अपने "राष्ट्रपिता" की स्टैचू पर चढ़कर पेशाब करते हुए ! क्या पाकिस्तान भूलेगा...! दुनिया के क्रूरतम...


...नरसंहार और अत्याचारों में एक 1971 में हुआ
- बुजुगों, महिलाओं को बेटियों और बहुओं के साथ बलात्कार होते देखने को मजबूर किया
-  बच्चों को हवा में उछाला और बंदूक में लगे चाकू से छेद दिया
#Social_Media से कुछ चुनिंदा पोस्ट व आपकी प्रतिक्रिया...
राजधानी ढाका के धान मंडी में बड़े स्तर पर आगजनी की गई। बंगबंधु मेमोरियल म्यूजियम स्थित है। चित्र में अनेक स्थानों पर आगजनी और धुआं उठता दिख रहाहैं। (इनसेट में)- बांग्लादेश की आजादी के जनक, "फादर ऑफ द नेशन" (राष्ट्रपिता) एवं निवर्तमान प्रधानमंत्री शेख हसीना के फादर शेख़ मुजीबुर्रहमान की स्टैचू को देशव्यापी विद्रोह अराजकता, तोड़फोड़, लूटमार के दौरान (5 जुलाई 2025) तोड़ते हुए। अपनेलगभग साढ़े 15 साल के शेख हसीना के शासनकाल में बांग्लादेश में प्रति व्यक्ति आय तीन गुना बढ़ गई, अर्थव्यवस्था इतनी बढ़ी कि निर्यात बढ़ गया और पाकिस्तान की इकोनॉमी से बांग्लादेश आगे निकल गया। @DharmNagari        

...राष्ट्रीय संसद को भंग कर यथाशीघ्र अंतरिम सरकार का गठन किया जाएगा। राष्ट्रपति ने कहा कि यह निर्णय विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं, नागरिक समाज के प्रतिनिधियों और अन्य हितधारकों के साथ बैठक में लिया गया। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अंतरिम सरकार निर्वाचित सरकार को सत्ता हस्तांतरित करने के लिए जल्द से जल्द अगला आम चुनाव कराएगी। बैठक में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया और अन्य राजनीतिक कैदियों को रिहा करने का भी फैसला किया गया। -बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने घोषणा (5 अगस्त 2024 की रात) टीवी पर राष्ट्र के नाम संबोधन में।   

-राजेश पाठक*
(धर्म नगरी / DN News - W.app- 8109107075 -न्यूज़, कवरेज, शुभकामना व सदस्यता हेतु)

बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रीय संसद भंग कर दी है और कहा है कि जल्‍द ही अंतरिक सरकार का गठन किया जाएगा। इसके अलावा सेना ने वरिष्ठ रैंकों में बड़ा फेरबदल किया गया है। मेजर जनरल जियाउल अहसन को उनके पद से मुक्त कर दिया गया है जबकि लेफ्टिनेंट जनरल एम सैफुल इस्लाम को विदेश मंत्रालय में स्थानांतरित कर दिया गया है। इस बीच, राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के बीच एक बैठक के बाद बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष बेगम खालिदा जिया को कई राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ नजरबंदी से रिहा कर दिया गया है।  

        बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद राजनीतिक घटनाक्रम काफी तेज हो गए। बांग्लादेश सेना के शीर्ष पदों पर बड़ा परिवर्तन हुआ। मेजर जनरल जियाउल अहसन को सेवा से हटा दिया गया, जबकि लेफ्टिनेंट जनरल सैफुल आलम को विदेश मंत्रालय में तैनात किया गया है। इसके अलावा बांग्‍लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ-साथ विभिन्‍न राजनीतिक दलों और नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के बीच एक बैठक के दौरान सर्वसम्‍मति से लिए निर्णय के बाद बांग्‍लादेश नेशनलिस्‍ट पार्टी की अध्‍यक्ष बेगम खालिदा जिया को नजरबंदी से रिहा कर दिया गया। इससे पहले दोपहर में, राष्ट्रपति ने प्रमुख हितधारकों के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद राष्ट्रीय संसद को भंग कर दिया।

