आर्थिक तंगी से मुक्ति हेतु शुक्रवार को करें उपाय
माता लक्ष्मी की कृपा से होगी
सौभाग्य में वृद्धि, घर की दरिद्रता से मुक्ति, व्यापार की उन्नति
(धर्म नगरी / DN News)
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शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। यह दिन धन प्राप्ति के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। अगर मां लक्ष्मी एक बार भी प्रसन्न हो जाती हैं। तो वह जीवन में धन-समृद्धि प्रदान करती हैं। शुक्रवार का दिन विशेष रूप से धन की अधिष्ठात्रि देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। अतः इस दिन मां लक्ष्मी की असीम कृपा पाने के लिए सबसे उचित माना जाता है।
आर्थिक समस्या से मुक्ति : शुक्रवार को विशेष उपाय
सनातन धर्म में देवी लक्ष्मी की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो, तो व्यक्ति को कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती है। शुक्रवार के दिन धन की देवी की पूजा करने की परंपरा है। ज्योतिर्विदों के अनुसार, शुक्रवार के दिन सुबह शीघ्र उठकर पूरे भक्ति-भाव से मां लक्ष्मी की पूजा करें। देवी मां को कमल का फूल जरूर अर्पित करें। सफेद चावल की खीर का भोग लगाएं। इसके साथ ही लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
॥श्री लक्ष्मी चालीसा॥
॥ दोहा ॥
'मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास ।
मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस ॥
सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार।
ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार॥'
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदंबा। सबकी तुम ही हो अवलंबा॥1॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी ॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी ॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी ॥3॥
कृपा दृष्टि चितवओ मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी ॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता ॥4॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो ॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा ॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा ॥6॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥
ताको कोई कष्ट न होई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥
पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥
पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दीजै दशा निहारी॥17॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥
रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥
॥ दोहा॥
त्राहि त्राहि दु:ख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।
शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी का होता है। यह दिन धन प्राप्ति के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। अगर मां लक्ष्मी एक बार भी प्रसन्न हो जाती हैं। तो वह जीवन में धन-समृद्धि प्रदान करती हैं। शुक्रवार का दिन विशेष रूप से धन की अधिष्ठात्रि देवी मां लक्ष्मी को समर्पित होता है। अतः इस दिन मां लक्ष्मी की असीम कृपा पाने के लिए सबसे उचित माना जाता है।
शास्त्रों में मां लक्ष्मी को सुख-समृद्धि और भौतिक एश्वर्य प्रदान करने वाली देवी बताया गया है। अतः अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये, अपने बिजनेस में लाभ सुनिश्चित करने के लिये, जीवन में चल रही समस्याओं का समाधान निकालने के लिये क्या उपाय शुक्रवार के दिन करने चाहिए
शुक्रवार के विशेष उपाय
अगर आप अपने जीवन में सुख बनाये रखना चाहते हैं। तो इसके लिये शुक्रवार के दिन बाजार से मां लक्ष्मी की कमल के फूल पर बैठी हुई एक तस्वीर लाएं और अपने मन्दिर में स्थापित करें। इसके बाद देवी मां को सबसे पहले पुष्प अर्पित करें। फिर धूप-दीप आदि से उनकी पूजा करें। शुक्रवार के दिन ऐसा करने से आपके जीवन में सुख बना रहेगा।
- शुक्रवार के दिन अपने बिजनेस स्थल पर लक्ष्मी और कुबेर यंत्र स्थापित करें, इससे व्यापार में आपको लाभ मिलेगा।
शुक्रवार के विशेष उपाय
अगर आप अपने जीवन में सुख बनाये रखना चाहते हैं। तो इसके लिये शुक्रवार के दिन बाजार से मां लक्ष्मी की कमल के फूल पर बैठी हुई एक तस्वीर लाएं और अपने मन्दिर में स्थापित करें। इसके बाद देवी मां को सबसे पहले पुष्प अर्पित करें। फिर धूप-दीप आदि से उनकी पूजा करें। शुक्रवार के दिन ऐसा करने से आपके जीवन में सुख बना रहेगा।
- अपने सौभाग्य में वृद्धि करना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन एक रुपये का सिक्का लें और उसे अपने मन्दिर में मां लक्ष्मी के आगे रख दें। अब सबसे पहले मां लक्ष्मी की उचित प्रकार से पूजा-अर्चना करें। फिर उस सिक्के की भी उसी प्रकार से पूजा करें और शुक्रवार को पूरे दिन उसे मन्दिर में ही रखा रहने दें। अगले दिन उस सिक्के को उठाकर एक लाल कपड़े में बांधकर अपने पास रख लें। शुक्रवार के दिन ये उपाय करने से आपके सौभाग्य में बढ़ोतरी होगी...
