शिवरात्रि पर लगती है भगवान की कचहरी, महादेव करते हैं यहां न्याय, झूठ बोला तो होता है तांडव
न्याय के लिए विख्यात हैं गिरगांव के महादेव
- लगभग 1000 साल प्राचीन है स्वयं-भू शिवलिंग
- महादेव के दरबार (अदालत) में झूठी कसम खाने से डरते हैं लोग
- महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व तीन राशियों को त्रिग्रही-योग से लाभ
मकर- मकर राशि वाले जातकों के लिए महाशिवरात्रि को भाग्य का पूर्ण सहयोग मिलेगा। इस दिन कोई बड़ा समाचार मिलेगा, जिससे प्रसन्नता होगी। नौकरी में प्रगति (प्रमोशन) मिल सकती है. परिवारवालों का साथ मिलेगा।
कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों के जीवन में प्रसन्नता का आगमन होगा। घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।रुके हुए कार्य पूरे होंगे। बिजनेस में लाभ होगा। नया वाहन-मकान की खरीदारी कर सकते हैं।
"काश ! उस रात केवल 1% हिन्दू अपनी आत्मरक्षा में हथियार उठा लेते..." ☟
http://www.dharmnagari.com/2021/01/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-Tuesday-19-Jan-2021.html
- महाशिवरात्रि के दिन इन पांच राशियों को मिलेगा लाभ
ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवालयों में गिरगांव स्थित महादेव का मंदिर अपने आप में ही अनूठा है। मंदिर ग्वालियर शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर महाराजपुरा से लगे भिंड रोड से दो किमी. अंदर गिरंगाव गांव में स्थित मंदिर न्याय को लिए विख्यात है। इस शिवालय में आने वाले लोग महादेव की झूठी कसम खाने से डरते हैं। यहां सभी वाद / विवाद मामलों का निर्णय मात्र आठ दिनों में हो जाता है।
सभी पक्षों को खानी पड़ती है कसम
गिरगांव के महादेव मंदिर में न्याय की आस में लोग न केवल शहर से, बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी आते हैं। इस मंदिर में पंचों द्वारा सभी पक्षों को महादेव की कसम दिलाई जाती है व मामलों की गंभीरता के आधार पर अधिकतम आठ दिनों का समय दिया जाता है। जिसमें अनहोनी व दुर्घटनाओं के आधार पर संदेही को दोषी माना जाता है और इनके न घटने पर उसे निर्दोष मान लिया जाता है। बिना कोर्ट की लंबी तारीखों के लोगों का उक्त व्यवस्था पर अटूट विश्वास है। कहा जाता है, कि यहां आठ दिन में निर्णय होता है। शहर से 16 किमी दूर भिंड रोड के पास गिरगांव में ये शिव मंदिर बना हुआ है।
10 पीढ़ियों से मंदिर की देखरेख कर रहे बाबा अमरदास के अनुसार, मंदिर में अपराधी किस्म के लोग मंदिर की सीढ़ियां चढ़ने से भी डरते हैं। यही कारण है, कि मंदिर में प्रदेश ही नहीं, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के दूरदराज के इलाकों के लोग यहां न्याय की आस में आते हैं।
मान्यता है, महादेव की कोर्ट में जब भी किसी ने झूठी कसम खाई है उसका हश्र बुरा हुआ है। पंचायत सदस्य के अनुसार, एक बार एक ही परिवार के दो पक्षों के बीच 5 लाख कीमत के सीतारामी हार चोरी को लेकर विवाद हुआ। जिसका हार चोरी हुआ उसने दूसरे पक्ष पर संदेह जताया। महादेव की कोर्ट में दूसरे पक्ष ने झूठी कसम खा ली, कि उसने हार नहीं उठाया है। परन्तु जब वह घर पहुंचा, तो समाचार मिली कि उसके बेटे ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस व्यक्ति ने माना कि उसने झूठी कसम खाई थी।
