#AyodhyaRamMandir : प्राण-प्रतिष्ठा व मंदिर उद्घाटन के "मिनट्स"... दुनियाभर की मीडिया में चर्चा, भारतीयों में हर्षोल्लास


"राम मंदिर के उद्घाटन का प्रभाव आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा" : रॉयटर्स

अयोध्या ब्यूरो 
(धर्म नगरी / DN News)  
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भगवान श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा योग का शुभ मुहूर्त, पौष शुक्ल कूर्म द्वादशी, विक्रम संवत 2080 (सोमवार, 22 जनवरी, 2024) को होगा। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के अनुसार, प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान / आयोजन इस प्रकार हुए / कल सोमवार सम्पन्न होंगे- शास्त्रीय पद्धति और समारोह-पूर्व परंपराएं: सभी शास्त्रीय परंपराओं का पालन करते हुए, प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम अभिजीत मुहूर्त में संपन्न किया जाएगा। प्राण प्रतिष्ठा के पूर्व शुभ संस्कारों का प्रारंभ कल अर्थात 16 जनवरी 2024 से होगा, जो 21 जनवरी, 2024 तक चलेगा। द्वादश अधिवास जो सम्पन्न हुआ। अंतिम अधिवास- शय्याधिवास, आज सायंकाल सम्पन्न हो रहा है। 16 जनवरी प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन 17 जनवरी मूर्ति का परिसर प्रवेश 18 जनवरी (सायं) तीर्थ पूजन, जल यात्रा, जलाधिवास और गंधाधिवास 19 जनवरी (प्रातः) औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास 19 जनवरी (सायं) धान्याधिवास 20 जनवरी (प्रातः) शर्कराधिवास, फलाधिवास 20 जनवरी (सायं) पुष्पाधिवास 21 जनवरी (प्रातः) मध्याधिवास 21 जनवरी (सायं) शय्याधिवास अधिवास प्रक्रिया एवं आचार्य: सामान्यत: प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में सात अधिवास होते हैं और न्यूनतम तीन अधिवास अभ्यास में होते हैं। समारोह के अनुष्ठान की सभी प्रक्रियाओं का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करने वाले 121 आचार्य होंगे। श्री गणेशवर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और दिशा-निर्देशन करेंगे, तथा काशी के श्री लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे।

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"धर्म नगरी" सूचना केंद्र एवं हेल्प-लाइन सेवा शिविर
प्रयागराज माघ मेले में इस वर्ष भी "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन सेवा" माघ मेला-2024 लगाया गया है। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" को या शिविर के आयोजन में स्वेच्छापूर्वक किसी प्रकार का सहयोग करें। अपना सहयोग देकर निःसंकोच पूंछे- कि आपके कहाँ कहाँ उपयोग हुआ ? सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110 मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