भारतीय सेना से पराजय के अपमान को नहीं भूला
पाकिस्तान 1971 के युद्ध और भारतीय सेना से पराजय के अपमान को पाकिस्तान नहीं भूला। दो महत्वपूर्ण प्रश्न उठते हैं - 1- पांच जुलाई को बांग्लादेश में तख्तापलट की साजिश के बाद क्या अब पाकिस्तान इस मौके को भुनाएगा ?  2- इंदिरा गांधी की गलती क्या वाकई बन गई नासूर ? ...और अब पाकिस्तान और ISI (चीन भी) बांग्लादेश को अस्थिर करने का कोई मौका भी नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि 1971 की लड़ाई की बेइज्जती वे कभी नहीं भूलेंगे। 

        लगभग 54 साल पहले की घटना / युद्ध और बांग्लादेश के देश बनने के इतिहास को देखा जाए, तो एक महत्वपूर्ण निष्कर्ष ये निकलता है- अगर 1971 युद्ध और उस दौरान हुई हिंसा / क्रूरता से जुड़े ट्रॉयल चलाया जाता, तो बांग्लादेश में पाकिस्तान के घातक मंसूबों और क्रूरता को आज की पीढ़ी जान जाती...! जिस कट्टरता और अमानवीयता के कारण 1971 में पाकिस्तान से संघर्ष कर बांग्लादेश अलग देश बना, वही अब कट्टरता की ओर पूरी तरह से बढ़ गया है। 

        बांग्लादेश के संस्थापक और बंगबंधु के नाम से मशहूर मुजीबुर रहमान की प्रतिमा को कट्टरपंथियों और मजहबी उन्मादियों ने हथौड़े से तोड़ दिया। उस पर मूत्र विसर्जन भी किया। यह घटना बताने के लिए काफी है, कि बांग्लादेश में उन्माद और कट्टरता किस कदर बढ़ गई। सामान्य छात्र या युवा इस तरह की हरकत नहीं करेगा। स्वाभाविक तौर पर इसके पीछे कट्टरपंथी संगठन शामिल होंगे। शेख हसीना को अपना देश एक बार फिर छोड़ना पड़ा। 

        तख्तापलट के पीछे एक थ्योरी के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI का हाथ है। दूसरी थ्योरी चीन की भी है। जिस छात्र संगठन- "छात्र शिविर" ने आंदोलन का नेतृत्व किया, वह बांग्लादेश में प्रतिबंधित कट्टर इस्लामिक संगठन जमात-ए-इस्लामी से जुड़ा है। इसी जमात से जुड़े लोगों ने पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट के बहाने बांग्लादेशियों (उस समय पूर्वी पाकिस्तान) का नरसंहार किया था। क्रूरतम अत्याचार किए थे। बांग्लादेश की आजादी में भारत ने बड़ी भूमिका निभाई। उस समय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी थी। उनकी रणनीति काम आई, लेकिन युद्ध के बाद उनका एक निर्णय बांग्लादेश के लिए हमेशा के लिए नासूर बन गया। पाकिस्तान और आईएसआई बांग्लादेश को अस्थिर करने का कोई मौका भी नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि 1971 की लड़ाई की वे कभी नहीं भूलेंगे। 

        पाकिस्तान की सेना ने भारत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। वह सत्तर का दशक था और उस समय भी पाकिस्तान ने कई दुष्चक्र चले थे। अब शेख हसीना सरकार के खिलाफ भी दुष्चक्र चला गया। आरक्षण आंदोलन का बहाना था, मुख्य मकसद तो शेख हसीना को सत्ता से हटाना था। कथित आंदोलन में छात्र संगठन के नाम पर युवाओं को आगे किया गया और इन युवकों में कट्टरपंथी ज्यादा हैं। 
        कारगिल के अमर बलिदानी विजयंत थापर के पिता सेवानिवृत कर्नल वीएन थापर ने बांग्लादेश को और पाकिस्तान की सेना को करीब से देखा है। पाकिस्तानी और ISI की मक्कारी से वह भलीभांति परिचित हैं। भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 की हुई जंग में वह भारतीय सेना की तरफ से चटगांव में थे। बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम पर वह कहते हैं कि बांग्लादेश में हुई अस्थिरता का पाकिस्तान सौ प्रतिशत फायदा उठाएगा। 1971 के युद्ध में उसका जितना नुकसान हुआ था, वह उसे भुनाएगा।