दोनों पक्ष महादेव मंदिर के सामने आंगन में अपनी-अपनी बात रखते हैं। अंत में सच्चाई का पता लगाने के लिए महादेव की कसम खाने के लिए कहा जाता है। जो पक्ष कसम खाकर अपनी बात सही होने की बात कह देता है, वह सही माना जाता है। कई बार दोनों पक्ष महादेव की कसम खाकर सारे मतभेद भुलाने की बात भी स्वीकारते हैं।
स्वयं-भू हैं
गिरगांव के महादेव के इस प्राचीन मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं, कि ये शिवलिंग स्वयं-भू है और करीब 1000 साल पुराना है। इस मंदिर का गुर्जर समाज में बहुत महत्व है। गुर्जर समाज के लोगों में गिरगांव के महादेव में इतनी गहरी आस्था है कि यहां खाई गई कसम को कोई भी झूठा करार नहीं दे सकता। यहां धर्म न्याय की परंपरा भी उतनी ही पुरानी है। किसी भी मामले के निराकरण के लिए महादेव मंदिर में दोनों ही पक्षों के पंचो से निर्णय करने का आग्रह किया जाता है। जिसमें सभी प्रकार के मामलों का निराकरण पंचों व पक्षों की सहमति पर किया जाता है। मंदिर में महिलाओं से कसम नहीं खिलाई जाती है।
शिवरात्रि पर लगती है कचहरी
गिरगांव के इस मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है। इसके साथ ही यहां महादेव की कचहरी लगती है। बकायदा यहां पंच बैठते हैं और मामलों को सुना जाता है। दोनों पक्षों के द्वारा दलीलें प्रस्तुत की जाती हैं। आखिर में भगवान महादेव न्यायमूर्ति बनकर अपना निर्णय सुनाते हैं। महादेव की ओर से पंचों द्वारा सुनाया गया निर्णय ही लोगों के लिए अंतिम होता है। मंदिर की मान्यता है, कि महादेव के निर्णय बाद कभी कोई कहीं अपील नहीं करता है।
मंदिर से जुड़े लोग और गांववासी बताते हैं, कि यहां सोमवार को भव्य पूजा की जाती है और महादेव की अदालत लगती है। कोई भी व्यक्ति जब भी चाहे महादेव की कचहरी में अपील कर सकता है। बताया जाता है कि लोगों की इस मंदिर के प्रति आस्था बहुत गहरी है,इसलिए लोग अपने झगड़े लेकर महादेव के पास आते हैं। यहां अभी तक महादेव 1000 से ज्यादा फैस ले सुना चुके हैं। हर महाशिवरात्री को यहां बड़ी अदालत लगती है और भारी संख्या में लोग यहां दर्शन करने आते है।
ग्वालियर-चंबल संभाग के शिवालयों में गिरगांव स्थित महादेव का मंदिर अपने आप में ही अनूठा है। मंदिर ग्वालियर शहर से लगभग 16 किलोमीटर दूर महाराजपुरा से लगे भिंड रोड से दो किमी. अंदर गिरंगाव गांव में स्थित मंदिर न्याय को लिए विख्यात है। इस शिवालय में आने वाले लोग महादेव की झूठी कसम खाने से डरते हैं। यहां सभी वाद / विवाद मामलों का निर्णय मात्र आठ दिनों में हो जाता है।
सभी पक्षों को खानी पड़ती है कसम
गिरगांव के महादेव मंदिर में न्याय की आस में लोग न केवल शहर से, बल्कि दूसरे प्रदेशों से भी आते हैं। इस मंदिर में पंचों द्वारा सभी पक्षों को महादेव की कसम दिलाई जाती है व मामलों की गंभीरता के आधार पर अधिकतम आठ दिनों का समय दिया जाता है। जिसमें अनहोनी व दुर्घटनाओं के आधार पर संदेही को दोषी माना जाता है और इनके न घटने पर उसे निर्दोष मान लिया जाता है। बिना कोर्ट की लंबी तारीखों के लोगों का उक्त व्यवस्था पर अटूट विश्वास है। कहा जाता है, कि यहां आठ दिन में निर्णय होता है। शहर से 16 किमी दूर भिंड रोड के पास गिरगांव में ये शिव मंदिर बना हुआ है।
