराबर होगा। विधि मंत्री ने कहा-
"...एक ऑफिशियल अमेंडमेंट क्लोज सिक्स से संबंधित है इस बिल में, जिसमें एक सर्च कमेटी। वो सर्च कमेटी पहले कैबिनेट सेक्रेटरी की अध्यक्षता में थी अब लॉ मिनिस्ट्री की अध्यक्षता में हो जाएगी और दो सेक्रेटरी उसके सदस्य होंगे। बिल के क्लोज 10 में ऑफिशियल अमेंडमेंट का प्रस्ताव आपके समक्ष है कि सुप्रीम कोर्ट के जज के बराबर सैलरी हो जाएगी और क्लोज 15 में रूल्स नोटिफाइड करके निर्धारित करेंगे, अधिसूचित करेंगे कि उनकी कंडिशन ऑफ सर्विसेज क्या होगा। एक क्लोज 15A सीसी और ईसी अपनी ड्यूटी करते समय कोई कार्यवाही संपादित करेंगे तो ऐसे प्रकरणों में उन पर कोर्ट में कोई कार्यवाही नहीं ये प्रोटेक्शन होगा। इस तरह के ऑफिशियल अमेंडमेंट मैं लेकर आया हूं।"
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अखबारों और पत्रिकाओं से जुड़ा विधेयक गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालने वाला कदम
‘प्रेस और नियतकालिक पत्रिका रजिस्ट्रीकरण विधेयक-2023 (The Press and Registration of Periodicals Bill-2023) ’ गुलामी की मानसिकता से बाहर निकालने से संबंधित कदम है। सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में यह विधेयक सदन में चर्चा और पारित कराने के लिए रखा। विधेयक मानसून सत्र में राज्यसभा में पारित हो चुका है। यह विधेयक 1867 के उस अधिनियम का स्थान लेगा, जो ब्रिटिशकाल में अस्तित्व में आया था।
सरकार के कई कदमों का उल्लेख करते हुए उनहोंने कहा- यह विधेयक भी गुलामी की मानसिकता से निकालने वाला विधेयक है। ...पहले पत्र-पत्रिकाओं के पंजीकरण के आठ चरण होते थे। अब आठ महीने का समय नहीं लगेगा, बल्कि दो महीने में समाचार पत्र और पत्रिका के प्रकाशन की अनुमति मिलेगी...अब जिला अधिकारी और आरएनआई के पास एक ही समय पर आवेदन कर सकते हैं। अगर 60 दिनों में जिला अधिकारी अनुमति नहीं देता, तो आरएनआई पंजीकरण कर देगा।’’
उन्होंने आज (21 दिसंबर) लोकसभा में प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियोडिकल्स बिल-2023 पर चर्चा के बाद उत्तर देते हुए
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हरित एक्सप्रेस-वे बनाने पर विचार
केंद्र महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से बिल्ड ऑपरेट ट्रांसफर (BOT) योजना पर पुणे को संभाजीनगर से जोड़ने वाला एक हरित एक्सप्रेस-वे बनाने पर विचार कर रहा है। इस एक्सप्रेस-वे से शहर में यातायात की भीड़ को कम करने में मदद मिलेगी। -नितिन गडकरी, केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री (लोकसभा में पूरक प्रश्न का उत्तर देते हुए)
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संबंधित रिपोर्ट : इसे भी देखें, सुनें-
#WinterSession2023 : 33 MPs लोकसभा से निलंबित, अब तक 47 सांसदों पर गिरी गाज☟
http://www.dharmnagari.com/2023/12/Parliament-winter-session-33-MPs-suspended-from-Loksabha.html"धर्म नगरी" सूचना केंद्र एवं हेल्प-लाइन सेवा शिविर
प्रयागराज माघ मेले में विगत वर्षों की भाँति "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन सेवा" माघ मेला-2024 लगाया जाएगा। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" का या शिविर के आयोजन में स्वेच्छापूर्वक किसी प्रकार का सहयोग कर सकते हैं। अपना सहयोग देकर हमसे निःसंकोच पूंछे- मेरा सहयोग कहाँ लगा ? कृपया सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।----------------------------------------------
दूरसंचार विधेयक-2023 पारित
राज्यसभा में आज दूरसंचार विधेयक-2023 पारित हो गया। यह विधेयक भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम-1885 का स्थान लेगा। इस विधेयक का उद्देश्य-
