मोदीजी ने दिया "गुरु दक्षिणा", भाजपा 'पितृ-ऋण' से मुक्त हुई, "भारत रत्न" से सम्मानित होंगे लालकृष्ण आडवाणी


राम मंदिर को लेकर रथ-यात्रा निकाला, जिसने 
देश की राजनीति के साथ आडवाणी को भी बदला 
- गुरु-शिष्य जैसा संबंध रहा है नरेंद्र मोदी से
बीते 8 नवंबर को आडवाणीजी 96 साल के हो गए  
- कराची-लाहौर में लगाई संघ की शाखा 
(धर्म नगरी / DN News)    
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आडवाणी का लंबे समय तक नरेंद्र मोदी से गुरु-शिष्य जैसा रिश्ता रहा है। गोधरा कांड के बाद जब गुजरात समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में दंगे शुरू हुए, तो पीएम रहे अटल जी काफी क्षुब्ध थे. वे चाहते थे, कि मोदी त्यागपत्र दें. पर, आडवाणी मोदी के साथ खड़े रहे. इस मामले में अटल बिहारी वाजपेयी से सहमत नहीं थे। 

लालकृष्ण आडवाणी का जन्म पाकिस्तान में हुआ, लेकिन उनका दिल सदैव भारत के लिए धड़कता है। वह एक अच्छे लेखक हैं, जिनका पत्रकारिता उनका पेशा था। राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख लोगों में रहे, जिनके कारण राम मंदिर का निर्माण हुआ / हो रहा है और बीते 22 जनवरी विधिवत रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा हुई। एक कुशल राजनेता एवं सिद्धांतों के पक्के, आडवाणीजी पर जब भ्रष्टाचार का आरोप लगा (सिद्ध नहीं हुआ), उन्होंने लोकसभा से त्यागपत्र देने के साथ यह घोषणा भी किया- "जब तक दाग नहीं धुलेगा चुनाव नहीं लड़ूंगा।" वे आज भी कई के आदर्श हैं। 

लाल कृष्ण आडवाणी की गिनती भाजपा के वरिष्ठम नेताओं में होती है। 8 नवंबर 1927 को सिंध प्रांत (पाकिस्तान) में उनका जन्म हुआ। पिता का नाम डी.अडवाणी और मां श्रीमती ज्ञानी आडवाणी था।  25 फरवरी 1965 को उनका विवाह कमला आडवाणी से हुआ। उनके दो बच्चे हैं, बेटी का नाम प्रतिभा आडवाणी है। उन्होंने अपनी शुरुआती शिक्षा कराची के सेंट प्रैट्रिस स्कूल से पूरी की। विभाजन के बाद भारत आकर उन्होंने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज से लॉ की डिग्री ली।  


वर्तमान में प्रधानमंत्री मोदी से लेकर केंद्र सरकार के अधिकांश मंत्री उनके शिष्य हैं। मोदी पर तो उनकी विशेष कृपा बरसती रही है। सोमनाथ से अयोध्या तक जब आडवाणीजी ने रथ-यात्रा निकाली और बिहार में गिरफ्तार कर लिए गए, तो अचानक उनका कद बहुत बड़ा हो गया। ऐसे ही जननायक भाजपा के कद्दावर नेता रहे लालकृष्ण आडवाणी बीते 
8 नवंबर को 96 साल के हो गए।  

"यह अदालत नहीं है जो यह तय करेगी कि रामलला का जन्म कहां हुआ था।"- आडवाणी (रथ यात्रा के दौरान लोगों को संबधित परते हुए) 
सुनें- 

पूर्व उप-प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी के निवास पहुंचकर जन्मदिन की शुभकामना देते PM -
देखें-

आशीर्वाद दें... 
 