मान्यता है, महादेव की कोर्ट में जब भी किसी ने झूठी कसम खाई है उसका हश्र बुरा हुआ है। पंचायत सदस्य के अनुसार, एक बार एक ही परिवार के दो पक्षों के बीच 5 लाख कीमत के सीतारामी हार चोरी को लेकर विवाद हुआ। जिसका हार चोरी हुआ उसने दूसरे पक्ष पर संदेह जताया। महादेव की कोर्ट में दूसरे पक्ष ने झूठी कसम खा ली, कि उसने हार नहीं उठाया है। परन्तु जब वह घर पहुंचा, तो समाचार मिली कि उसके बेटे ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इस व्यक्ति ने माना कि उसने झूठी कसम खाई थी।
दोनों पक्ष महादेव मंदिर के सामने आंगन में अपनी-अपनी बात रखते हैं। अंत में सच्चाई का पता लगाने के लिए महादेव की कसम खाने के लिए कहा जाता है। जो पक्ष कसम खाकर अपनी बात सही होने की बात कह देता है, वह सही माना जाता है। कई बार दोनों पक्ष महादेव की कसम खाकर सारे मतभेद भुलाने की बात भी स्वीकारते हैं।
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गिरगांव के महादेव के इस प्राचीन मंदिर से जुड़े लोग बताते हैं, कि ये शिवलिंग स्वयं-भू है और करीब 1000 साल पुराना है। इस मंदिर का गुर्जर समाज में बहुत महत्व है। गुर्जर समाज के लोगों में गिरगांव के महादेव में इतनी गहरी आस्था है कि यहां खाई गई कसम को कोई भी झूठा करार नहीं दे सकता। यहां धर्म न्याय की परंपरा भी उतनी ही पुरानी है। किसी भी मामले के निराकरण के लिए महादेव मंदिर में दोनों ही पक्षों के पंचो से निर्णय करने का आग्रह किया जाता है। जिसमें सभी प्रकार के मामलों का निराकरण पंचों व पक्षों की सहमति पर किया जाता है। मंदिर में महिलाओं से कसम नहीं खिलाई जाती है।
गिरनार के स्वयंभू महादेव @DharmNagari |
गिरगांव के इस मंदिर में विशाल मेले का आयोजन होता है। इसके साथ ही यहां महादेव की कचहरी लगती है। बकायदा यहां पंच बैठते हैं और मामलों को सुना जाता है। दोनों पक्षों के द्वारा दलीलें प्रस्तुत की जाती हैं। आखिर में भगवान महादेव न्यायमूर्ति बनकर अपना निर्णय सुनाते हैं। महादेव की ओर से पंचों द्वारा सुनाया गया निर्णय ही लोगों के लिए अंतिम होता है। मंदिर की मान्यता है, कि महादेव के निर्णय बाद कभी कोई कहीं अपील नहीं करता है।
मंदिर से जुड़े लोग और गांववासी बताते हैं, कि यहां सोमवार को भव्य पूजा की जाती है और महादेव की अदालत लगती है। कोई भी व्यक्ति जब भी चाहे महादेव की कचहरी में अपील कर सकता है। बताया जाता है कि लोगों की इस मंदिर के प्रति आस्था बहुत गहरी है,इसलिए लोग अपने झगड़े लेकर महादेव के पास आते हैं। यहां अभी तक महादेव 1000 से ज्यादा फैस ले सुना चुके हैं। हर महाशिवरात्री को यहां बड़ी अदालत लगती है और भारी संख्या में लोग यहां दर्शन करने आते है।
महाशिवरात्रि से एक दिन पहले शुक्र-बुध गोचर
महाशिवरात्रि से एक दिन पहले गुरुवार (7 मार्च 2024) को शुक्र कुंभ राशि में और बुध मीन राशि में प्रवेश करेंगे। इस गोचर (प्रवेश) से कुंभ राशि में शुक्र, सूर्य और शनि की युति से त्रिग्रही-योग बनेगा। वहीं, मीन राशि में राहु और बुध की युति भी बनेगी। ऐसे में महाशिवरात्रि पर मिथुन, वृश्चिक और कुंभ राशि वालों को पारिवारिक, आर्थिक रूप पर लाभ मिलेगा। इन तीन राशि के जातकों का उक्त त्रिग्रही-योग का निम्न प्रभाव होगा-