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बांग्लादेश में तख्तापलट / विद्रोह पर #Social_Media से... 
कुछ चुनिंदा ट्वीट्स, पोस्ट व आपकी प्रतिक्रिया...
यह जो राहुल गांधी से बातचीत (वीडियो क्लिप ☟ देखें) कर रहा है, यह बांग्लादेश में तख्तापलट का मास्टरमाइंड मोहम्मद यूनुस है। इसे ही अंतरिम सरकार का प्रधानमंत्री बनाया जा रहा है
यह बांग्लादेश के श्रमिक फंड में 2.2 मिलियन का घोटाला करके लंदन भाग गया, क्योंकि इसके खिलाफ जांच के आदेश दे दिए गए थे। उसके बाद यह लंदन और पेरिस में रहकर अमेरिका और ब्रिटेन के साथ मिलकर रॉकफेलर फाउंडेशन और जॉर्ज सोरेस के साथ मिलकर पाकिस्तान की ISI के साथ 1 साल से प्लानिंग करके बांग्लादेश सरकार का तख्ता पलट कर दिया
राहुल गांधी जो कैमरे पर बातचीत कर रहे हैं आप उसे सुनिए कितनी खतरनाक बातचीत कर रहे हैं
और यह तो कैमरे के सामने हैं

आप कल्पना करिए जब कैमरे के सामने इतनी खतरनाक बातचीत हो रही है, फिर पर्दे के पीछे राहुल गांधी और मोहम्मद यूनुस में कितनी खतरनाक बातें हुई होगी, लेकिन राहुल गांधी भारत में इसलिए नहीं सफल हो सकते क्योंकि भारत में यह वामपंथी मानसिकता के लोग तख्तापलट नहीं कर सकते -Jitendra pratap singh🇮🇳 @jpsin1
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क्या इससे भी ज्यादा गिर सकते हैं यह लोग ?
क्योंकि जो 1971 की लड़ाई में फ्रीडम फाइटर थे आज उनकी स्टैचू पर चढ़कर पेशाब कर रहा है अब्दुल। -KK NEHRA 

Can these people stoop any lower than this??
Because today Abdul is climbing and urinating on the statues of those who were freedom fighters in the 1971 war.
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यह दिबांग और संदीप चौधरी दोनों कितने नीच है ! 
दिबांग कह रहा है आप इस मोह से हटिए कि वह बांग्लादेशी हिंदू हमारे हैं, उनको मरने दीजिए वह हमारे नहीं है वह बांग्लादेशी है हमें उनसे क्या लेनादेना 
कितनी नीच और घटिया सोच है इसकी ? सुनें- 

Listen Dibang and Sandeep Chaudhary both are so mean
Dibang is saying that you should get rid of this obsession that those Bangladeshi Hindus are ours, let them die, they are not ours, they are Bangladeshis, what do we have to do with them
What a vile and cheap thinking this is ? 

