चैत्र मास : हिन्दू नववर्ष का शुभारंभ, चैत्र में रखें ये सावधानियाँ, कर सकते हैं ये उपाय, चैत्र नवरात्रि, रामनवमी से...

पापमोचिनी एकादशी तक, प्रमुख-व्रत त्यौहार 


धर्म नगरी / DN News
(W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, शुभकामना, विज्ञापन व सदस्यता हेतु)


सनातन हिंदू धर्म का सबसे पावन एवं पहला महीना चैत्र मास प्रारंभ होने जा रहा है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस माह महत्वपूर्ण त्यौहार मनाए जाते हैं। चैत्र माह में नया वर्ष प्रतिपदा से शुरू होता है, नवरात्रि के साथ इस दिन गुड़ी पड़ा भी मनाया जाएगा और इसी दिन से विक्रम संवत-2081 आरंभ हो रहा है। इस महीने वसंत ऋतु का समापन और ग्रीष्म ऋतु आरंभ होती है। 

चैत्र मास का ज्योतिष शास्त्र से भी अत्यंत गहरा संबंध है, क्योंकि इस महीने से ही प्रकृति में शुभता और नई उर्जा का संचार होता है। चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में होता है। इसी कारण से इस माह का नाम चैत्र पड़ा। इस माह में चंद्र ग्रह मेष राशि और अश्विनी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। यह माह भक्ति को संयम का माना जाता है। 

दुनिया में केवल सनातन हिन्दू धर्म के वर्षभर के सभी पर्व-त्यौहार का वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी महत्व है। नव संवतसर अर्थात हिन्दू नववर्ष (चैत्र शुक्ल प्रतिपदा) के प्रारंभ होने के साथ ही प्रकृति में भी बदलाव दिखने लगता है। माना जाता है, माँ दुर्गा ने पहली बार अपने नव दुर्गा रूप के दर्शन समस्त संसार को इसी माह में दिए थे। इसलिए इस महीने में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। वैदिक पंचांग के अनुसार, फाल्गुन का महीना समाप्त होने के बाद चैत्र मास 26 मार्च 2024 से आरंभ होगा।  

पौराणिक मान्यता अनुसार ब्रह्माजी ने चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना का शुभारम्भ किया था। इसलिए इस माह में हिंदू नववर्ष मनाया जाता है और इसे पहला महीना मानने का कारण भी यही है।इसी दिन भगवान विष्णु ने दशावतार में पहला मत्स्य अवतार लेकर प्रलयकाल में अथाह जलराशि में से मनु को भगवान विष्णु ने प्रलय के दौरान बचाया था। प्रलयकाल समाप्त होने पर पृथ्वी पर जीवन की शुरुआत हुई। मनु से ही नई सृष्टि की रचना आरंभ की। इसी कारण से चैत्र का महीना महत्वपूर्ण माना जाता है।

चैत्र माह धार्मिक दृष्टि से, पूजा-पाठ एवं अनुष्ठान की दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस महीने जो भी दान-पुण्य का कार्य करते हैं, उन्हें जीवन में शुभ फलों की प्राप्ति होती है। चैत्र माह में सूर्य मेष राशि में उच्च स्थान पर गोचर कर नई ऊर्जा का संचार करते हैं, जिसे ज्योतिष की दृष्टिकोण से अत्यंत शुभ माना जाता है। अतः इस माह विशेष रूप से सूर्य भगवान, माँ दुर्गा और लक्ष्मी-नारायण भगवान की पूजा-आराधना करने का सर्वाधिक महत्व बताया गया है। इस माह में चैत्र नवरात्रि, रामनवमी (रामलला का जन्मोत्सव), रंग पंचमी, कामदा एकादशी व्रत समेत कई बड़े-बड़े व्रत-त्योहार आते हैं- 

