"...वीर बाल दिवस अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है" दूसरे "वीर बाल दिवस" पर PM मोदी ने कहा-


हमें एक पल रुकना नहीं है, एक पल ठहरना नहीं है, यही सीख हमें गुरुओं ने दी है... 
- बीते साल पहला "वीर बाल दिवस" था ऐतिहासिक   
- #सोशल_मीडिया से कुछ चुनिंदा पोस्ट... 
धर्म नगरी / DN News (राजेश पाठक)
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("वीर बाल दिवस" पर आज PM मोदी ने कहा- शब्दशः)-    

ये दिन हमे याद दिलाता है, कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय आयु मायने नहीं रखता। 
...माता गुजरी, गुरु गोविन्द सिंह जी और उनके चारों साहबजादों की वीरता आज भी हर भारतीय को ताकत देते हैं। इस लिए वीर बाल दिवस उन सच्चे वीरों के अप्रतिम शौर्य एवं उनको जन्म देने वाली माता के प्रति राष्ट्र की सच्ची श्रद्धांजलि है। आज मैं बाबा मोतीराम मेहरा, उनके परिवार की शहादत और दीवान टोडरमल को याद करता हूँ। 

...मुझे खुशी है, कि वीर बाल दिवस अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है। इस वर्ष अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई और ग्रीस में भी "वीर बाल दिवस" से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। भारत के वीर शाहबजादों को पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी, उनके महान करतूतों से सीखेगी। 300 साल पहले चमकौर और सरहिन्द की लड़ाई में जो कुछ हुआ, वह भी एक इतिहास है। ये इतिहास बेमिशाल है। इस इतिहास को हम भुला नहीं सकते। उसे आने वाली पीढिय़ों को याद दिलाते रहना बहुत जरूरी है। 

जब अन्याय और अत्याचार का घोर अंधकार था, तब भी हमने निराशा को पल भर के लिए हाबी नहीं होने दिया। हम भारतीयों ने स्वाभिमान के साथ अत्याचारियों का सामना किया। हर आयु के हमारे पूर्वजों ने तब सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने अपने लिए जीने के बजाय, इस मिट्टी के लिए मरना पसंद किया। जब तब हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया, दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया। आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं, तब दुनिया का नजरिया भी बदला है। 
मुझे खुशी है, कि आज देश गुलामी की मानसिकता से बाहर निकल रहा है। 

आज के भारत को अपने लोगों पर, अपने सामर्थ्य पर, अपनी प्रेरणाओं पर पूरा-पूरा भरोसा है। आज के भारत के लिए साहबजादों का बलिदान राष्ट्रीय पे्ररणा का विषय है। आज के भारत में भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान, गुरु गोविन्दसिंह का बलिदान पूरे देश को प्रेरणा देता है। ...आज पूरी दुनिया भारतभूमि को अवसरों की भूमि, उसमें सबसे प्रथम पंक्ति में रखता है। आज भारत उस स्टेज पर है, जब बड़ी वैश्विक चुनौतियों के समाधान में भारत बड़ी भूमिका निभा रहा है। अर्थव्यवस्था हो, विज्ञान हो, अनुसंधान हो, नीति-रणनीति हो, आज भारत बुलंदियों की ओर जा रहा है। इसलिए हमने लाल किले से कहा था- यही समय है, सही समय है। ये भारत का समय है। आने वाले 25 साल भारत की सामर्थ्य की पराकाष्ठा का प्रचंड प्रदर्शन करना होगा। इसके लिए हमें पंच-प्यारों की राह पर चलना होगा। 

हमें एक पल रुकना नहीं है, एक पल ठहरना नहीं है। यही सीख हमें गुरुओं ने दी है। हमें इस मिट्टी की आन, बान शान के लिए जीना है। हमें इस देश को बेहतर बनाने के लिए जीना है। हमें इस राष्ट्र को विकसित बनाने के लिए जीना है, जूझना है और विजय होकर निकलना है। 