राज्यसभा में आज दूरसंचार विधेयक-2023 पारित हो गया। यह विधेयक भारतीय टेलिग्राफ अधिनियम-1885 का स्थान लेगा। इस विधेयक का उद्देश्य-
- दूरसंचार सेवाओं और उसके नेटवर्क के विकास, विस्तार और संचालन से संबंधित कानून में संशोधन और समेकित करना
- सत्यापन योग्य बायोमेट्रिक-आधारित पहचान के माध्यम से दूरसंचार सेवा प्रदाताओं को अपने उपभोक्ताओं की पहचान की जाँच करने का प्रावधान करना
- केंद्र सरकार दूरसंचार संबंधी गतिविधियों और स्पेक्ट्रम आवंटन के लिए प्राधिकृत करना
इसके साथ विधेयक के अतंर्गत पाबंदी से संबंधित प्रक्रियाएं और सुरक्षा उपाय केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित किए जाएंगे। इलेक्ट्रानिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ऊपरी सदन में यह विधेयक प्रस्तुत किया।
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तीन आपराधिक कानूनों के स्थानों पर नए विधेयक
भारतीय न्याय संहिता (BNS) विधेयक-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) विधेयक-2023 और भारतीय साक्ष्य (BS) विधेयक-2023 चर्चा एवं पारित करने के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में प्रस्तुत किया। लोकसभा में कल (20 दिसंबर) इन तीनों विधेयकों को ध्वनिमत से स्वीकृति दी गई। भारतीय न्याय संहिता विधेयक, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता विधेयक और भारतीय साक्ष्य विधेयक को भारतीय दंड संहिता (IPC)-1860; दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC)-1898 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम-1872 का स्थान लेने के लिए लाया गया है।
गृह मंत्री अमित शाह ने कहा- "...हम पर आरोप करते थे कि आप मॉब लॉन्चिंग (mob lynching) को प्रोटेक्ट करते हो। आपने तो कभी कानून बनाया नहीं, मगर हमने कानून बना दिया। मानव वध से बड़ा कोई गुनाह नहीं हो सकता और इसको कठोरता के साथ हम देखेंगे..."
सुनें-
2019 में राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, उपराज्यपालों, प्रशासकों को पत्र लिखे। 2020 में मुख्य न्यायाधीशों (हाईकोर्टों व सर्वोच्च न्यायालय), बार काउंसिल, विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा। 2021 में सभी सांसदों, IPS, जिला कलक्टर को पत्र लिखे। 4200 सुझावों को लेकर ये कानून बना है : अमित शाह
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इस सत्र में किस दिन क्या हुआ, एक दृष्टि में...
दिन-1 (4 दिसंबर)
संसद का शीतकालीन सत्र सोमवार 4 दिसंबर से आरंभ हुआ
लोकसभा में PM मोदी के पहुंचते ही NDA के सांसदों ने जोरदार स्वागत किया
सत्र शुरू होने से पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष से कहा- बाहर मिली पराजय का गुस्सा सदन में मत निकालिए।
दिन-2 (5 दिसंबर)
दूसरे दिन- DMK नेता के गोमूत्र स्टेट्स वाले बयान पर हंगामा, बाहर आकर माफी मांगी
दूसरे दिन (5 दिसंबर) लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल प्रस्तुत किया
चर्चा के दौरान धर्मपुरी से DMK सांसद डॉ. सेंथिल कुमार ने कहा- भाजपा की ताकत केवल हिंदी बेल्ट के उन राज्यों को जीतने में ही है, जिन्हें हम आमतौर पर गोमूत्र राज्य कहते हैं। हंगामा बढ़ने के बाद रिकॉर्ड से यह बयान हटा दिया गया।
दिन-3 (6 दिसंबर)
अमित शाह ने लोकसभा में नेहरू की चिट्ठी पढ़ी
तीसरे दिन (6 दिसंबर) लोकसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) बिल और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) बिल पास हुआ। सदन में चर्चा में अमित शाह ने जवाहर लाल नेहरू को कोट किया था। गृह मंत्री ने कहा- 'नेहरू ने शेख अब्दुल्ला को लिखा था कि कश्मीर मुद्दा यूएन ले जाना गलती थी।'
दिन-4 (7 दिसंबर)