चैत्र मास 2024 (व्रत, पर्व-त्यौहार)
26 मार्च (मंगलवार)- चैत्र मास प्रारंभ
27 मार्च (बुधवार)- भाई दूज
28 मार्च (गुरुवार)- गणेश 
चतुर्थी / भालचंद्र संकष्टी 
26 मार्च (मंगलवार)- चैत्र मास प्रारंभ
30 मार्च (शनिवार)- रंग पंचमी
2 अप्रैल (मंगलवार)- शीतला सप्तमी (बसोरा)  
5 अप्रैल (शुक्रवार)- पापमोचिनी एकादशी
6 अप्रैल (शनिवार)- शनि त्रयोदशी, प्रदोष व्रत
7 अप्रैल (रविवार)- मासिक शिवरात्रि
8 अप्रैल (सोमवार)- चैत्र अमावस्या, सूर्य ग्रहण
9 अप्रैल (मंगलवार)- चैत्र नवरात्रि प्रारंभ, झूलेलाल जंयती, हिंदू नववर्ष प्रारंभ
11 अप्रैल (गुरुवार)- गणगौर तीज (सौभाग्य सुंदरी व्रत) / गौरी पूजा, मत्स्य जंयती
12 अप्रैल (शुक्रवार)- लक्ष्मी पंचमी
14 अप्रैल (रविवार)- यमुना छठ
16 अप्रैल (मंगलवार)- महातारा जंयती, मासिक दुर्गाष्टमी
17 अप्रैल (
बुधवार)- राम नवमी, स्वामीनारायण
19 अप्रैल (शुक्रवार)- कामदा एकादशी
20 अप्रैल (शनिवार)- त्रिशूर पूरम, वामन द्वादशी
21 अप्रैल (रविवार)- प्रदोष व्रत, महावीर जयंती
23 अप्रैल (मंगलवार)- हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत

चैत्र के प्रमुख पर्व-त्यौहार
चैत्र नवरात्रि- वर्ष में चार नवरात्रि पड़ती हैं, जिसमें चैत्र माह की नवरात्रि अति पावन होती है। धार्मिक मान्यतानुसार, चैत्र मास की नवरात्रि में जो भी देवी भक्त पूरे नौ दिनों तक पूजा और व्रत का पालन नियमित रूप से करते हैं, देवी मां उनकी मनोकामना को पूर्ण कर उनकी जीवन भर हर संकट से रक्षा करती हैं। चैत्र प्रतिपदा (प्रथमा) या गुड़ी पड़वा (9 अप्रैल 2024) के दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है। यह पर्व देश के कई हिस्सों में पृथक नामों एवं परंपरा से मनाया जाता है।
इस बार चैत्र नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 से शुरू होकर 17 अप्रैल 2024 को समाप्त होगी।

रामनवमी- प्रत्येक वर्ष रामनवमी का महापर्व चैत्र मास की शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है। वाल्मिकी रामायण के अनुसार इसी तिथि को भगवान राम का जन्म अयोध्या धाम में हुआ था। इस बार यह पर्व 17 अप्रैल 2024 को भव्यता के साथ मनाया जाएगा। इस दिन लोग भगवान राम की स्तुति करते हैं, उनके प्रकाट्य उत्सव की चौपाइयां गाते हैं। अतः यह दिन प्रभु राम की कृपा प्राप्ति का सबसे श्रेष्ठ दिन माना जाता है।
भगवान श्रीराम के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष पहली बार, 493 वर्ष के संघर्ष एवं अनेक युद्धों के पश्चात, अयोध्या में नवनिर्माणाधीन रामलला (श्रीराम के बाल स्वरुप) की विशेष रूप रामनवमी मनाई जाएगी। इस दिन सुबह से ही नगर के सभी राम मंदिरों को सजाया जाेगा और विशेष धार्मिक आयोजन भी किए जाएंगे। रामनवमी यह चैत्र नवरात्रि का अंतिम दिन होता है।

पापमोचिनी एकादशी (
5 अप्रैल)- सनातन हिंदू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण व्रत "एकादशी" का होता है। यह तिथि को भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्‍व है, क्योंकि तिथि भगवान विष्णु की अति प्रिय है। इस इस दिन भगवान विष्णु की पूजा-वंदना करने से जीवन सुखमय बीतता है। एकादशी का व्रत रखने वालों से भगवान विष्णु प्रसन्न होते हैं। चैत्र मास में पड़ने वाली पहली एकदाशी पापमोचिनी का व्रत इस बार 5 अप्रैल 2024 को रखा जाएगा। प्रत्येक वर्ष यह चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन पड़ती है, अतः इस एकादशी के दिन व्रत रखने से जीवन के समस्त पाप मिट जाते हैं।