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- आप अपना स्वास्थ्य अच्छा बनाये रखना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन आपको देवी लक्ष्मी के मन्दिर में शंख चढ़ाना चाहिए। साथ ही देवी मां को घी और मखाने का भोग लगाना चाहिए और उनके आगे हाथ जोड़कर अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये प्रार्थना करनी चाहिए। शुक्रवार को ऐसा करने से आपका स्वास्थ्य अच्छा बना रहेगा।
- अपनी धन-सम्पदा में बढ़ोतरी की मनोकामना है, तो शुक्रवार के दिन एक छोटा-सा मिट्टी का कलश लें और उसे चावल से भर दें। चावल के ऊपर एक रूपये का सिक्का और एक हल्दी की गांठ रखें। अब उस पर ढक्कन लगाकर, मां लक्ष्मी का आशीर्वाद लेकर उसे किसी मन्दिर के पुजारी को दान कर दें। शुक्रवार के दिन ऐसा करने से आपकी धन-सम्पदा में खूब बढ़ोतरी होगी।
- आपके घर की तिजोरियां सदैव धन से भरी रहें एवं आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे, तो इसके लिये शुक्रवार के दिन आपको स्नान आदि के बाद एक कटोरी में थोड़ी-सी हल्दी लेनी चाहिए और उसे पानी की सहायता से घोलना चाहिए। अब इस हल्दी से अपने घर के बाहर मेन गेट के दोनों तरफ पहले जमीन पर छोटे-छोटे पैर के चिन्ह बनाएं। फिर गेट के दोनों तरफ दिवार पर एक-एक स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और देवी लक्ष्मी का ध्यान करें शुक्रवार के दिन ये उपाय करें।
- अपनी धन-सम्पदा में बढ़ोतरी की मनोकामना है, तो शुक्रवार के दिन एक छोटा-सा मिट्टी का कलश लें और उसे चावल से भर दें। चावल के ऊपर एक रूपये का सिक्का और एक हल्दी की गांठ रखें। अब उस पर ढक्कन लगाकर, मां लक्ष्मी का आशीर्वाद लेकर उसे किसी मन्दिर के पुजारी को दान कर दें। शुक्रवार के दिन ऐसा करने से आपकी धन-सम्पदा में खूब बढ़ोतरी होगी।
- आपके घर की तिजोरियां सदैव धन से भरी रहें एवं आपके ऊपर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहे, तो इसके लिये शुक्रवार के दिन आपको स्नान आदि के बाद एक कटोरी में थोड़ी-सी हल्दी लेनी चाहिए और उसे पानी की सहायता से घोलना चाहिए। अब इस हल्दी से अपने घर के बाहर मेन गेट के दोनों तरफ पहले जमीन पर छोटे-छोटे पैर के चिन्ह बनाएं। फिर गेट के दोनों तरफ दिवार पर एक-एक स्वास्तिक का चिन्ह बनाएं और देवी लक्ष्मी का ध्यान करें शुक्रवार के दिन ये उपाय करें।
- यदि घर में दरिद्रा छाई हुई है तो शुक्रवार के दिन गोमती चक्र अभिमंत्रित करें और इसे घर के मुख्य द्वार पर बांध दें। इससे घर की दरिद्रता, दुख आदि का नाश हो जाएगा।
