लोकसभा चुनाव की घोषणा के साथ इन पर लगेगी रोक, आदर्श आचार संहिता में क्या-क्या है, फिर...

सरकारी खर्च पर विज्ञापन व सांसद निधि से फंड पर भी रोक  
(धर्म नगरी / 
DN News)    
W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, सदस्यता एवं अपने नाम से कॉपी भिजवाने हेतु 

निर्वाचन आयोग कल 16 मार्च को लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की घोषणा करेगा। इसके साथ ही कुछ राज्‍यों में विधानसभा चुनाव की भी घोषणा की जाएगी। चुनाव की घोषणा के साथ आदर्श आचार संहिता या ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ (MCC) लागू हो जाएगी। 

वर्तमान 17वीं लोकसभा का कार्यकाल आगामी 16 जून को समाप्‍त हो रहा है। पिछले 16वीं लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने देश की 543 संसदीय सीटों में से 303 सीटें जीतकर शानदार जीत दर्ज की थी। अब तक भाजपा ने लोकसभा चुनाव के लिए 267 प्रत्याशी घोषित किए हैं, जबकि मुख्‍य विपक्षी दल कांग्रेस ने 82 प्रत्याशियों के नाम घोषित किये हैं। वाम दल, तृणमूल कॉंग्रेस, आम आदमी पार्टी और कुछ अन्य दलों ने भी अपने प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है।

उल्लेखनीय है, पिछले लोकसभा चुनाव-2019 की तिथियां 10 मार्च को घोषित की गई। चुनाव सात चरणों में 11 अप्रैल से 19 मई के बीच हुए थे, जबकि वोटों की गिनती 23 मई को हुई थी। चुनाव आयोग के अधिकारियों के अनुसार, बोर्ड परीक्षा, त्यौहार एवं सुरक्षाकर्मियों की उपलब्धता को देखते हुए चुनाव के डेट तय किए जा रहे हैं। इस चुनाव में लगभग 97 करोड़ वोटर वोट देने के लिए योग्य होंगे। सूत्रों के अनुसार, इस बार वोटरों की भागीदरी को तय करने के लिए कई बड़े कदम उठाए गए हैं। पिछली बार 2019 में 67.1% वोटिंग हुई थी। आयोग ने दावा किया है, कि इस बार चुनाव में करप्शन पर रोक लगाने के लिए बहुत नए कदम उठाए जाएंगे।

आदर्श आचार संहिता 
(MCC)  
चुनाव आयोग द्वारा जैसे ही चुनाव की तिथियों की घोषणा की जाती है, ठीक उसी समय से ‘मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट’ यानी आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। यह चुनाव की प्रक्रिया पूरी होने तक लागू रहती है। विधानसभा चुनाव होने पर में यह राज्य स्तर पर और लोकसभा चुनाव में पूरे देश में आचार संहिता लागू होती है। 

----------------------------------------------
"धर्म नगरी" व DN News के विस्तार एवं एक रोचक राष्ट्रवादी समसामयिक मैगजीन हेतु "संरक्षक" या NRI इंवेस्टर चाहिए। अपने जिले से पार्ट टाइम "धर्म नगरी" / DN News से स्थानीय रिपोर्टर (प्रतिनिधि) बनकर काम करने के इच्छुक सम्पर्क करें -प्रबंध संपादक 6261868110, 8109107075-वाट्सएप 
----------------------------------------------

स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करवाने के लिए अपने संवैधानिक अधिकार के तहत चुनाव आयोग ने आदर्श आचार संहिता विकसित की है जो राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों के लिए मानदंड स्थापित करती है। इसका उद्देश्य सभी दलों को चुनाव लड़ने के लिए एक जैसे ही अवसर देना है।