वृश्चिक- महाशिवरात्रि से एक दिन पहले शुक्र-बुध वृश्चिक राशिवालों के चतुर्थ और पंचम भाव में गोचर करेंगे, जो धन में वृद्धि के योग है। पैतृक संपत्ति से लाभ होगा.महाशिवरात्रि पर वाहन खरीदने की योजना सफल हो सकती है. आर्थिक स्थिति मजबूत होने से परिवार में सुख प्राप्त होगा. सुसराल पक्ष से भी सहयोग मिलेगा. पुराने ने निवेश से भी अच्छा मुनाफा मिल सकता है।
मिथुन- मिथुन राशि वालों के दशम और नवम भाव में शुक्र-बुध गोचर करने वाले हैं, जिससे महाशिवरात्रि से अगले एक माह तक शिक्षा और करियर में सफलता की प्राप्ति होगी. नौकरीपेशा लोगों के प्रमोशन के योग हैं. व्यापारियों के लिए ये अवधि लाभदायक रहने वाली है. निवेश का शुभ मौका है। परिवार के साथ यात्रा का आनंद मिलेगा. धन प्राप्ति के नए स्त्रोत खुलेंगे।
कुंभ- महाशिवरात्रिे से पूर्व शुक्र कुंभ राशि में पहले भाव में प्रवेश करेंगे और दूसरे भाव में बुध रहेंगे। इससे महाशिवरात्रि कुंभ राशि वालों के वैवाहिक जीवन एवं लव लाइफ दोनों शुभ होगा। भौतिक सुख साधनों में वृद्धि होगी। वेतन बढ़ने के योग हैं। पैसों की बचत कर सकेंगे। आर्थिक स्थिति सुधरेगी, आपको करियर में भी इस दौरान काफी अच्छे अवसर मिलने वाले हैं।
महाशिवरात्रि इन राशियों को हेतु महत्वपूर्ण
हिन्दू पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है, जो 8 मार्च (शुक्रवार) 2024 को मनाई जाएगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महादेव और माता पार्वती का विवाह हुआ था। इस दिन व्रत रखने, महादेव की विधि-पूर्वक या पूर्ण श्रद्धापूर्वक पूजा करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, ज्योतिर्विदों के अनुसार, इस बार महाशिवरात्रि के दिन कुंभ राशि में सूर्य, शनि और शुक्र का त्रिग्रही-योग बनने जा रहा है। ऐसे में इस शुभ संयोग में इन 5 राशियों को विशेष लाभ मिलेगा- मेष- इस बार की महाशिवरात्रि विशेष होगी, क्योंकि मेष राशि के जातक की आर्थिक स्थिति पहले से श्रेष्ठ होगी. नौकरी खोज रहे लोगों को नई नौकरी मिलने की संभावना है। साथ ही कार्यों में आ रही बाधाएं दूर होंगी।
वृष- वृष राशि वाले जातकों हेतु महाशिवरात्रि शुभ होगी। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा. वैवाहिक जीवन में प्यार बढ़ेगा. धन लाभ होगा. आमदनी का नया जरिया मिलेगा. कड़ी मेहनत का फल आपको अवश्य मिलेगा।
तुला- तुला राशि के जातकों को महाशिवरात्रि के दिन आर्थिक तंगी का समाधान निकलेगा / छुटकारा मिलेगा। कई दिनों से फंसा हुआ धन आपको वापस मिलेगा. नौकरी में पदोन्नती के योग हैं। कार्यस्थल पर आपको प्रगति मिलेगी।
मकर- मकर राशि वाले जातकों के लिए महाशिवरात्रि को भाग्य का पूर्ण सहयोग मिलेगा। इस दिन कोई बड़ा समाचार मिलेगा, जिससे प्रसन्नता होगी। नौकरी में प्रगति (प्रमोशन) मिल सकती है. परिवारवालों का साथ मिलेगा।
कुंभ- कुंभ राशि वाले जातकों के जीवन में प्रसन्नता का आगमन होगा। घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहेगी।रुके हुए कार्य पूरे होंगे। बिजनेस में लाभ होगा। नया वाहन-मकान की खरीदारी कर सकते हैं।
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