लोकसभा में सेंट्रल यूनिवर्सिटी अमेंडमेंट बिल-2023 पास हुआ। इस बीच, भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने संसदीय समिति से माफी मांगी
विशेष सत्र के दौरान में बिधूड़ी ने सपा सांसद दानिश अली पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। उधर, राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ ने वायरल वीडियो पर दु:ख जताया था।
5वां दिन-
संसद के पांचवें दिन महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोप में पहले एथिक्स कमेटी की रिपोर्ट और फिर निष्कासन प्रस्ताव प्रस्तुत। वोटिंग के बाद महुआ की लोकसभा से सदस्यता रद्द होग गई। हालांकि, महुआ के खिलाफ सदन में वोटिंग शुरू होते ही विपक्ष ने बॉयकॉट कर दिया।
6वां दिन-
जम्मू-कश्मीर आरक्षण और पुनर्गठन संशोधन बिल राज्यसभा से पास: गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक-2023 प्रस्तुत। वहीं, इसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने 370 हटाने के खिलाफ लगी याचिकाओं पर फैसला सुनाया, जिस पर विपक्ष ने दोनों सदन में हंगामा किया। राज्यसभा से वॉकआउट कर गया। इसके बाद बिलों पर वोटिंग हुई और दोनों बिल राज्यसभा से भी पास हो गए
7वां दिन-
राज्यसभा से मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) और अन्य चुनाव आयुक्तों (ECs) से नियुक्ति से जुड़ा बिल पास हो गया। बिल कानून मंत्री अर्जुनराम मेघवाल ने प्रस्तुत किया। इसे चुनाव आयोग (चुनाव आयुक्तों की सेवा की शर्तें और कामकाज का संचालन) अधिनियम-1991 के स्थान पर लाया गया
8वां दिन-
संसद हमले की 22वीं बरसी पर सुरक्षा चूक, संसद पर आतंकी हमले की बरसी पर सदन में विजिटर्स गैलरी से दो युवक अचानक नीचे कूद गए। उन्होंने सदन में स्प्रे किया, जिससे पीला धुआं फैलने लगा।
पुलिस ने दो महिला सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने जांच के आदेश दिए
9वां दिन-
लोकसभा से 13 व राज्यसभा से एक सांसद पूरे सत्र के लिए सस्पेंड
संसद की सुरक्षा में चूक मामले को लेकर विपक्ष ने दोनों सदनों में हंगामा किया, जिससे लोकसभा से विपक्षी पार्टियों के 14 और राज्यसभा से एक सांसद को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड हुए। बाद में विपक्ष ने कहा, कि निलंबित हुए DMK सांसद एसआर पार्थिबन संसद आए ही नहीं थे, फिर भी उन्हें सस्पेंड किया गया। इसके बाद पार्थिबन का नाम सस्पेंड किए गए सांसदों की सूची से वापस ले लिया गया
10वां दिन-
संसद की सुरक्षा में चूक मामले पर सत्र के 10वें दिन दोनों सदनों में कामकाज ठप रहा
विपक्षी दलों ने लगातार दूसरे दिन लोकसभा और राज्यसभा में हंगामा किया
विपक्ष ने गृह मंत्री अमित शाह के सदन में बयान और इस्तीफे की मांग की
11वां दिन-
संसद के शीतकालीन सत्र के 11वें दिन दोनों सदनों से 78 सांसद निलंबित
संसद में सुरक्षा चूक के मसले पर लोकसभा में लगातार चौथे दिन हंगामा हुआ
लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने 33 सांसदों को सस्पेंड किया, जबकि राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 विपक्षी सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड किया
12वां दिन-
राज्यसभा से दिल्ली बिल पास, लोकसभा से 49 सांसद सस्पेंड
राज्यसभा में नेशनल कैपिटल टेरिटरी ऑफ डेल्ही लॉज (स्पेशल प्रोविजंस) सेकेंड (अमेंडमेंट) बिल-2023 पास हुआ। अब बिल पर राष्ट्रपति की स्वीकृति मिलते ही कानून बन जाएगा
लोकसभा से विपक्ष के 49 सांसदों को निलंबित। इस तरह शीतकालीन सत्र में अब तक कुल 141 सांसद निलंबित हुए
संसद के बाहर प्रदर्शन के दौरान TMC सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ की मिमिक्री किया, जिसका राहुल गांधी ने वीडियो बनाया।
13वां दिन-