MCC का आरंभ 1960 में केरल विधानसभा चुनाव से हुआ, जब प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिए एक आचार संहिता बनाने का प्रयास किया। निर्वाचन आयोग के अनुसार, आचार संहिता का वर्तमान स्वरूप पिछले 60 साल के प्रयासों और विकास का परिणाम है। आदर्श आचार संहिता चुनावों के दौरान सभी स्टेकहोल्डर्स की ओर से स्वीकार्य नियम है। इसका उद्देश्य प्रचार, मतदान और काउंटिंग को व्यवस्थित, स्वच्छ और शांतिपूर्ण रखना है। साथ ही सत्तारूढ़ दलों की ओर से राज्य मशीनरी और फाइनेंसियल के किसी भी दुरुपयोग को रोकना है। हालांकि, इसे कोई वैधानिक मान्यता प्राप्त नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट ने कई अवसरों पर आचार संहिता की सुचिता को बरकरार रखा है। चुनाव आयोग आचार संहिता के किसी भी उल्लंघन की जांच करने और सजा सुनाने के लिए पूरी तरह से अधिकृत है। निर्वाचन आयोग की ओर से चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने के के साथ ही यह संहिता लागू हो जाती है और निर्वाचन प्रक्रिया समाप्त होने तक लागू रहती है। ‘लीप ऑफ फेथ’ शीर्षक से प्रकाशित किताब में लिखा है- 'संहिता पिछले 60 वर्षों में विकसित होकर अपना वर्तमान स्वरूप ग्रहण कर चुकी है। इसकी उत्पत्ति केरल में 1960 के विधानसभा चुनावों के दौरान हुई थी, जब प्रशासन ने राजनीतिक दलों के लिए 'आचार संहिता' विकसित करने का प्रयास किया था।'

कब कब हुआ संशोधन 
भारत में चुनावों की यात्रा का दस्तावेजीकरण करने के लिए निर्वाचन आयोग ने यह पुस्तक प्रकाशित की थी। किताब में लिखा गया, 'आदर्श आचार संहिता पहली बार भारत के निर्वाचन आयोग की ओर से 'न्यूनतम आचार संहिता' के शीर्षक के तहत 26 सितंबर, 1968 को मध्यावधि चुनाव 1968-69 के दौरान जारी की गई थी। इस संहिता को 1979, 1982, 1991 में 2013 में और संशोधित किया गया।' 'चुनावों के दौरान राजनीतिक दलों की भूमिका और जिम्मेदारियां: चुनाव प्रचार और अभियान के दौरान न्यूनतम आचार संहिता के पालन के लिए राजनीतिक दलों से एक अपील', मानक राजनीतिक व्यवहार का निर्धारण करने वाला एक दस्तावेज है और 1968 और 1969 के मध्यावधि चुनाव के दौरान आयोग ने तैयार किया था।

----------------------------------------------
आप पढ़ / देख / सुन रहे हैं डाउनलोड कर शेयर करें
----------------------------------------------

सन 1979 में निर्वाचन आयोग ने राजनीतिक दलों के एक सम्मेलन में 'सत्ता में दलों' के आचरण की निगरानी करने वाला एक अनुभाग जोड़कर संहिता को समेकित किया। शक्तिशाली राजनीतिक अभिनेताओं को उनकी स्थिति का अनुचित लाभ प्राप्त करने से रोकने के लिए एक व्यापक ढांचे के साथ एक संशोधित संहिता जारी किया गया था। एक संसदीय समिति ने 2013 में सिफारिश की, कि आदर्श आचार संहिता को वैधानिक जामा पहनाया जाना चाहिए, जिससे सुनिश्चित किया जा सके कि निर्वाचन आयोग को अपनी शक्ति का प्रयोग करने कोई रिक्तता नहीं हो।

