नीतीश ने त्यागपत्र दिया, आज 9वीं बार लेंगे CM पद की शपथ, सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा भी लेंगे Dy CM पद की शपथ

राज्यपाल से मिलने के बाद नीतीश ने बताया "क्यों आई ऐसी नौबत" 
- सम्राट चौधरी बने भाजपा विधानमंडल दल नेता 
सरकार बदलने के बीच RJD की तेजस्वी की ब्रांडिंग
- कांग्रेस देश में अछूत हो चुकी थी, हमने एक्सेबिलिटी दिलाई : केसी त्यागी JDU  
राज्यपाल को त्यागपत्र सौपते हुए नीतीश कुमार 
पटना ब्यूरो  (धर्म नगरी / DN News)  
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बिहार में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पद से त्यागपत्र दे दिया है। 
रविवार सुबह 11 बजे नीतीश राजभवन पहुंचे और राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर को त्यागपत्र सौंप दिया। इसके साथ ही उन्होंने महागठबंधन से अलग होने की घोषणा भी की। इस बीच ने JDU-BJP की बनने वाली नई बिहार सरकार के शपथ-ग्रहण समारोह की तैयारी चल रही है, जिसमें नीतीश के नौवीं बार CM पद के साथ भाजपा के सम्राट चौधरी एवं विजय कुमार सिन्हा Dy CM पद की शपथ लेंगे। उनके साथ नौ अन्य मंत्री भी शपथ लेंगे।  
   
बिहार राजभवन ने नीतीश के त्यागपत्र की पुष्टि करते हुए कहा सोशल मीडिया "एक्स" पर करते हुए लिखा- "माननीय राज्यपाल ने माननीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का त्यागपत्र स्वीकार किया तथा वैकल्पिक व्यवस्था होने तक उन्हें कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्य करने को कहा."

क्यों आई ऐसी नौबत, बताया    
राज्यपाल से मिलने के बाद, नीतीश ने मीडिया से कहा- "मैंने इस्तीफ़ा दे दिया है और अब सरकार ख़त्म हो गई। हमने लोगों और पार्टी की राय सुनी, उसके बाद यह फ़ैसला लिया।" मीडिया ने जब उनसे त्यागपत्र देने का कारण पूछा, तो उन्होंने कहा- "यह नौबत इसलिए आई क्योंकि ठीक नहीं चल रहा था. थोड़ी परेशानी थी. हम देख रहे थे। पार्टी के अंदर से और इधर-उधर से राय आ रही थी. सबकी बात सुनकर हमने इस्तीफ़ा दिया और सरकार को भंग कर दिया।" उन्होंने कहा, "हमने पिछले गठबंधन को छोड़कर जो नया गठबंधन बनाया था डेढ़ साल से, उसमें आकर स्थिति ठीक नहीं लगी। और वे लोग काम को लेकर जो दावे कर रहे थे, उससे (हमारे) लोगों का ख़राब लग रहा था।"

उल्लेखनीय है, बीते सप्ताह से ही अटकलें लग रही थीं, कि नीतीश कुमार राजद से गठबंधन तोड़कर फिर से बीजेपी के साथ गठबंधन में जा सकते हैं। आख़िरी समय तक नीतीश ने इस बारे में आधिकारिक रूप से कुछ नहीं कहा, लेकिन बिहार की राजनीति में उनका ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा रहा है कि हर कयास को सही और संभावना को संभव माना जा सकता है और ऐसा हुआ भी। 

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इस बीच JDU के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने पटना में कहा, INDI गठबंधन में पूरी तरह बिखराव की बात एवं घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए सीधे-सीधे कांग्रेस को INDI गठबंधन में फूट का जिम्मेदार बताया। दूसरी ओर नीतीश कुमार को NDA विधानमंडल का नेता चुन लिया गया है। अब नीतीश 9वीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे, जिसके लिए शपथ-ग्रहण समारोह की तयारी भी शुरू हो गई है।  

केसी त्यागी ने कहा- "...हमें अफसोस है कि हमने कांग्रेस पार्टी को देश की राजनीति में स्वीकार्यता दिलाई, यह पार्टी राजनीति में अछूत हो चुकी थी... TMC, AAP, समाजवादी पार्टी आदि सभी पार्टियों ने गैर भाजपा, गैर कांग्रेस मोर्चे की कोशिश की थी... यह सिर्फ नीतीश कुमार थे जिनकी वजह से INDIA गठबंधन बना और कांग्रेस को फिर से राजनीति में पुनः स्थापित करने और सम्मान दिलाने का काम हमने किया..."