- किसी महत्वपूर्ण डील के लिये शुक्रवार के दिन कहीं बाहर जा रहे हैं और आप उसमें अपनी सफलता सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन आपको घर से बाहर जाते समय पहले लक्ष्मी मां को प्रणाम करें, उनका आशीर्वाद लेना लें। उसके बाद थोड़ा-सा दही-चीनी खाकर, पानी पीकर घर के बाहर जाना चाहिए। शुक्रवार के दिन ऐसा करने से आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी।
- अपने बिजनेस में आर्थिक रूप से लाभ पाने अथवा व्यापार को बढ़ाने की कामना है, तो शुक्रवार के दिन आपको स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर, आसन पर बैठकर माँ लक्ष्मी के मंत्र का जप करें। मंत्र है- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। इस मंत्र का कम से कम 11 बार जप (अधिकतम कमलगट्टे की मला से अपने सामर्ध्य का अनुसार ) करें। इससे आपके व्यापर में आर्थिक रूप से लाभ के कई अवसर के योग बनेंगे।
- किसी महत्वपूर्ण डील के लिये शुक्रवार के दिन कहीं बाहर जा रहे हैं और आप उसमें अपनी सफलता सुनिश्चित करना चाहते हैं, तो शुक्रवार के दिन आपको घर से बाहर जाते समय पहले लक्ष्मी मां को प्रणाम करें, उनका आशीर्वाद लेना लें। उसके बाद थोड़ा-सा दही-चीनी खाकर, पानी पीकर घर के बाहर जाना चाहिए। शुक्रवार के दिन ऐसा करने से आपको अपने काम में सफलता जरूर मिलेगी।
- अपने बिजनेस में आर्थिक रूप से लाभ पाने अथवा व्यापार को बढ़ाने की कामना है, तो शुक्रवार के दिन आपको स्नान आदि के बाद साफ कपड़े पहनकर, आसन पर बैठकर माँ लक्ष्मी के मंत्र का जप करें। मंत्र है- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः। इस मंत्र का कम से कम 11 बार जप (अधिकतम कमलगट्टे की मला से अपने सामर्ध्य का अनुसार ) करें। इससे आपके व्यापर में आर्थिक रूप से लाभ के कई अवसर के योग बनेंगे।
- कुंडली में यदि शुक्र ग्रह कमजोर है, तो इसे मजबूत बनाने के लिए रामायण के लंकाकाण्ड का पाठ करें. इससे शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
आर्थिक समस्या से मुक्ति : शुक्रवार को विशेष उपाय
सनातन धर्म में देवी लक्ष्मी की पूजा करना बहुत शुभ माना गया है। मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त हो, तो व्यक्ति को कभी भी किसी चीज की कमी नहीं होती है। शुक्रवार के दिन धन की देवी की पूजा करने की परंपरा है। ज्योतिर्विदों के अनुसार, शुक्रवार के दिन सुबह शीघ्र उठकर पूरे भक्ति-भाव से मां लक्ष्मी की पूजा करें। देवी मां को कमल का फूल जरूर अर्पित करें। सफेद चावल की खीर का भोग लगाएं। इसके साथ ही लक्ष्मी चालीसा का पाठ करें। अंत में आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
॥श्री लक्ष्मी चालीसा॥
॥ दोहा ॥
'मातु लक्ष्मी करि कृपा करो हृदय में वास ।
मनोकामना सिद्ध कर पुरवहु मेरी आस ॥
सिंधु सुता विष्णुप्रिये नत शिर बारंबार।
ऋद्धि सिद्धि मंगलप्रदे नत शिर बारंबार॥'