माघ_मेला_2024 : जाने मेले से जुड़े उपयोगी नंबर, रेलवे जंक्शन 
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1. विशिष्ट अतिथिगण- प्राण प्रतिष्ठा भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूजनीय सरसंघचालक श्री मोहन भागवत जी, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी, उत्तर प्रदेश के आदरणीय मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी महाराज और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में होगी। 2. विविध प्रतिष्ठान- भारतीय आध्यात्मिकता, धर्म, संप्रदाय, पूजा पद्धति, परंपरा के सभी विद्यालयों के आचार्य, 150 से अधिक परंपराओं के संत, महामंडलेश्वर, मंडलेश्वर, श्रीमहंत, महंत, नागा सहित 50 से अधिक आदिवासी, गिरिवासी, तातवासी, द्वीपवासी आदिवासी परंपराओं के प्रमुख व्यक्तियों की कार्यक्रम में उपस्थिति रहेगी, जो श्री राम मंदिर परिसर में प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के दर्शन हेतु पधारेंगे। 3. ऐतिहासिक आदिवासी प्रतिभाग- भारत के इतिहास में प्रथम बार पहाड़ों, वनों, तटीय क्षेत्रों, द्वीपों आदि के वासियों द्वारा एक स्थान पर ऐसे किसी समारोह में प्रतिभाग किया जा रहा है। यह अपने आप में अद्वितीय होगा। 4. समाहित परंपराएं- शैव, वैष्णव, शाक्त, गाणपत्य, पात्य, सिख, बौद्ध, जैन, दशनाम शंकर, रामानंद, रामानुज, निम्बार्क, माध्व, विष्णु नामी, रामसनेही, घिसापंथ, गरीबदासी, गौड़ीय, कबीरपंथी, वाल्मीकि, शंकरदेव (असम), माधव देव, इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, चिन्मय मिशन, भारत सेवाश्रम संघ, गायत्री परिवार, अनुकूल चंद्र ठाकुर परंपरा, ओडिशा के महिमा समाज, अकाली, निरंकारी, नामधारी (पंजाब), राधास्वामी और स्वामीनारायण, वारकरी, वीर शैव इत्यादि कई सम्मानित परंपराएँ इसमें भाग लेंगी। 5. दर्शन और उत्सव- गर्भ-गृह में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के पूर्ण होने के बाद, सभी साक्षी महानुभावों को दर्शन कराया जाएगा। श्री रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के लिए हर जगह उत्साह का भाव है। इसे अयोध्या समेत पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाने का संकल्प किया गया है। समारोह के पूर्व विभिन्न राज्यों के लोग लगातार जल, मिट्टी, सोना, चांदी, मणियां, कपड़े, आभूषण, विशाल घंटे, ढोल, सुगंध इत्यादि के साथ आ रहे हैं। उनमें से सबसे उल्लेखनीय थे माँ जानकी के मायके द्वारा भेजे गए भार (एक बेटी के घर स्थापना के समय भेजे जाने वाले उपहार) जो जनकपुर (नेपाल) और सीतामढ़ी (बिहार) के ननिहाल से अयोध्या लाए गए। रायपुर, दंडकारण्य क्षेत्र स्थित प्रभु के ननिहाल से भी विभिन्न प्रकार के आभूषणों आदि के उपहार भेजे गए हैं।

अयोध्या राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा से संबंधित लेख व समाचार के links ☟  
http://www.dharmnagari.com/2024/01/Ayodhya-Ram-mandir-22-January-ko-Ghar-me-kare-Ramlala-ki-sthapana-How-to-book-online-Ayodhya-Aarti.html

