रामायण से जुड़े मंदिरों का भ्रमण कर रहे हैं PM मोदी



रामायण से जुड़े मंदिरों का भ्रमण कर रहे हैं PM
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में कम्ब रामायण का पाठ सुनना एक ऐसा अनुभव था, जिसे मैं अपने जीवनकाल में कभी नहीं भूलूंगा उल्लेखनीय है कि इसी मंदिर में अतुलनीय कम्पन ने पहली बार सार्वजनिक रूप से अपनी रामायण का प्रदर्शन किया था।
Listening to the Kamba Ramayana recital at the Sri Ranganathaswamy Temple was an experience I will never forget in my lifetime. It is noteworthy that it was in this temple that the incomparable Kampan performed his Ramayana for the first time in public. -Narendra Modi, Prime Minister 

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श्री रंगनाथस्वामी मंदिर (Sri Ranganathaswamy Temple) तमिलनाडु में PM मोदी
प्रधानमंत्री मोदी रामायण से जुड़े मंदिरों का भ्रमण कर रहे हैं। सप्ताह के आरम्भ में PM ने आंध्र प्रदेश और केरल के मंदिरों में पूजा-अर्चना किया। कल (20 जनवरी) उन्होंने तमिलनाडु में श्री रंगनाथस्वामी और रामनाथस्वामी मंदिरों में पूजा-अर्चना की। रामेश्वरम ‘अंगी तीर्थ’ समुद्र तट पर पवित्र स्नान किया। रामायण से जुड़े प्राचीन मंदिर श्री रंगम में विद्वानों द्वारा ‘कंब’ रामायण का पाठ सुना। 
 
अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर...
अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर की यात्रा कभी नहीं भूलूंगा। मंदिर के कण-कण में शाश्वत भक्ति है
Will never forget visit to the Arulmigu Ramanathaswamy Temple. There is timeless devotion in every part of the Temple-नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री    

कोठंडारामस्वामी मंदिर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी। "कोठंडाराम" का अर्थ है- धनुषधारी राम। कहते हैं, इसी स्थान पर विभीषण श्रीराम से मिला और उनका इसी स्थान पर श्रीराम ने लंका के राजा रूप में राज्याभिषेक किया था।    

राम सेतु के उद्गम स्थल धनुषकोडी में अरिचल मुनाई बिंदु पर नरेंद्र मोदी। Narendra Modi visits Arichal Munai point in Dhanushkodi, the origin point of Ram Setu. देखें / See-  

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"धर्म नगरी" सूचना केंद्र एवं हेल्प-लाइन सेवा शिविर
प्रयागराज माघ मेले में इस वर्ष भी "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन सेवा" माघ मेला-2024 लगाया गया है। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" को या शिविर के आयोजन में स्वेच्छापूर्वक किसी प्रकार का सहयोग करें। अपना सहयोग देकर निःसंकोच पूंछे- कि आपके कहाँ कहाँ उपयोग हुआ ? सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110 मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

माघ_मेला_2024 : जाने मेले से जुड़े उपयोगी नंबर, रेलवे जंक्शन 
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अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर (रामेश्वरम मंदिर) 
अरुल्मिगु रामनाथस्वामी मंदिर, जिसे रामेश्वरम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है। दक्षिणी राज्य तमिनाडु के रामेश्वरम शहर में स्थित, यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और देश के 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है।

मंदिर का एक समृद्ध इतिहास है और माना जाता है कि इसका निर्माण 12वीं शताब्दी के दौरान पांड्य राजवंश द्वारा किया गया था। रामनाथस्वामी मंदिर की सबसे अनोखी विशेषताओं में एक इसका लंबा गलियारा या हॉलवे है जिसे "रामनाथस्वामी कॉरिडोर" के नाम से जाना जाता है। गलियारा लगभग 1.2 किमी लंबा है और इसमें 1,000 से अधिक जटिल नक्काशीदार खंभे हैं। इस गलियारे को दुनिया का सबसे लंबा मंदिर गलियारा भी माना जाता है।

यह मंदिर अपने पवित्र जल कुंडों या "तीर्थम" के लिए भी जाना जाता है। मंदिर में और उसके आसपास 22 तीर्थम हैं, और माना जाता है कि प्रत्येक में अद्वितीय उपचार गुण हैं। इन तीर्थमों में सबसे प्रसिद्ध "अग्नि तीर्थम" है, जो मंदिर के ठीक बाहर स्थित है और माना जाता है कि इसका निर्माण स्वयं भगवान राम ने किया था।