चैत्र माह के पर्व-त्यौहार
गणेश चतुर्थी व्रत (28 मार्च) यह एक मासिक चतुर्थी व्रत है। इसमें भगवान श्रीगणेश के अलावा चंद्रमा की भी पूजा व आराधना की जाती है।
रंगपंचमी (30 मार्च) मध्य प्रदेश में यह त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाकर खुशियां मनाते हैं। इंदौर में इस दिन एक विशाल चल समारोह निकाला जाता है। होली की बजाय रंगपंचमी पर ही वास्‍तविक रंग खेला जाता है।
शीतला सप्तमी (2 अप्रैल) : सप्‍तमी पर शीतला देवी की पूजा की जाती है। सभी घरों में भोजन नहीं पकाया जाता, बल्कि एक दिन पहले बनाया भोजन ही ग्रहण किया जाता है। अष्टमी तिथि पर भी यह पर्व कुछ स्थानों पर मनाए जाने की पंरपरा है।
चैत्र अमावस्या (8 अप्रैल) चैत्र अमवस्या इस बार सोमवार को होने के कारण "सोमवती अमावस्या" कहलाएगी। इस दिन सूर्य-ग्रहण लगेगा, परन्तु विदेशों में। अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण किए जाते हैं। कई तीर्थ स्थानों पर इस दिन धार्मिक पर्व के मेले भी लगते हैं।
गणगौर तीज (11 अप्रैल) इस दिन भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा का महत्‍व है। इस पर्व को हम ईसर-गौर भी कहते हैं। यह पर्व मुख्य रूप से राजस्थान एवं इसके समीप के क्षेत्रों में मनाया जाता है।
कामदा एकादशी (19 अप्रैल) इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है एवं व्रत रखा जाता है।
प्रदोष व्रत (21 अप्रैल) प्रत्येक माह इस तिथि/दिन शिव को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है एवं पूजा की जाती है।  
हनुमान प्रकटोत्सव (23 अप्रैल) को संकट मोचन हनुमानजी महाराज का प्रकटोत्सव है। इस पर्व देश व दुनिया में मनाया जाेगा एवं मंदिरों में हवन सहित धार्मिक आयोजन होंगे। हनुमानजी की विशेष आराधना की जाएगी।

चैत्र माह में करे उपाय-  
- चैत्र माह में एक लाल कपड़े में 5 प्रकार के लाल फल रखकर किसी को दान करना चाहिए। इससे घर में सुख-समृद्धि आती है,
- चैत्र माह में पीपल के पेड़ की पूजा और परिक्रमा करते हुए लाल रंग अर्पित करना चाहिए। इससे जीवन में शांति स्थापित होती है,
- चैत्र माह में 108 बार अपने इष्ट देव का पान के पत्तों पर नाम लिखकर मंदिर में रखने से घर में वैभवता और ऐश्वर्य की स्थापना होती है,
- चैत्र माह में प्रत्येक बृहस्पतिवार को केले के पेड़ की पूजा करते हुए भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे गुरु ग्रह मजबूत होते हैं,
- चैत्र माह में जानवरों को पानी पिलाने से अधिक पुण्य का काम और कुछ भी नहीं। इससे घर में मां लक्ष्मी का वास बना रहता है।

----------------------------------------------
इसे भी पढ़ें / देखें- 
देवाधिदेव महादेव को प्रसन्न करने भगवान श्रीराम द्वारा स्तुति की गई "शम्भु स्तुतिः" 
...सुने व पढ़ें 
http://www.dharmnagari.com/2021/06/Shambhu-Stuti-recited-by-Sriram-to-please-Shiv-ji-Bhagwan-Ram-ne-Shankarji-ko-Prasanna-karane-Stuti-Gai.html 

सूर्य के "आरोग्य मंत्र" का करें सही जाप, होगी यश में वृद्धि, मिलेगी बीमारियों से मुक्ति...
http://www.dharmnagari.com/2021/11/Surya-Mantra-Rog-se-Mukti-Paane-Swasthya-hetu-Surya-Mantra-for-good-Health-in-this-way.html

लोकसभा चुनाव : पढ़ें आदर्श आचार संहिता में क्या-क्या है, फिर...
http://www.dharmnagari.com/2024/03/Loksabha-election-dates-to-be-announced-by-ECI-read-Model-Code-of-Conduct-in-detail.html
-
16वीं लोकसभा-2019 और 17वीं लोकसभा-2024 के मुख्य बिन्दु  
क्या जीत की हैट्रिक बना इतिहास बनाएंगे मोदी, जानें...

http://www.dharmnagari.com/2024/03/Loksabha-2024-Modi-ka-mission-400-Paar-Vipaksh-par-war-highliths-of-2024--2019-Loksabha-election.html 
----------------------------------------------