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Details of Pran Pratistha and related events Event date and venue: The auspicious time of Lord Shri Ramlala's Pran-Pratishtha Yoga is coming on Paush Shukla Kurm Dwadashi, Vikram Samvat 2080, i.e. Monday, January 22, 2024. Classical method and pre-ceremony traditions: Following all the classical traditions, the ceremony of consecration will be conducted in Abhijeet Muhurta. The auspicious rituals before Pran Pratistha will start from tomorrow i.e. January 16, 2024, which will continue till January 21, 2024. The 12 session of Adhivas (special pujan) will be completed today (21 January) evening with Bedtime
16 January- Atonement and Karmakuti worship 17 January- Entry of the statue into the premises. 18 January (Evening) Pilgrimage worship, water journey, Jaladhivas and Gandhadhivas 19 January (Morning) Aushadhivas, Kesaradhivas, Ghritadhivas 19 January (evening) Dhanyadhivas 20 January (Morning) शक्रकधिवास, फलाधिवास 20 January (evening) Pushpadhivas 21 January (Morning) Mid-session) 21 January (evening) Bedtime Adhivas process and Acharya: Generally there are seven adhivas in the prana pratistha ceremony and minimum three adhivas are done in practice. There will be 121 Acharyas who will coordinate, support and guide all the processes of the ritual of the ceremony. Shri Ganeshwar Shastri Dravid will monitor, coordinate and guide all the processes, and Shri Laxmikant Dixit of Kashi will be the Chief Acharya. 1. Special guests- Pran Pratishtha Respected Prime Minister of India Shri Narendra Modi Ji, Respected Sarsanghchalak of Rashtriya Swayamsevak Sangh Shri Mohan Bhagwat Ji, Governor of Uttar Pradesh Smt. Anandiben Patel Ji, Respected Chief Minister of Uttar Pradesh Shri Yogi Adityanath Ji Maharaj and other dignitaries. Will be in the presence of. 2. Diverse Establishment- Acharyas of all schools of Indian spirituality, religion, sects, methods of worship, traditions, saints of more than 150 traditions, Mahamandaleshwar, Mandaleshwar, Srimahant, Mahant, Naga including more than 50 tribals, Girivasis, Tatvasis, islanders tribals Prominent people of the traditions will be present in the program, who will come to the Shri Ram Temple premises to witness the consecration ceremony. 3. Historic tribal participation- For the first time in the history of India, residents of mountains, forests, coastal areas, islands etc. are participating in such a function at one place. It will be unique in itself. 4. Traditions included- Shaiva, Vaishnav, Shakta, Ganapatya, Patya, Sikh, Buddhist, Jain, Dashnam Shankar, Ramananda, Ramanuj, Nimbarka, Madhva, Vishnu Nami, Ramsanehi, Ghisapanth, Garibdasi, Gaudiya, Kabirpanthi, Valmiki, Shankardev (Assam ), Madhav Dev, ISKCON, Ramakrishna Mission, Chinmaya Mission, Bharat Sevashram Sangha, Gayatri Parivar, Anukul Chandra Thakur Tradition, Mahima Samaj of Odisha, Akali, Nirankari, Namdhari (Punjab), Radhaswami and Swaminarayan, Varkari, Veer Shaiva etc. many respected Traditions will take part in it. 5. Darshan and Celebration- After the completion of the Pran Pratistha program in the sanctum sanctorum, all the witnessing dignitaries will be given darshan. There is a feeling of enthusiasm everywhere for the consecration of Shri Ramlala. It has been resolved to celebrate it with great enthusiasm throughout India including Ayodhya. Before the ceremony, people from different states are continuously coming with water, soil, gold, silver, gems, clothes, jewellery, huge bells, drums, fragrances etc. The most notable among them were the bhaaras (gifts sent at the time of establishment of a daughter's house) sent by Maa Janaki's maternal house, which were brought to Ayodhya from her maternal grandmother's house in Janakpur (Nepal) and Sitamarhi (Bihar). Gifts of various types of jewelery etc. have also been sent from Prabhu's maternal home located in Raipur, Dandakaranya area.

संबंधित रिपोर्ट / लेख- 
प्राण-प्रतिष्ठा से पहले PM मोदी 10:25 बजे अयोध्या पहुंचेंगे
http://www.dharmnagari.com/2024/01/Ram-Mandir-Gargh-grih-Nepal-Desh-bhar-se-laaye-jal-se-dhoya.html

भारत में राम मंदिर व प्राण-प्रतिष्ठा से पहले विदेशी मीडिया में चर्चा  
अयोध्या में भव्य-दिव्या राम मंदिर उद्घाटन / प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान को लेकर देशभर में ही नहीं, विदेशों में भी अभूतपूर्व उत्साह है, उमंग है, रामलला को लेकर आनंद है। विदेशों में भी अयोध्या एवं प्राण-प्रतिष्ठा की चर्चा जोरों पर है एवं  विदेशी मीडिया अयोध्या व प्राण-प्रतिष्ठा पर व्यापक कवरेज दिया है। अयोध्या में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान / कार्यक्रम की तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं। अब 22 जनवरी को श्रीराम के भव्य मंदिर का उद्घाटन  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए जाने की चर्चा चारों ओर हो रही है, विदेशी मीडिया में भी इसको विशेष कवरेज दिया है।  

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर रिपोर्ट छपी है, रॉयटर्स लिखता है- अयोध्या में सोने की परत चढ़ी मूर्तियों का स्टॉक खत्म हो गया है. अयोध्या में हवाई अड्डे के निकट पार्किंग में अब कोई जगह नहीं है।  ...'राम मंदिर के उद्घाटन का असर आगामी चुनाव में देखने को मिलेगा. मंदिर की वजह से चुनाव में बीजेपी को अच्छी खासी बढ़त मिलेगी।'