तीन नए क्रिमिनल विधेयक लोकसभा में पास, राजद्रोह कानून खत्म: लोकसभा में तीन नए क्रिमिनल लॉ बिल पास हो गए। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। गृहमंत्री अमित शाह ने इसे पेश करते हुए कहा- अंग्रेजों के समय का राजद्रोह कानून खत्म किया गया है। नाबालिग से रेप और मॉबलिंचिंग जैसे क्राइम में फांसी की सजा दी जाएगी।
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गुरुवार 21 दिसंबर संसद के बाहर
सांसदों का निलंबन निंदनीय है। सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती है। सरकार बताए कि संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई है। लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन अगर हमें अनुमति दें, तो हम कुछ फैक्ट रखने के लिए तैयार हैं। सत्ता पक्ष के लोग जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। हम बस चर्चा की मांग कर रहे हैं, हमें सुनने के बजाय हंगामा किया जा रहा है। यह पहली बार हुआ है राज्यसभा 145 सांसदों के साथ संसदीय कार्यमंत्री खड़े होकर भाषण देते हैं। वे नारेबाजी करते हैं। यह दिखाता है कि उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। राज्यसभा अध्यक्ष ने सदन में ऐसे भाषण की अनुमति क्यों दी? यह गलत है। ऐसी चीजें भविष्य में भी होंगी। लोकतांत्रिक तरीके से सदन में चीजें होनी चाहिए। यही हमारे विरोध का मकसद है। हम शुक्रवार को जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन करेंगे। -मल्लिकार्जुन खरगे, राज्यसभा सांसद, विपक्ष के मार्च के दौरान।
सांसदों का निलंबन निंदनीय है। सरकार खुद सदन नहीं चलाना चाहती है। सरकार बताए कि संसद की सुरक्षा में इतनी बड़ी चूक कैसे हुई है। लोकसभा के स्पीकर और राज्यसभा के चेयरमैन अगर हमें अनुमति दें, तो हम कुछ फैक्ट रखने के लिए तैयार हैं। सत्ता पक्ष के लोग जानबूझकर सदन की कार्यवाही में बाधा डाल रहे हैं। हम बस चर्चा की मांग कर रहे हैं, हमें सुनने के बजाय हंगामा किया जा रहा है। यह पहली बार हुआ है राज्यसभा 145 सांसदों के साथ संसदीय कार्यमंत्री खड़े होकर भाषण देते हैं। वे नारेबाजी करते हैं। यह दिखाता है कि उन्हें लोकतंत्र में विश्वास नहीं है। राज्यसभा अध्यक्ष ने सदन में ऐसे भाषण की अनुमति क्यों दी? यह गलत है। ऐसी चीजें भविष्य में भी होंगी। लोकतांत्रिक तरीके से सदन में चीजें होनी चाहिए। यही हमारे विरोध का मकसद है। हम शुक्रवार को जंतर-मंतर पर भी प्रदर्शन करेंगे। -मल्लिकार्जुन खरगे, राज्यसभा सांसद, विपक्ष के मार्च के दौरान।
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बनर्जी की हरकत लोकतांत्रिक परंपराओं पर धब्बा: राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ का 'अपमान' करने को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी और तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी की आलोचना की। उनके कृत्यों को भारत की लोकतांत्रिक परंपराओं पर धब्बा करार दिया। सिंह ने कहा, ‘सर्वोच्च संवैधानिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के सम्मान की परंपरा लोकतंत्र की जीवनी शक्ति है परंतु दलगत विरोध को विद्वेष का रूप देकर संसदीय गरिमा का अवमूल्यन जिस निचले स्तर पर पहुंच रहा है, वह पूरे राजनीतिक वर्ग के लिए चिंता का विषय है।’
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मजाक उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अशोभनीय
संसद के दोनों संसदों से लगभग 150 सांसदों का निलंबन संसदीय इतिहास के लिए दु:खद और लोगों के विश्वास को आघात पहुंचाने वाला है। इसी दौरान निलंबित सांसदों द्वारा राज्यसभा के सभापति का संसद परिसर में मजाक उड़ाने का वीडियो वायरल होना भी अनुचित और अशोभनीय है... -मायावती, बसपा प्रमुख
"गरिमा बरकरार रखनी चाहिए"
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष के पद संवैधानिक होते हैं। इनकी गरिमा और मर्यादा को कभी भी कमतर नहीं करना चाहिए।
'राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और लोकसभा अध्यक्ष के पद संवैधानिक होते हैं, जिनकी गरिमा और मर्यादा को गिराना नहीं चाहिए। इन उच्च पदों पर आसीन व्यक्तियों का मजाक उड़ाकर हम संसदीय आचरण की गलत मिसाल पेश कर रहे हैं और अपना ही उपहास उड़ा रहे हैं। हमें असहमति व्यक्त करने के लिए हमेशा संसदीय और लोकतांत्रिक तरीकों का ही उपयोग करना चाहिए।' -वेंकैया नायडू, पूर्व उपराष्ट्रपति (उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ से जुड़े ‘मिमिक्री’ विवाद पर सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर प्रतिक्रिया) The offices of the President, Vice President and Speaker, are Constitutional offices whose dignity & decorum must never be lowered.
In mocking these high offices, we are plumbing the depths of parliamentary conduct & only ridiculing ourselves. We must always use only parliamentary & democratic means to express dissent & disagreement. -@MVenkaiahNaidu
सांसदों के निलंबन के खिलाफ कल प्रदर्शन
संसद के दोनों सदनों में कांग्रेस सहित इंडिया गठबंधन में सांसदों को अलोकतांत्रिक तरीके से निलंबित किए जाने के खिलाफ कांग्रेस ने शुक्रवार 22 दिसंबर को सुबह 11 बजे जंतर मंतर पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। प्रदर्शनकारियों को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी संबोधित करेंगे। इंडिया गठबंधन सभी सांसद इस प्रदर्शन में भाग लेंगे।
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गंगा नदी को संरक्षित करने के प्रयास
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर ज्ञान व्यवस्था, परंपराओं और सांस्कृतिक भावनाओं को संरक्षित करने के क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग ने वैश्विक मंच पर इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाई है। नई दिल्ली में आज मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की गंगा नदी को संरक्षित करने और कायाकल्प करने के प्रयास अतुलनीय है। गंगा नदी न केवल धार्मिक बल्कि इसके सांस्कृतिक महत्व को वास्तविक मान्यता देकर संरक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा- "...गंगा को केवल धार्मिक महत्ता नहीं, अपितु उसकी सांस्कृतिक महत्ता गंगा के किनारे इवोल्व हुए सांस्कृतिक केन्द्रों को पूरे विश्व के पटल पर लाना, ज्ञान गंगा के रूप में अर्थ गंगा के रूप में गंगा नदी को स्थापित करना, उसकी महत्ता को स्थापित करना। ये भी निश्चित रूप से भारत की संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उल्लेखनीय रूप से हुआ है।"
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर ज्ञान व्यवस्था, परंपराओं और सांस्कृतिक भावनाओं को संरक्षित करने के क्षेत्र में भारत की बड़ी छलांग ने वैश्विक मंच पर इसकी प्रतिष्ठा बढ़ाई है। नई दिल्ली में आज मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में देश की गंगा नदी को संरक्षित करने और कायाकल्प करने के प्रयास अतुलनीय है। गंगा नदी न केवल धार्मिक बल्कि इसके सांस्कृतिक महत्व को वास्तविक मान्यता देकर संरक्षित किया जा रहा है। उन्होंने कहा- "...गंगा को केवल धार्मिक महत्ता नहीं, अपितु उसकी सांस्कृतिक महत्ता गंगा के किनारे इवोल्व हुए सांस्कृतिक केन्द्रों को पूरे विश्व के पटल पर लाना, ज्ञान गंगा के रूप में अर्थ गंगा के रूप में गंगा नदी को स्थापित करना, उसकी महत्ता को स्थापित करना। ये भी निश्चित रूप से भारत की संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में उल्लेखनीय रूप से हुआ है।"
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