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"श्रीराम मंदिर निर्माण विशेषांक" में दें अपनी शुभकामना 
अयोध्या में 493 वर्षों तक संघर्षों एवं युद्धों के पश्चात नवनिर्मित भव्य मंदिर में "रामलला" की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर "धर्म नगरी" का विशेषांक प्रकाशित हो रहा है। इसमें आप भी अपनी फोटो सहित शुभकामना या प्रतिक्रिया देते हुए अपने नाम/ संस्था/ आश्रम / पार्टी आदि के नाम से देशभर में जहाँ चाहें,  प्रतियाँ भिजवा सकते हैं।

प्रतियाँ अयोध्या, प्रयागराज माघ मेला-2024 तथा वृन्दावन व हरिद्वार में भेजा या सौजन्य प्रति के रूप में बाटा जाएगा। आप भी "सौजन्य प्रति" के स्थान पर अपने नाम, फोटो, शुभकामना या गतिविधि / उपलब्धि आदि  प्रतियाँ भिजवा या बटवा सकते हैं। कृपया संपर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com माघ हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

दशम गुरु, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों बाबा अजीत सिंह जी, बाबा जुझार सिंह जी, बाबा जोरावर सिंह जी और बाबा फतेह सिंह जी के बलिदान एवम पुण्य स्मृतियों को #वीर_बाल_दिवस पर नमन - धर्म नगरी / DN News संपादकीय विभाग एवं समस्त रिपोर्टर्स 
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...आज भारत उस कालखंड से गुजर रहा है, जो युगों-युगों में एक बार आता है। आजादी के इस अमृत काल में भारत के स्वर्णिम भविष्य को लिखने वाले अनेक फैक्टर एकसाथ जुड़ गया है। आज भारत उन देशों में है, जो सबसे ज्यादा युवा देश है। इतना युवा तो भारत अपनी आजादी के समय भी नहीं था। ये विशाल युवा शक्ति देश को जिस ऊँचाई पर ले जा सकती है, वो कल्पना से भी परा है। 

भारत वो देश है, जहाँ नचिकेता जैसा भारत आकाश-पालाल एक कर सकता है, अभिमन्यु चक्रव्यूह को तोड़ सकता है, चंद्रगुप्त कम आयु में , एकलव्य जैसा शिष्य अपने गुरु को असंभव कर दिखाता है... जिस देश की प्रेरणा इतनी बड़ी होगी, उस देश के लिए किसी भी लक्ष्य को पाना असंभव नहीं है। इसीलिए मेरा विश्वास आज के बच्चों, आज के नौजवानों पर है। भविष्य के भारत के कर्णधार यही बच्चे हैं। 

अभी यहाँ जिन बच्चों ने मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया, उनका अद्भुत प्रदर्शन दिखाता है कि भारत का भविष्य कितना सुरक्षित है। ...भारत का युवा किसी भी क्षेत्र में, किसी भी समाज में पैदा हुआ हो, उसके सपने असीम है। इन सपनों को पूरा करने के लिए सरकार के पास स्पष्ट रोडमैप है, स्पष्ट विजन है, स्पष्ट नीति है, नियत में कोई खोट नहीं है। 

आज भारत ने जो नई शिक्षा नीति बनाई, वह 21वीं सदी में युवाओं को नई शक्ति देगी। ...आप स्टार्टअप को देखिये, 2014 में इसे बहुत कम लोग जानते थे। आज सवा लाख स्टार्टअप है, जिसमें युवाओं के कुछ करने की इच्छा है। ...मुद्रा लोन को लेकर हमने बैंकों से कहा, आप भयमुक्त होकर लोन दीजिए। हमारे खिलाड़ी आज हर इंटरनेशनल इवेंट में नए रिकॉर्ड बना रहे हैं, जिनमें अधिकांश युवा गाँव से, पिछड़े क्षेत्रों से हैं। ...ये दिखाता है, युवा हित को जब प्राथमिकता मिलती है, तो वह कितने शानदार परिणाम देती है। आज जब देश को तीसरे नंबर की आर्थव्यवस्था की बात करता हूं, तो उसमें युवा ही है। तीसरे नंबर की आर्थिक शक्ति का मतलब है अधिक अवसर, क्वालिटी ऑफ लाइन, क्वालिटी ऑफ प्रोडक्ट। ...सरकार एक दोस्त, एक साथी के रूप में आपके साथ मजबूती से खड़ी हुई है। विकसित भारत के निर्माण के लिए युवाओं को जोडऩे के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान चल रहा है। मैं सभी युवाओं से ‘माई गव’ पर अपने अनुभव साझा करने की अपील करता हूँ...