"आगामी चुनाव में राम मंदिर का दिखेगा प्रभाव"
अमेरिकी अखबार द वाशिंगटन पोस्ट ने लिखा, हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देव भगवान राम के भव्य मंदिर के उद्घाटन को लेकर भारत के उत्तर प्रदेश में स्थित पवित्र शहर अयोध्या में जोरदार तैयारी चल रही है। राम मंदिर का उद्घाटन सोमवार को दशकों पुरानी हिंदू राष्ट्रवादी प्रतिज्ञा को पूरा करेगा। इसकी आवाज अप्रैल या मई में होने वाले आगामी राष्ट्रीय चुनाव के दौरान मतदाताओं के बीच गूंजने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश भर के साथ ही दुनिया भर में कुछ भारतीय दूतावासों में लाइव स्क्रीनिंग की योजना बनाई है। 

"सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा की किस्मत का केंद्र है अयोध्या​"
ब्रिटेन में लंदन से छपने वाली पत्रिका इकॉनॉमिस्ट ने लिखा, अयोध्या शहर हिंदू धर्म के सबसे प्रतिष्ठित देवताओं में से एक राम की कहानी का केंद्र है। यह भारत की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की किस्मत का भी केंद्र है। 1980 के दशक के उत्तरार्ध में भाजपा ने अयोध्या में 450 साल पुरानी मस्जिद के स्थान पर मंदिर बनाने के लिए आंदोलन किया। भाजपा के अनुसार, जिस स्थान पर भगवान राम का जन्म हुआ, उस स्थान पर मस्जिद बनाकर कब्जा कर लिया गया था। 

इकॉनॉमिस्ट ने लिखा है- "1992 में भाजपा नेताओं के भड़काऊ भाषणों से उन्मादी भीड़ ने मस्जिद को तबाह कर दिया, जिससे पूरे भारत में दंगे भड़क उठे।" 

'दैवीय क्षण या राजनीतिक नौटंकी'
बीबीसी की भाँती ब्रिटिश समाचार पत्र द गार्जियन भी हिन्दुओं, सनातनी एवं भारतीय राष्ट्रवाद के खिलाफ ही लिखता, रिपोर्ट करता रहा है। इस बार अयोध्या / प्राण-प्रतिष्ठा पर नकारात्मक (विरोधी रवैया) रिपोर्टिंग की है। ब्रिटिश या ब्रितानी अखबार द गार्जियन ने राम मंदिर उद्घाटन समारोह पर सवाल खड़ा करते हुए लिखा- "यह दैवीय क्षण या राजनीतिक नौटंकी ? भारत विशाल हिंदू मंदिर के उद्घाटन के लिए तैयार है। चुनाव के पहले राम मंदिर उद्घाटन की विपक्ष ने निंदा की है। फिलहाल अयोध्या में सबसे बड़े राम मंदिर का निर्माण हो रहा है और समारोह में शामिल होने वाले भक्तों में उत्साह है।"
 
द गार्जियन ने आगे लिखा, "पवित्र शहर अयोध्या में राम मंदिर केवल आधा ही बना है। भव्य खंभे, 49 मीटर (161 फीट) ऊंचे विशाल गुंबद और विस्तृत प्रवेश द्वार और नक्काशी, जो अंततः इस बहुप्रतीक्षित मंदिर की अंतिम वास्तुकला का निर्माण करेंगे। सभी अभी तक पूरे नहीं हुए हैं, इसके बजाय यह मुख्यतः एक निर्माण स्थल बना हुआ है। घुसपैठियों को रोकने के मंदिर में बाड़ लगाए जा रहे हैं। मंदिर परिसर बिखरे सामान और बुलडोजर से भरा हुआ है।"

अखबार आगे लिखता है, "फिर भी अपनी आधी-अधूरी अवस्था में भी इस मंदिर का महत्व भारत में किसी भी अन्य धार्मिक संरचना से बेजोड़ है. 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर के उद्घाटन में भाग लेंगे. इस दौरान हिंदू देवता भगवान राम की एक मूर्ति मंदिर के आंतरिक गर्भगृह में रखी जाएगी."

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