उम्मीदवारों / दलों के लिए आचार संहिता के नियम
चुनाव आयोग की तरफ से जारी नियमों के अनुसार, चुनाव प्रचार के दौरान कोई पार्टी या उम्मीदवार ऐसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा, जो आपसी नफरत पैदा कर सकती है या जातियों और समुदायों के बीच तनाव पैदा कर सकती है.
चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं को विपक्षी दलों या नेताओं पर असत्यापित आरोप लगाने या आलोचना करने से बचना चाहिए. निजी जिंदगी पर कमेंट न करें.
➯ कोई भी उम्मीदवार या पार्टी चुनाव प्रचार के लिए धार्मिक स्थलों जैसे मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या अन्य पूजा स्थलों का इस्तेमाल नहीं कर जा सकता है.
➯ कोई उम्मीदवार वोटों के लिए जाति या सांप्रदायिक भावनाओं की अपील नहीं कर सकता. धर्म/जाति के नाम पर वोट न मांगे.
➯ मतदाताओं को रिश्‍वत देना, उन्‍हें डराना धमकाना, मतदान केंद्र से 100 मीटर की दूरी के भीतर प्रचार-प्रसार करना आपराधिक गतिविधि मानी जाएगी.
➯ जुलूस के दौरान दूसरे दलों को दिक्कत न दें. एक पार्टी के पोस्टर दूसरी पार्टी नहीं हटा सकती है.
इसके अलावा वोटिंग से 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार, सार्वजनिक सभाएं सभी पर प्रतिबंध लग जाता है। 

सत्‍तारूढ़ दल के ल‍िए नियम
➜ पार्टी की उपलब्धियों के विज्ञापन सरकारी खर्च पर नहीं दे सकते,
➜ सांसद निधि से कोई नया फंड जारी नहीं कर सकते,
➜ आचार संहिता लागू होने के बाद कोई भी मंत्री अपनी यात्रा को चुनावी प्रचार से नहीं जोड़ सकता.
➜ नेता या उम्मीदवार प्रचार के लिए सरकारी गाड़ी या फिर सरकारी बंगले का इस्तेमाल नहीं कर सकते,
➜ चुनाव प्रचार के दौरान आधिकारिक मशीनरी या कर्मियों का उपयोग नहीं कर सकते हैं.
➜ किसी भी पार्टी या उम्मीदवार के लिए आधिकारिक विमान, वाहन आदि सहित किसी भी परिवहन का उपयोग नहीं कर सकते हैं.
➜ चुनावी प्रक्रिया से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े सभी अधिकारियों/कर्मचारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग पर प्रतिबंध रहता है. केवल चुनाव आयोग की इजाजत के बाद किसी अधिकारी का ट्रांसफर या प्रमोशन आवश्यक समझा जाए तो कर सकते हैं.
➜ किसी विशिष्ट क्षेत्र में सरकारी योजना का उद्घाटन/घोषणा प्रतिबंधित होती है यानी किसी भी सरकारी योजना की घोषणा या फिर शिलान्यास नहीं कर सकते हैं। 

MCC के लागू होने से क्या बदलाव आते हैं?
सबसे पहले सरकार द्वारा की जाने वाली घोषणाओं पर रोक लगा दी जाती है। चुनाव पैनल के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि चुनाव की घोषणा होने के बाद मंत्रियों और अन्य अधिकारियों को किसी भी वित्तीय अनुदान की घोषणा करने या उसके वादे करने से प्रतिबंधित किया जाता है। वहीं, लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद, सिविल सेवकों को छोड़कर, मंत्रियों या नेताओं को शिलान्यास करने या किसी भी प्रकार की परियोजनाओं या योजनाओं को शुरू करने से भी प्रतिबंधित कर दिया जाता है। सरकारी या सार्वजनिक उपक्रमों में एड हॉक नौकरियां जो सत्तारूढ़ दल के पक्ष में मतदाताओं को प्रभावित कर सकती हैं, उस पर भी रोक लगाई जाती है।

DM बन जाते हैं जिला निर्वाचन अधिकारी
MCC के लागू होने पर प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और सभी सरकारों के मंत्रियों को आयोग के निर्देशों का पालन करना होता है। वहीं, देशभर के अधिकारी और भी अधिक शक्तिशाली हो जाते हैं, जिनमें सर्वाधिक पावरफुल जिले के जिलाधिकारी District Magistrate (DM) हो जाएंगे। DM जिला निर्वाचन अधिकारी का पद ग्रहण कर लेंगे और उनकी मर्जी के बिना जिले में एक पत्ता भी नहीं खिलेगा। जिले में एक छोटे से छोटे कार्यक्रम से लेकर प्रधानमंत्री की रैली, सभी संबंधित DM के आदेश के बिना संभव नहीं हो पाएगी।  

The Election Commission will announce the schedule for General Elections 2024 tomorrow. The announcement will be made in the afternoon at Vigyan Bhawan in New Delhi. Along with Lok Sabha polls, the Commission will also declare the schedule for assembly polls to be held in some states. 
    