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ये भी पढ़ें / देखें / सुनें- 
बाल दिवस का विरोध करने #ठरकी_दिवस के माध्यम से निकली भड़ास
https://www.dharmnagari.com/2021/11/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Sunday-20211114.html
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पहली बार "वीर बाल दिवस"में क्या हुआ था ?  
बीते वर्ष पहली बार "वीर बाल दिवस" (26 दिसंबर,2022) दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में ऐतिहासिक' कार्यक्रम हुआ, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम में (PMO के अनुसार)  लगभग 300 बाल कीर्तनियों ने  शबद-कीर्तन प्रस्तुत किया, मधुर शबद-कीर्तन गाया। लगभग 3,000 बच्चों द्वारा किये निकाले गए 'मार्च-पास्ट' को PM ने हरी झंडी दिखाई। इसके साथ नागरिकों, विशेष रूप से छोटे बच्चों को सिखों के अंतिम गुरु गोबिंद सिंह के पुत्रों के अनुकरणीय साहस की कहानी के बारे में बताने, जिन्होंने अपनी आस्था की रक्षा के लिए प्राण न्योछावर कर दिए, पूरे देश में संवाद और सहभागिता आधारित कार्यक्रम सरकार ने आयोजित किया। 

उल्लेखनीय है, 9 जनवरी 2022 को गुरु गोबिंद सिंह की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा किया था, कि 26 दिसंबर को सिख गुरु के बेटों जोरावर सिंह और फतेह सिंह की बलिदान शहादत को 'वीर बाल दिवस' के रूप में मनाया जाएगा।
 
"वीर बाल दिवस"
सिक्खों के दसवें गुरु गोबिन्द सिंह के पुत्रों के बलिदान शहादत के सम्मान में इस दिन को मनाया जाता है. गुरु गोबिन्द सिंह ने 1699 में खालसा पंथ की स्थापना की। पंथ का मुख्य रूप से लोगों को मुगलों के उत्पीड़न से बचाया था। आनंदपुर साहिब में ही उनका किला था। मुगलों ने कई बार इन्हें यहां से निकालने का प्रयास किया, पर असफल रहें। बाद में मुगलों के समझौता हुआ, अगर आनंदपुर छोड़ देंगे तो युद्ध नहीं होगा। परन्तु गुरु गोबिंद सिंह और उनके अनुयायियों पर सरसा नदी के पास हमला कर दिया गया। 

गुरु गोबिन्द सिंहजी के 4 पुत्र- अजीत सिंह, जुझार सिंह, जोरावर सिंह और फतेह सिंह थे। चारों पुत्र (साहबजादे)  खालसा का हिस्सा थे। 26 दिसंबर के दिन ही जोरावर सिंह और फतेह सिंह, इसी हमले में बलिदान हो गए और बाकी परिवार वालों से अलग हो गए। उनके बलिदान का स्मरण करने (याद करने) के लिए ये दिन मनाया जाता है। गुरु गोबिन्द सिंह जी चारों पुत्रों को 19 वर्ष की आयु से पहले ही मुगल सेना द्वारा मार डाला गया था।  

शहादत  का अर्थ सर्वोच्च बलिदान या जीवन को बलिदान करना नहीं होता। इसलिए हम इस शब्द को नहीं लिखते।  
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इसे भी देखें, सुनें-
मध्य प्रदेश : 18 कैबिनेट, 6 राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं 4 राज्य मंत्री बनें, राज्यपाल ने दिलाई शपथ
http://www.dharmnagari.com/2023/12/Madhya-Pradesh-cabinet-expansion-28-Ministers-including-18-Cabinet-ministered-took-oath.html

लोकसभा का शीतकालीन सत्र : पढ़ें 13 दिनों में कब क्या हुआ
http://www.dharmnagari.com/2023/12/Parliament-winter-session-2023-146-MPs-suspended-read--see-what-happened-in-13-days.html
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"धर्म नगरी" सूचना केंद्र एवं हेल्प-लाइन सेवा शिविर
प्रयागराज माघ मेले में विगत वर्षों की भाँति "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन सेवा" माघ मेला-2024 लगाया जाएगा। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" का या शिविर के आयोजन में स्वेच्छापूर्वक किसी प्रकार का सहयोग कर सकते हैं। अपना सहयोग देकर हमसे निःसंकोच पूंछे- मेरा सहयोग कहाँ लगा ? कृपया सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

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#सोशल_मीडिया से कुछ चुनिंदा पोस्ट... 