सम्राट चौधरी बने भाजपा विधानमंडल दल के नेता 
भाजपा बिहार विधानमंडल दल का नेता चुने जाने के बाद सम्राट चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह सहित समेत प्रभारी विनोद तावड़े का आभार प्रकट किया। साथ ही मैं बिहार भाजपा विधानमंडल दल के साथ साथियों का भी हृदय से आभार प्रकट करता हूँ। प्रेसवार्ता में यह पूंछे जाने पर, कि अब आगे क्या करेंगे, उन्होंने कहा- "हम पहले के सहयोगियों से अलग होकर नए गठबंधन में गए थे। बाक़ी दल साथ देंगे तो सोचेंगे। अगर कुछ होगा तो आपको पता चल जाएगा।" 
सुने- (प्रेस वार्ता में क्या कहा)-   

पीएम के एक कॉल के बाद नीतीश ने दिया इस्तीफा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, रविवार सुबह PM नरेंद्र मोदी ने नीतीश कुमार को फोन कॉल किया। इसके बाद नीतीश कुमार विजेंद्र यादव और संजय झा के साथ मिलकर राजपाल भवन पहुंचे और त्यागपत्र सौंप दिया। नीतीश कुमार लगातार चाह रहे थे, कि पीएम मोदी खुद सारी बातों को लेकर आश्वासन दें, जिसके बाद ही वह फैसला लें। उल्लेखीन है, कि कर्पूरी ठाकुर की जयंती के अवसर पर CM नीतीश ने कहा था, कि पीएम मोदी ने कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न देने का समाचार उन्हें कॉल करके नहीं बताई, बल्कि उन्होंने कर्पूरी ठाकुर के बेटे को बताई, जो JDU के सांसद हैं। जबकि नीतीश कुमार ने खुले मंच से PM मोदी को धन्यवाद कहा। अब PM मोदी के एक कॉल के बाद ही नीतीश कुमार इस्तीफा देने के लिए राजभवन पहुंचे।

सरकार बदलने के बीच राजद की तेजस्वी की ब्रांडिंग
बिहार के बड़े फैसलों को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने तेजस्वी यादव की देन बताया। तेजी से सरकार बदलने के घटनाक्रम और आज 28 जनवरी सुबह किसी भी समय नीतीश कुमार द्वारा त्यागपत्र दिए जाने की खबरों के बीच राजद ने तेजस्वी की ब्रांडिंग शुरू कर दिया। RJD ने सभी समाचार पत्रों में पूरे पेज का विज्ञापन दिया। RJD ने बिहार में महागठबंधन की सरकार बदलने से पहले उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की ब्रांडिंग करते हुए बिहार के बड़े फैसलों को तेजस्वी की देन बताने लगी। इसको लेकर RJD ने सभी अखबारों में फुल पेज विज्ञापन दिया और इसमें तेजस्वी को धन्यवाद दिया है। 

राष्ट्रीय जनता दल की ओर से अखबारों में दिए गए विज्ञापन में लिखा है- धन्यवाद तेजस्वी, आपने कहा, आपने किया, आप ही करेंगे. राजद ने तेजस्वी को लेकर बिहार भर में मुहिम शुरू की है और इसमें आगे लिखा है- धन्यवाद तेजस्वी 4 लाख नौकरियां देने के लिए, देश में पहली बार जातीय गणना कराने के लिए, 75 फीसदी आरक्षण बढ़ाने के लिए, शिक्षक कर्मियों को राज्यकर्मी का दर्जा देने के लिए, गुणवतापूर्ण चिकित्सा सुविधा देने के लिए, खेलों में मेडल लाओ, नौकरी पाओ योजना लागू करने के लिए। 

नीतीश और मोदी को लेकर लालू की बेटी के बिगड़े बोल  
नीतीश कुमार के महागठबंधन छोड़कर NDA में जाने के बाद RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य तल्ख हो गई हैं। उन्होंने नीतीश और PMनरेंद्र मोदी को लेकर विवादित टिप्पणी की। नीतीश के त्यागपत्र पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा- कूड़ा फिर से कूड़ेदानी में चला गया। वहीं, पीएम मोदी को उन्होंने थूककर चाटने वाला नेता करार दे दिया। उन्होंने कहा, कि तेजस्वी यादव जनता के बीच जाएंगे और खुद के साथ बिहार का भी हौसला बढ़ाएंगे।

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"श्रीराम मंदिर निर्माण प्राण-प्रतिष्ठा विशेषांक"  
अयोध्या में 493 वर्षों तक संघर्षों एवं युद्धों के पश्चात नवनिर्मित भव्य मंदिर में "रामलला" की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर "धर्म नगरी" का विशेषांक प्रकाशित हो रहा है। इसमें आप भी अपनी फोटो सहित शुभकामना या प्रतिक्रिया देते हुए अपने नाम/ संस्था/ आश्रम / पार्टी आदि के नाम से देशभर में जहाँ चाहें,  प्रतियाँ भिजवा सकते हैं।