The term of the current Lok Sabha is going to end on 16th of June this year. In 2019, the Lok Sabha elections were held in seven phases during April and May. It is expected this time as well, polling will be conducted in several phases in April and May.

In the last Lok Sabha elections, the BJP had registered a resounding victory bagging 303 seats out of 543 Parliamentary constituencies in the country. So far, the ruling party has announced 267 candidates while the main opposition Congress declared the names of 82 candidates for the Lok Sabha elections. Left, TMC, Aam Aadmi Party and some other parties have also announced the name of their candidates for several Lok Sabha seats.

"धर्म नगरी" की प्रतियाँ अपने पते पर मंगवाएं। यदि आपकी सदस्यता समाप्त हो गई है, तो नवीनीकरण (renewal) की राशि QR कोड स्कैन करके या सीधे धर्म नगरी के चालू खाते में भेजकर हमे सूचित करें। "धर्म नगरी" की सदस्यता, शुभकामना-विज्ञापन या दान अथवा अपने नाम (की सील के साथ) प्रतियां अपनों को देशभर में भिजवाने हेतु बैंक खाते (चालू खाता) का डिटेल- 
"Dharm Nagari" (Current A/c)
A/c- no.32539799922 
IFS Code- SBIN0007932 
State Bank India, Bhopal
अगर आपने अब तक सदस्यता नहीं लिया है, तो सदस्यता राशि भेजकर लें
आपकी सदस्यता राशि के बराबर आपका फ्री विज्ञापन / शुभकामना आदि प्रकाशित होगा, क्योंकि प्रकाश अव्यावसायिक है, "बिना-लाभ हानि" के आधार पर जनवरी 2012 से प्रकाशित हो रहा हैसनातन धर्म एवं राष्ट्रवाद के समर्थन में सदस्यता हेतु सभी हिन्दुओं से आग्रह है -प्रसार प्रबंधक धर्म नगरी /DN News

अपने जिले से "धर्म नगरी" से जुड़ें। पार्ट-टाइम अपनी सुविधानुसार सप्ताह में केवल 3-4 दिन 1-2 घंटे काम करें और नियमानुसार कमीशन या वेतन पाएं। नौकरी, व्यापार करने वाले हिन्दुत्व-प्रेमी एवं राष्ट्रवादी विचारधारा वाले भी स्वेच्छा जुड़ें।

"धर्म नगरी" की सदस्यता, शुभकामना-विज्ञापन या दान देने अथवा अपने नाम (की सील के साथ) से लेख / कॉलम / इंटरव्यू सहित "धर्म नगरी" की प्रतियां अपनों को देशभर में भिजवाने हेतु बैंक खाते का डिटेल। आप "धर्म नगरी" का QR कोड स्कैन करके डिजिटल रूप से भी राशि भेज सकते हैं. आपकी राशि के बराबर आपके नाम से कॉपी आपकी शुभकामना या संदेश या विज्ञापन से साथ देशभर में जहाँ और जिसे चाहेंगे, भेजा जाएगा। ऐसी पारदर्शिता एवं अव्यवसायिकता संभवतः किसी दूसरे प्रकाशन में नहीं है...
----------------------------------------------------
कथा हेतु सम्पर्क करें- व्यासपीठ की गरिमा एवं मर्यादा के अनुसार श्रीराम कथा, वाल्मीकि रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिव महापुराण या अन्य पौराणिक कथा करवाने हेतु संपर्क करें। कथा आप अपने बजट या आर्थिक क्षमता के अनुसार शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में अथवा विदेश में करवाएं, हमारा कथा के आयोजन की योजना, मीडिया-प्रचार आदि में सहयोग रहेगा। -प्रसार प्रबंधक "धर्म नगरी / DN News" मो.9752404020, 8109107075-वाट्सएप ट्वीटर / Koo / इंस्टाग्राम- @DharmNagari ईमेल- dharm.nagari@gmail.com यूट्यूब- #DharmNagari_News  

No comments