तुम समान नहिं कोई उपकारी। सब विधि पुरवहु आस हमारी॥
जय जय जगत जननि जगदंबा। सबकी तुम ही हो अवलंबा॥1॥
तुम ही हो सब घट घट वासी। विनती यही हमारी खासी ॥
जगजननी जय सिन्धु कुमारी। दीनन की तुम हो हितकारी॥2॥
विनवौं नित्य तुमहिं महारानी। कृपा करौ जग जननि भवानी ॥
केहि विधि स्तुति करौं तिहारी। सुधि लीजै अपराध बिसारी ॥3॥
कृपा दृष्टि चितवओ मम ओरी। जगजननी विनती सुन मोरी ॥
ज्ञान बुद्घि जय सुख की दाता। संकट हरो हमारी माता ॥4॥
क्षीरसिन्धु जब विष्णु मथायो। चौदह रत्न सिन्धु में पायो ॥
चौदह रत्न में तुम सुखरासी। सेवा कियो प्रभु बनि दासी॥5॥
जब जब जन्म जहां प्रभु लीन्हा। रुप बदल तहं सेवा कीन्हा ॥
स्वयं विष्णु जब नर तनु धारा। लीन्हेउ अवधपुरी अवतारा ॥6॥
तब तुम प्रगट जनकपुर माहीं। सेवा कियो हृदय पुलकाहीं॥
अपनाया तोहि अन्तर्यामी। विश्व विदित त्रिभुवन की स्वामी॥7॥
तुम सम प्रबल शक्ति नहीं आनी। कहं लौ महिमा कहौं बखानी॥
मन क्रम वचन करै सेवकाई। मन इच्छित वांछित फल पाई॥8॥
तजि छल कपट और चतुराई। पूजहिं विविध भांति मनलाई॥
और हाल मैं कहौं बुझाई। जो यह पाठ करै मन लाई॥9॥
ताको कोई कष्ट न होई। मन इच्छित पावै फल सोई॥
त्राहि त्राहि जय दुःख निवारिणि। त्रिविध ताप भव बंधन हारिणी॥10॥
जो चालीसा पढ़ै पढ़ावै। ध्यान लगाकर सुनै सुनावै॥
ताकौ कोई न रोग सतावै। पुत्र आदि धन सम्पत्ति पावै॥11॥
पुत्रहीन अरु संपति हीना। अन्ध बधिर कोढ़ी अति दीना॥
विप्र बोलाय कै पाठ करावै। शंका दिल में कभी न लावै॥12॥
पाठ करावै दिन चालीसा। ता पर कृपा करैं गौरीसा॥
सुख सम्पत्ति बहुत सी पावै। कमी नहीं काहू की आवै॥13॥
बारह मास करै जो पूजा। तेहि सम धन्य और नहिं दूजा॥
प्रतिदिन पाठ करै मन माही। उन सम कोइ जग में कहुं नाहीं॥14॥
बहुविधि क्या मैं करौं बड़ाई। लेय परीक्षा ध्यान लगाई॥
करि विश्वास करै व्रत नेमा। होय सिद्घ उपजै उर प्रेमा॥15॥
जय जय जय लक्ष्मी भवानी। सब में व्यापित हो गुण खानी॥
तुम्हरो तेज प्रबल जग माहीं। तुम सम कोउ दयालु कहुं नाहिं॥16॥
मोहि अनाथ की सुधि अब लीजै। संकट काटि भक्ति मोहि दीजै॥
भूल चूक करि क्षमा हमारी। दर्शन दीजै दशा निहारी॥17॥
बिन दर्शन व्याकुल अधिकारी। तुमहि अछत दुःख सहते भारी॥
नहिं मोहिं ज्ञान बुद्घि है तन में। सब जानत हो अपने मन में॥18॥
रुप चतुर्भुज करके धारण। कष्ट मोर अब करहु निवारण॥
केहि प्रकार मैं करौं बड़ाई। ज्ञान बुद्घि मोहि नहिं अधिकाई॥19॥
॥ दोहा॥
त्राहि त्राहि दु:ख हारिणी, हरो वेगि सब त्रास।
जयति जयति जय लक्ष्मी, करो शत्रु को नाश॥
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।
रामदास धरि ध्यान नित, विनय करत कर जोर।
मातु लक्ष्मी दास पर, करहु दया की कोर॥
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