विश्व की सबसे महंगी जमीन पर हुआ था साहिबजादों का अंतिम संस्कार
#टोडरमल ने अंतिम संस्कार करने के लिए मुगलों को 4 गज जमीन के लिए 78,000 सोने के सिक्के दिए थे। इन सोने के सिक्कों की आज कीमत करीब 4 अरब रुपये आंकी जाती है। सत सत नमन 💐
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सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी के दो पुत्रों साहिबजादा जोरावर सिंह जी और साहिबजादा फतेह सिंह जी ने 26 दिसंबर 1705 को न्याय की तलाश में क्रमशः 9 और 6 साल की उम्र में सर्वोच्च बलिदान दिया। भारत भर के स्कूली छात्रों को उनके जीवन और महान वीरता से अवगत कराने हेतु वाद-विवाद, कविताएँ, निबंध, पेंटिंग आदि जैसे कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं।
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On Veer Bal Diwas, I bow to Guru Gobind Singh Ji’s four Sahibzade and Mata Gujri Ji. With supreme courage they stood against the brutal Mughal rule and chose martyrdom, refusing to convert. Their unmatched valor will continue to inspire generations to come.
Proclaiming their Martyrdom Day as Veer Bal Diwas, Prime Minister Modi Ji has spread the saga of their sacrifice to every corner of the country and the world. -@AmitShah Union Home Minister.
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मातृभूमि और धर्म की रक्षा हेतु गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबज़ादे बाबा ज़ोरावर सिंह जी और बाबा फ़तेह सिंह जी ने छोटी उम्र में दुश्मन का सामना कर अपना बलिदान दिया, उनकी इस वीरता और बलिदान को सादर नमन... -@nstomar अध्यक्ष, मप्र विधानसभा 
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जो बोले सो निहाल!
सत् श्री अकाल! ਜੋ ਬੋਲੇ ਸੋ ਨਿਹਾਲ! ਸਤਿ ਸ੍ਰੀ ਅਕਾਲ! आज लखनऊ में पवित्र 'श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी' के स्वागत एवं सम्मान के साथ ही उनके समक्ष शीश नवाने का सुअवसर प्राप्त हुआ -योगी आदित्यनाथ, CM उत्तर प्रदेश
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🇮🇳🇮🇳 मातृभूमि व धर्म की रक्षा हेतु गुरू गोविंद सिंह जी के साहिबजादों ने छोटी उम्र में दुश्मन का सामना किया। उनकी वीरता और बलिदान को नमन। -@nitin_gadkari  

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"वीर बाल दिवस" पर श्री गुरु गोबिन्द सिंह जी महाराज के अमर बलिदानी साहिबजादों को कोटि-कोटि नमन! राष्ट्र और धर्म की रक्षा के लिए साहिबजादों का पावन बलिदान समस्त देशवासियों को युगों-युगों तक प्रेरित करता रहेगा। -डॉ. मोहन यादव, CM, मध्य प्रदेश  
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गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादों बाबा जोरावर सिंह जी एवं बाबा फतेह सिंह जी की शहादत के स्मृति स्वरूप मनाए जाने वाले वीर बाल दिवस पर उनके त्याग एवं बलिदान को करबद्ध नमन🙏 -राजेंद्र शुक्ल, उप मुख्यमंत्री, मप्र
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धन्य-धन्य गुरु आपके , बच्चों का बलिदान।
दान कर दिए प्राण पर अटल रखा सम्मान।। -प्रदीप
धर्मरक्षा हेतु अपने प्राणों का बलिदान देने वाले बाबा जोरावर सिंह जी, बाबा फतेह सिंह जी की पावन चरणस्मृतियों में कोटि कोटि नमन।🚩🙏 -@pradeep14869
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