भारतीय राजनीति एवं आजादी से पहले और बाद में अपने ही देश में उपेक्षित बहुसंख्यकों को लालकृष्ण आडवाणी जैसे राजनेता की बहुत जरूरत है। जब नीति, मूल्य ताक पर रखकर नेता केवल झोली भरने में जुटे हों, भ्रष्टाचार जब मुद्दा न हो तो आडवाणी की सहसा याद आती है। उनके निर्णय याद आते हैं। शायद आडवाणीजी का "राजयोग" इतना प्रबल नहीं था, कि वह देश के प्रधानमंत्री नहीं बने सके और "PM in waiting" ही रह गए। उसके बाद एक समय पर जोर-शोर से चर्चा रही, कि वह  देश के राष्ट्रपति बनेंगे, पर ऐसा नही हुआ।   

1984 में हार के बाद भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी लगातार देश भर में दौरे करते रहे. रथ यात्रा के बाद उनका कद अचानक बहुत तेजी बढ़ गया। फिर वे हिन्दू हृदय सम्राट बन गए। भ्रष्टाचार का आरोप लगा, तो लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया। साथ ही घोषणा की, कि जब तक दाग नहीं धुलेगा चुनाव नहीं लड़ूंगा।  

कराची-लाहौर में लगाई संघ की शाखा 
आडवाणीजी जब 14 साक के थे, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) से जुड़ गए और तब कराची-लाहौर में शाखा लगाई। परन्तु, उनकी नियति में और कुछ था, जब एक दिन कराची में हुए धमाके ने उनकी दुनिया बदल दिया और वह 12 सितंबर 1947 को कराची छोड़कर भारत आ गए। फिर पाकिस्तान के बहुसंख्यक हिन्दू का दृष्टिकोण बदल गया।  समय के साथ धीरे-धीरे बड़ी संख्या में लोगों ने पाकिस्तान छोड़ दिया. आडवाणी अकेले भर आए थे और जहाज से. यह उनकी पहली जहाज यात्रा थी. उनका परिवार बाद में भारत आया। 

राजनितिक यात्रा
लालकृष्ण आडवणी के राजनीतिक यात्रा साल 1951 में हुई, जब डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने जब जनसंघ की स्थापना की। 1951 से साल 1957 तक आडवाणीजी पार्टी के सचिव रहे। फिर 1973 से 1977 तक उन्होंने जनसंघ में अध्यक्ष पद पर।  रहे 1980 में जब भारतीय जनता पार्टी की स्थापना हुई, तब वह इसके संस्थापक सदस्य थे। 1980 से 1986 तक वह भाजपा के महासचिव रहे। 1986 से 1991 तक वह भाजपा अध्यक्ष रहे। तीन बार भाजपा अध्यक्ष, 5 बार लोकसभा सांसद और 4 बार राज्यसभा सांसद रहे। साल 1977 से 1979 तक वह पहली बार केंद्र में मंत्री बने। उन्होंने इस दौरान सूचना प्रसारण मंत्रालय का कार्यभार संभाला। 
  
लालकृष्ण आडवाणी 1984 में हार के बाद लगातार देश भर में भ्रमण करते रहे। रथ-यात्रा के बाद उनका कद अचानक बहुत तेजी बढ़ गया. वे हिन्दू हृदय सम्राट बन गए. साल 1996 में जब केंद्र में एनडीए की सरकार बनने की बारी आई तो सबको लग रहा था पीएम के रूप में आडवाणी का नाम सामने आएगा लेकिन आरएसएस की ओर से अटल बिहारी वाजपेयी के नाम की सहमति बनी.

उस समय आडवाणी ने कहा- "भाजपा में अटल बिहारी वाजपेयी से बड़ा कोई नेता नहीं है।" लगभग 50 साल तक वे भारतीय राजनीति में अटल के बाद नंबर-दो पर बने रहे, तब भी जब वे कई बार भाजपा के अध्यक्ष रहे। यह उनके बड़प्पन और विनम्रता का प्रमाण है। 

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"धर्म नगरी" सूचना केंद्र एवं "हेल्प-लाइन" सेवा शिविर
प्रयागराज माघ मेले में इस वर्ष भी "सूचना केंद्र हेल्प-लाइन सेवा" माघ मेला-2024 लगाया गया है। श्रद्धालुओं एवं तीर्थयात्रियों की सुविधा हेतु शिविर की सेवा में आप भी "धर्म नगरी" को या शिविर के आयोजन में स्वेच्छापूर्वक किसी प्रकार का सहयोग करें। अपना सहयोग देकर निःसंकोच पूंछे- कि आपके कहाँ कहाँ उपयोग हुआ ? सम्पर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110 मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