रामेश्वरम मंदिर हिंदुओं के लिए भी एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है, विशेषकर उनके लिए जो "चार धाम यात्रा" या चार पवित्र तीर्थयात्रा कर रहे हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, रामेश्वरम की तीर्थयात्रा करने से व्यक्ति के पाप धुल जाते हैं और उसे मोक्ष मिलता है। यह मंदिर हिंदू महाकाव्य रामायण से जुड़े होने के कारण भी महत्वपूर्ण है। पौराणिक कथा के अनुसार, कहा जाता है कि राक्षस राजा रावण के खिलाफ युद्ध में जाने से पहले भगवान राम ने उस स्थान पर जहां अब मंदिर है, भगवान शिव से प्रार्थना की थी और आशीर्वाद मांगा था।

रामनाथस्वामी मंदिर केवल एक पूजा-स्थल नहीं है, बल्कि भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक भी है। मंदिर की जटिल नक्काशी और वास्तुकला उस समय के कारीगरों की कुशल शिल्प कौशल का प्रमाण है। यह मंदिर भारत में मौजूद धार्मिक सद्भाव का भी एक उदाहरण है, क्योंकि यहां सभी धर्मों के लोग आते हैं।

भारत में कई मंदिरों में अपने परिसर के अंदर फोन और कैमरों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाना आम बात है, जिसमें अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर या रामेश्वरम मंदिर भी सम्मिलित है। इस प्रतिबंध के पीछे का कारण मंदिर का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व है।

अरुलमिगु रामनाथस्वामी मंदिर या रामेश्वरम मंदिर हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल और भारत की सांस्कृतिक विरासत का एक महत्वपूर्ण प्रतीक है। मंदिर की अनूठी विशेषताएं, जैसे  इसका लंबा गलियारा और पवित्र जल टैंक, इसे भारत के समृद्ध इतिहास और संस्कृति की खोज में रुचि रखने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए अवश्य जाने योग्य स्थान बनाते हैं। 

Arulmigu Ramanathaswamy Ttemple
Ramanathaswamy Temple is considered one of the most sacred pilgrimage sites for Hindus. This association underscores its historical and religious importance in Hinduism.
The temple houses one of the 12 Jyotirlingas, Shiva's 12 most radiant and sacred lingams across India. This designation highlights its ancient origins and spiritual significance.

Pandya Dynasty
The temple's expansion during the 12th century by the Pandya Dynasty reflects the historical patronage it received from rulers, showcasing its connection to South Indian history.

Geography
Location-
Situated on Rameswaram island, the temple's unique geographical location near the confluence of the Bay of Bengal and the Indian Ocean makes it a prominent landmark.
Ram Setu Bridge- The temple's proximity to the mythological Ram Setu bridge, believed to be built by Lord Rama's army, adds to its geographical and religious significance.

Culture 
Dravidian Architecture: The temple's stunning Dravidian architecture, with its intricate carvings and towering gopurams, showcases the rich cultural heritage of South India.
Temple Rituals: The unique traditions and rituals followed at the temple, like the Ramanathaswamy Swamy Corridor Darshan, offer insights into Hindu cultural practices.

Religion
Shiva Worship: Dedicated to Lord Shiva, the temple attracts millions of devotees annually, making it a center of Shiva worship and pilgrimage.

Ramayana Connection
The temple's association with the epic Ramayana, where Lord Rama is believed to have worshiped here, adds to its religious significance and cultural appeal.


अयोध्या राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा  से जुड़े विभिन्न लेख व समाचार के links ☟  
http://www.dharmnagari.com/2024/01/Ayodhya-Ram-mandir-22-January-ko-Ghar-me-kare-Ramlala-ki-sthapana-How-to-book-online-Ayodhya-Aarti.html

श्रीराम मंदिर निर्माण विशेषांक 
अयोध्या में 493 वर्षों तक संघर्षों एवं लगभग 76 युद्धों के पश्चात नवनिर्मित भव्य मंदिर में "रामलला" की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर "धर्म नगरी" का विशेषांक प्रकाशित हो रहा है। इसमें आप भी अपनी फोटो सहित शुभकामना या प्रतिक्रिया देते हुए अपने नाम/ संस्था/ आश्रम / पार्टी आदि के नाम से देशभर में प्रतियाँ भिजवा सकते हैं।

प्रतियाँ अयोध्या, प्रयागराज माघ मेला-2024 तथा वृन्दावन व हरिद्वार में भेजा या सौजन्य प्रति के रूप में बाटा जाएगा। आप भी "सौजन्य प्रति" के स्थान पर अपने नाम, फोटो, शुभकामना या गतिविधि / उपलब्धि आदि  प्रतियाँ भिजवा या बटवा सकते हैं। कृपया संपर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com माघ हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।
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