प्रतियाँ अयोध्या, प्रयागराज माघ मेला-2024 भेजा / सौजन्य प्रति के रूप में बाटा जाएगा। आप भी "सौजन्य प्रति" के स्थान पर अपने नाम, फोटो, शुभकामना या गतिविधि / उपलब्धि आदि  प्रतियाँ भिजवा या बटवा सकते हैं। कृपया संपर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com माघ हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

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2022
में बीजेपी छोड़ राजद के साथ आए 
नीतीश कुमार अगस्त 2022 में बीजेपी से गठबंधन तोड़कर राजद के साथ आए थे। राजनीति में नीतीश कुमार का ये पहला यू-टर्न नहीं था। यही कारण है, तब न उनके बीजेपी से गठबंधन तोड़ने को लेकर हैरानी हुई थी, न ही राजद के साथ नई सरकार बनाने से। बीते कुछ दिनों से बिहार की राजधानी पटना से आ रहे सभी संकेत एक तरफ़ इशारा कर रहे थे, कि 'INDI' गठबंधन को एकजुट करने की कोशिशों में लगे नीतीश कुमार अब स्वयं ही गठबंधन को छोड़कर दूसरे गठबंंधन में जा सकते हैं, जिसका राजनीतिक विकल्प देने की कोशिशें वो कर रहे थे। स्पष्ट भले न हो, लेकिन जदयू ये संकेत दे रही थी, कि नीतीश इंडिया गठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर हो रही देरी से नाराज़ थे और इसी वजह से वह अगला राजनीतिक क़दम उठा सकते हैं। 

गठबंधन में दरार के शुरुआती संकेतों के बाद शनिवार दोपहर तक ये लगभग स्पष्ट हो गया कि राजद और जदयू के बीच सबकुछ ठीक नहीं है और आगे नीतीश का रास्ता राजद से अलग होगा. रविवार को नीतीश के बयान के साथ इस पर मुहर भी लग गई। नीतीश कुमार का अब तक का राजनीतिक जीवन ‘यू टर्न’ लेते रहने और अपने हित की राजनीति करने का गवाह रहा है। 

राजनितिक "पलटबाजियों" के उस्ताद नीतीश
नीतीश कुमार राजनितिक "पलटबाजियों" के उस्ताद हैं और उनकी शुरुआती राजनीति भी कुछ इसी तरह की रही है। वर्ष 1994 में नीतीश कुमार ने अपने पुराने सहयोगी लालू यादव का साथ छोड़ लोगों को चौंका दिया। तब जनता दल से किनारा करते हुए नीतीश ने जॉर्ज फर्नान्डिस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। 1995 के बिहार विधानसभा चुनावों में लालू के विरोध में उतरे, लेकिन चुनाव में बुरी तरह से उनकी हार हुई। 

फिर वर्ष 1996 में बिहार में कमजोर मानी जाने वाली पार्टी भाजपा से हाथ मिलाया। भाजपा और समता पार्टी का ये गठबंधन अगले 17 सालों तक चला। हालांकि, इस बीच 2003 में समता पार्टी जनता दल यूनाइटेड (JDU) बन गई। JDU ने भाजपा का दामन थामे रखा और 2005 के विधानसभा चुनाव में उल्लेखनीय जीत हासिल की। फिर साल 2013 तक दोनों ने साथ में सरकार चला। 

अचानक दिया था NDA को झटका
बता दें कि अगस्त 2022 में नीतीश कुमार ने एनडीए का साथ छोड़ अचानक ही महागठबंधन के साथ सरकार बना ली थी. बाद 2015 में उन्होंने पुराने सहयोगी लालू यादव के साथ गठबंधन किया, लेकिन ये सरकार भी 20 महीने ही चल पाई और वर्ष 2017 के जुलाई महीने में आरजेडी से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने एक बार फिर एनडीए का दामन थाम लिया और भाजपा के साथ बिहार में सरकार बना ली थी। 

नितीश कुमार की विचारधारा कई बार बदलती रही है। इसके पहले 2013 में नरेन्द्र मोदी को भाजपा की ओर से पीएम उम्मीदवार बनाए जाने के खिलाफ नीतीश NDA से अलग हो गए और 17 साल पुराना गठबंधन तोड़ दिया। फिर 2014 में उनकी पार्टी JDU अकेले लोकसभा चुनाव लड़ी, लेकिन 2015 में फिर उन्होंने महागठबंधन के साथ मिलकर बिहार में बड़ी जीत दर्ज की और सरकार बनाई।
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