माघ मेला-2024 : जाने मेले से जुड़े उपयोगी नंबर, रेलवे जंक्शन 
http://www.dharmnagari.com/2024/01/Magh-Mela-2024-Important-numbers-Special-Trains-Traffice-Parking.html  
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तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव के कार्यकाल में जब आडवाणी का नाम भ्रष्टाचार में सामने आया, तो उन्होंने लोकसभा से त्यागपत्र दे दिया. उन्होंने घोषणा की कि जब तक उनके दामन पर लगा यह दाग नहीं छूटेगा, वे चुनाव नहीं लड़ेंगे. दो साल बाद आडवाणी बेदाग छूटे. फिर चुनाव मैदान में कूदे और जीतकर दोबारा लोकसभा पहुंचे। उनका यह कदम भारतीय राजनीति में उदाहरण के रूप में पेश किया जा सकता है कि भ्रष्टाचार के आरोप मात्र से कोई नेता इस्तीफा दे दे और आरोप से बरी होने के बाद ही चुनाव लड़ने की घोषणा करे. अब राजनीति के लोग यह कहते हुए मिलते हैं आरोप ही तो लगा है, अदालत में साबित नहीं हुआ है। 

आडवाणीजी के जीवन में कुछ ऐसे भी अवसर आए, जब वह अटल बिहारी वाजपेयी से असहमत भी हुए। जैसे- मोदी से संबंध एवं राम मंदिर आंदोलन को लेकर आंदोलन। आडवाणी ने उनसे स्पष्ट कहा कि सीएम का इस्तीफा दंगे नहीं रोक सकता। यह बहुत महत्वपूर्ण बात थी, जब पूरा विपक्ष हमले कर रहा हो. प्रधानमंत्री स्वयं चाहते हों कि CM त्यागपत्र दें, तब भी कोई अगर मोदी के साथ खड़ा रहा और गुजरात में सीएम नहीं बदला तो वह आडवाणी की दृढ़इच्छा शक्ति थी। 

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"श्रीराम मंदिर निर्माण प्राण-प्रतिष्ठा विशेषांक"  
अयोध्या में 493 वर्षों तक संघर्षों एवं युद्धों के पश्चात नवनिर्मित भव्य मंदिर में "रामलला" की प्राण-प्रतिष्ठा के शुभ अवसर पर "धर्म नगरी" का विशेषांक प्रकाशित हो रहा है। इसमें आप भी अपनी फोटो सहित शुभकामना या प्रतिक्रिया देते हुए अपने नाम/ संस्था/ आश्रम / पार्टी आदि के नाम से देशभर में जहाँ चाहें,  प्रतियाँ भिजवा सकते हैं।

प्रतियाँ अयोध्या, प्रयागराज माघ मेला-2024 भेजा / सौजन्य प्रति के रूप में बाटा जाएगा। आप भी "सौजन्य प्रति" के स्थान पर अपने नाम, फोटो, शुभकामना या गतिविधि / उपलब्धि आदि  प्रतियाँ भिजवा या बटवा सकते हैं। कृपया संपर्क करें- मो. / वाट्सएप- 6261868110, मो. 9752404020 ईमेल- dharm.nagari@gmail.com माघ हेल्प-लाइन नंबर- 8109107075 पूर्ववत ही है।

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मध्य प्रदेश में पार्टी कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों में हर्ष
भोपाल। पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। प्रदेश कार्यालय में बैठकों के दौरान घोषणा की सूचना मिलते ही पार्टी के राष्ट्रीय एवं प्रदेश के पदाधिकारियों ने करतल ध्वनि के साथ हर्ष व्यक्त किया।