"धर्म नगरी" की प्रतियाँ अपने पते पर मंगवाएं। यदि आपकी सदस्यता समाप्त हो गई है, तो नवीनीकरण (renewal) की राशि QR कोड स्कैन करके या सीधे धर्म नगरी के चालू खाते में भेजकर हमे सूचित करें। "धर्म नगरी" की सदस्यता, शुभकामना-विज्ञापन या दान अथवा अपने नाम (की सील के साथ) प्रतियां अपनों को देशभर में भिजवाने हेतु बैंक खाते (चालू खाता) का डिटेल- 
"Dharm Nagari" (Current A/c)
A/c- no.32539799922 
IFS Code- SBIN0007932 
State Bank India, Bhopal
अगर आपने अब तक सदस्यता नहीं लिया है, तो सदस्यता राशि भेजकर लें
आपकी सदस्यता राशि के बराबर आपका फ्री विज्ञापन / शुभकामना आदि प्रकाशित होगा, क्योंकि प्रकाश अव्यावसायिक है, "बिना-लाभ हानि" के आधार पर जनवरी 2012 से प्रकाशित हो रहा हैसनातन धर्म एवं राष्ट्रवाद के समर्थन में सदस्यता लेने और दिलवाने हेतु सभी हिन्दुओं से आग्रह है -प्रसार प्रबंधक धर्म नगरी /DN News

अपने जिले से "धर्म नगरी" से जुड़ें। पार्ट-टाइम अपनी सुविधानुसार सप्ताह में केवल 3-4 दिन 1-2 घंटे काम करें और नियमानुसार कमीशन या वेतन पाएं। नौकरी, व्यापार करने वाले हिन्दुत्व-प्रेमी एवं राष्ट्रवादी विचारधारा वाले भी स्वेच्छा जुड़ें।

"धर्म नगरी" की सदस्यता, शुभकामना-विज्ञापन या दान देने अथवा अपने नाम (की सील के साथ) से लेख / कॉलम / इंटरव्यू सहित "धर्म नगरी" की प्रतियां अपनों को देशभर में भिजवाने हेतु बैंक खाते का डिटेल। आप "धर्म नगरी" का QR कोड स्कैन करके डिजिटल रूप से भी राशि भेज सकते हैं. आपकी राशि के बराबर आपके नाम से कॉपी आपकी शुभकामना या संदेश या विज्ञापन से साथ देशभर में जहाँ और जिसे चाहेंगे, भेजा जाएगा। ऐसी पारदर्शिता एवं अव्यवसायिकता संभवतः किसी दूसरे प्रकाशन में नहीं है...

कथा हेतु सम्पर्क करें- व्यासपीठ की गरिमा एवं मर्यादा के अनुसार श्रीराम कथा, वाल्मीकि रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिव महापुराण या अन्य पौराणिक कथा करवाने हेतु संपर्क करें। कथा आप अपने बजट या आर्थिक क्षमता के अनुसार शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में अथवा विदेश में करवाएं, हमारा कथा के आयोजन की योजना, मीडिया-प्रचार आदि में सहयोग रहेगा। -प्रसार प्रबंधक "धर्म नगरी / DN News" मो.9752404020, 8109107075-वाट्सएप ट्वीटर / Koo / इंस्टाग्राम- @DharmNagari ईमेल- dharm.nagari@gmail.com यूट्यूब- #DharmNagari_News  
----------------------------------------------------

चैत्र माह में रखें ये सावधानियां 
- इस महीने से धीरे-धीरे अनाज खाना कम करना चाहिए,
- पानी अधिक पीना चाहिए, पके फल का सेवन अधिक करना चाहिए,
- चैत्र माह में गुड़ नहीं खाना चाहिए, 
- इस महीने में चना खाना बहुत अच्छा माना गया है,
- चैत्र से बासी भोजन, खाना बंद कर देना चाहिए। मंगल ग्रह निर्बल हो तो मंगलवार को करें ये व्रत,  
  मिलेगी हनुमानजी की कृपा,
- चैत्र में नीम की पत्तियों का सेवन अत्यंत लाभप्रद माना जाता है, जिससे कई रोग दूर होती हैं,
- अधिक मिर्च मसालों और बासी भोजन का बिल्कुल भी सेवन नहीं करना चाहिए
- नाम यश और पद प्रतिष्ठा के लिए सूर्य की उपासना करें,
- शक्ति और ऊर्जा के लिए देवी की उपासना करना चाहिए,
- इस महीने में सूर्य और देवी की उपासना करना चाहिए,
- चैत्र में सूर्य को अर्घ्य देना और नियमित रूप में पेड़-पौधों में जल डालना, विशेषरूप से पीपल, केले, बरगद, नीम, शमी, तुलसी आदि पेड़ पौधों को बहुत शुभ माना जाता है, 
- चैत्र माह में लाल फलों का दान करना चाहिए,

No comments