आडवाणी जी को भारत रत्न मिलना हर्ष का विषय : मोहन यादव
पूर्व उप प्रधानमंत्री श्री आडवाणी को भारत रत्न दिए जाने पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा, कि यह हमारे लिए आनंद और हर्ष का विषय है। सामाजिक जीवन में साफ सुथरा जीवन जीने वालों को इससे प्रेरणा मिलेगी। आडवाणीजी ने पत्रकार के तौर पर लंबी यात्रा निभाई। राजनीति में प्रतिपक्ष में भी उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई है। आपातकाल में भी उन्होंने सेनानी की भूमिका को निभाया। मुझे भी इस बात को लेकर प्रसन्नता है, कि भगवान राम को लेकर उन्होंने जनभावनाओं का नेतृत्व किया। उन्हीं के कारण पूरा देश भगवान राम के साथ खड़ा हुआ था। देश के गृहमंत्री के तौर पर पर भी श्री आडवाणी जी की बड़ी भूमिका रही। उन्होंने कहा- मैं प्रदेश की जनता की तरफ से श्री आडवाणी जी को बधाई देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करता हूं। आशा करता हूं कि उनका मार्गदर्शन हमेशा मिलता रहेगा। 

पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता गदगद : विष्णुदत्त शर्मा
आडवाणी जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा के बाद पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता गदगद है। यह ऐतिहासिक दिन है। प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने कहा, आडवाणी जी ने पूरा जीवन देश के लिए समर्पित कर दिया। देश के विकास में आडवाणी जी की भूमिका अहम रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में आज भारत सरकार ने देश के ऐसे लोकप्रिय नेता लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा की है, जिन्होंने अपने जीवन का एक-एक पल देश व समाज के लिए समर्पित किया है।  

आडवाणी जी एक व्यक्ति नहीं, संस्था हैं : शिवराज सिंह चौहान
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा, कि लालकृष्ण आडवाणी जी एक व्यक्ति नहीं, एक संस्था है। उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण भारत माता के चरणों में समर्पित कर दिया। देश को विकास की राह पर इस स्थान तक पहुंचाने में उनका अतुलनीय योगदान है। देशवासी आज प्रसन्न और गदगद हैं। मैं आडवाणी जी को बधाई देकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के प्रति हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं।
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#सोशल_मीडिया में प्रतिक्रिया...
उत्तर प्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने बधाई देते हुए लिखा-  
भारत मां की अखंड सेवा में जनजागृती के लिये जीवन का क्षण-क्षण,  शरीर का कण-कण देने वाले ‘यात्री’ का अत्यंत उचित सर्वोच्च सम्मान हुआ है। भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी जी को #BharatRatna की हार्दिक शुभकामनाएं।
    भारतीय जनता पार्टी के संस्थापक सदस्य, असंख्य कार्यकर्ताओं के प्रेरणास्रोत एवं पूर्व उपप्रधानमंत्री आदरणीय श्री लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न से सम्मानित किए जाने का निर्णय, उनके सार्वजनिक जीवन में दशकों की सेवा, प्रतिबद्धता और राष्ट्र की अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता तथा राजनैतिक जीवन में शुचिता व नैतिकता के उच्च मानक स्थापित करने वाले उनके अद्वितीय प्रयासों को सम्मान प्रदान करने वाला है।
    राष्ट्रीय एकता और सांस्कृतिक पुनरुत्थान की दिशा में किए गए उनके अथक प्रयास हम सभी के लिए अद्वितीय प्रेरणा के स्रोत हैं। आदरणीय आडवाणी जी को हार्दिक बधाई!
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मप्र के CM डॉ मोहन यादव ने बधाई देते हुए लिखा-
हमारे मार्गदर्शक श्रद्धेय श्री लालकृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित करने का निर्णय हम सभी के लिए प्रसन्नता का विषय है। श्रद्धेय आडवाणी जी का जीवन हम सभी के लिए साहस, त्याग, देशप्रेम और राष्ट्रसेवा का एक अनूठा उदाहरण है। हम सभी कार्यकर्ताओं के लिए उनका जीवन प्रेरणा पुंज के समान है। इस अभूतपूर्व निर्णय हेतु यशस्वी प्रधानमंत्री श्री जी का हार्दिक अभिनंदन।
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मप्र के Dy CM राजेंद्र शुक्ला ने लिखा-
हम सबके प्रेरणास्रोत एवं देश के वरिष्ठ नेता, श्रद्धेय लाल कृष्ण आडवाणी जी को भारत रत्न दिए जाने का निर्णय अत्यंत ही गौरवपूर्ण है। यह निर्णय राष्ट्र की अखंडता के प्रति अटूट प्रतिबद्धता तथा राजनीतिक जीवन में शुचिता व नैतिकता के उच्च मानक स्थापित करने वाले उनके अद्वितीय प्रयासों को सम्मान प्रदान करने वाला है। इस अभूतपूर्व निर्णय के लिए श्रद्धेय आडवाणी जी को हार्दिक बधाई एवं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का अभिनंदन!
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Assam's CM Himanta Biswa Sarma, greeting LK Advani on being conferred with Bharat Ratna, wrote-  
Conferring the Bharat Ratna on Adarniya Lal Krishna Advani ji is fitting tribute towards his gigantic contribution in nation building. He is an inspiration to millions of Indians. His rise from humble origins is a shining example of conviction and courage in politics, and adherence to strong ideals and values. 

Unquestionable love for Bharat Mata and leading citizens to reclaim Her rich heritage has defined Advani Ji's numerous decades in public life. Respected Advani ji’s memorable tenure as Deputy Prime Minister is cherished as a period when India experienced all-round growth and well being. A true statesman, his service to the nation have left an indelible mark. As a senior leader his guidance has been invaluable, and his achievements are a source of pride for all of us. Heartiest congratulations to him on this historic recognition.
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Union Minister & Rajyasabha member Piyush Goyal wrote-
Bharat Ratna for Shri LK Advani ji is a living tribute to his lifelong commitment to public service and relentless grassroots work. 
    He has been a Statesman who is respected across party lines and his role as a flag-bearer of the Bharatiya identity will be remembered for generations to come. Additionally, be it his role as the Deputy Prime Minister or as a Parliamentarian, he has exemplified simplicity and unconditional service for the motherland. It is my honour and privilege to continue to gain from his guidance and support in our collective pursuit of a Viksit Bharat.
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लौह पुरुष आदरणीय लालकृष्ण आडवाणी जी को देश के सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किये जाने की घोषणा पर उन्हें हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। -
@TigerRajaSingh
 राजा सिंह, भाजपा विधायक 
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भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न देने की घोषणा पर उनकी बेटी प्रतिभा आडवाणी ने कहा, "मुझे और पूरे परिवार को बहुत खुशी है... निश्चित ही आज मुझे जिसकी सबसे ज्यादा याद आ रही है वो मेरी मां हैं, जिनका दादा (लालकृष्ण आडवाणी) के जीवन में बहुत बड़ा योगदान रहा है। मैंने जब दादा को बताया तो वे बहुत खुश थे। उन्होंने यही बात बोली कि उन्होंने अपना पूरा जीवन देश की सेवा में लगाया और देश के शुक्रगुजार हैं..."
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अयोध्या राममंदिर / प्राण-प्रतिष्ठा से जुड़े लेख पढ़ें / देखें-
पहले दिन भोर में 3 बजे से उमड़ी हजारों की भीड़
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प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान में पहुंचे VIPs सन्त-धर्माचार्य, अवधपुरी प्रभु आवत जानी... अयोध्या से Live
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http://www.dharmnagari.com/2024/01/Ayodhya-Pran-Pratishtha-Live-22-January.html

अयोध्या राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा से संबंधित लेख व समाचार के विभिन्न links 
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http://www.dharmnagari.com/2024/01/Ayodhya-Ram-mandir-22-January-ko-Ghar-me-kare-Ramlala-ki-sthapana-How-to-book-online-Ayodhya-Aarti.html

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कथा हेतु सम्पर्क करें- व्यासपीठ की गरिमा एवं मर्यादा के अनुसार श्रीराम कथा, वाल्मीकि रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिव महापुराण या अन्य पौराणिक कथा करवाने हेतु संपर्क करें। कथा आप अपने बजट या आर्थिक क्षमता के अनुसार शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में अथवा विदेश में करवाएं, हमारा कथा के आयोजन की योजना (मीडिया आदि) में पूर्ण सहयोग रहेगा। 
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