प्रतिक्रिया / Reply / Reaction 
गलती से थाने में एक FIR हो जाए तो लोगों को सरकारी नौकरी नहीं मिलती,
पर सपरिवार जमानत पर चल रहे लोगों को देश की सत्ता चाहिए ? JagVyas @jav_j21
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इन चादर-मोदो को #बांग्लादेश के हिंदू #बांग्लादेशी दिखाई देते हैं। 
पर #Palestine के लिए इनका दिल हमेशा दुहाई देता है।
ग़ज़ब के दोगले है दोनों। 
ऐसे दोगले पत्रकारों की एक सूची बनाके इन्हें भारत से निकलने की तैयारी करनी चाहिए।
ये भारत से निकले तो समझ जाइए इन्हें कहाँ से निकालना है। -Shashank Misra
These chaadar-modos are seen as #बांग्लादेश Hindus #बांग्लादेशी .
But their heart always cries out for #Palestine .
Both of them are amazing hypocrites.
A list of such double-faced journalists should be made and preparations should be made to leave India.
If they leave India then you will understand from where to remove them.
This bastard is spreading the smell all day long.
They are taking excessive advantage of our tolerance.
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इस्लामवादी हिंदुओं पर हमले कर रहे हैं और हिंदू लड़कियों का अपहरण कर रहे हैं!
Islamists are attacking Hindus and Abducting Hindu girls ! 
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ये चीखे गले को चीर दे रही है।
बांग्लादेश में गर्भवती हिंदू महिला को भी नहीं बख्शा गया।
पेट पर मारी लात। -Sagar Kumar “Sudarshan News”
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🙏🏻 Save Hiηdμs in Bangladesh 🙏🏻 - @activistjyot
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30 ambulances were gifted by India to Bangladeshis & this is how they thanked us
इनके अंदर में भारत और हिंदुओं के लिए सिर्फ नफ़रत भरी है
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भारत का मुसलमान मुस्लिम होने के नाते फ्लेसस्तीन के आतंकी मुस्लिमो का भी समर्थन कर रहा था 
लेकिन भारत का हिन्दू बांग्लादेश 1.25 करोड़ हिन्दुओ पर हो रहे 
अत्याचार पर चुप बैठा है 
बस यही कारण है हिन्दू का सर्वनाश होना तय है -Ajay Dada Ayodhya Vasi

Indian Muslims, being Muslims, were also supporting the terrorist Muslims of Palestine
But India's Hindus are facing problems due to Bangladesh's 1.25 crore Hindus.
remains silent on atrocities
This is the reason why the destruction of Hindus is certain
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In January 2024, after casting her vote #SheikhHasina spoke to me EXCLUSIVELY while I was covering #Bangladesh elections. When security personnel tried to stop me, she intervened saying "Let him come, he is from our friendly nation, India 🇮🇳” #BangladeshProtests #StepDownHasina -@Ashoke_Raj (Journalist- Journalist | Writes on Parliament-Politics) Listen-
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सलमान खुर्शीद ने आज (7 अगस्त) को एएनआई व अन्य न्यूज चैनल्स से जो कहा- जो बांग्लादेश में हो रहा है वह बहुत जल्द भारत में होगा 
असल में इसकी कामना भारत का हर मुसलमान कर रहा है
लेकिन सलमान खुर्शीद के दिल की बात मुंह पर आ गई

और सलमान खुर्शीद का यह परिचय नहीं है कि वह कांग्रेस के बड़े नेता है और पूर्व विदेश मंत्री हैं बल्कि उनका सबसे बड़ा परिचय यह है कि वह भारत में जमाते-इस्लामी-हिंद के संरक्षक हैं और उसके लीगल एडवाइजर हैं उसके बोर्ड में शामिल है 

वही जमाते इस्लामी जिसकी बांग्लादेश की शाखा जमाते इस्लामी बांग्लादेश में  हिंदुओं का नरसंहार हर कर रही है उनकी संपत्ति को लूट रही है उनके दुकानों को जला रही है बांग्लादेश के तमाम हिंदू मंदिरों को तोड़ रही है नष्ट कर रही है बांग्लादेश के बौद्ध मठ को तोड़ रही है

सलमान खुर्शीद की भी यही इच्छा है और न सिर्फ सलमान खुर्शीद बल्कि जिहादी जुबेर जैसे भारत के लाखों मुसलमान यही चाह रहे हैं की बहुत जल्द यही दृश्य भारत में हो हम हिंदुओं की संपत्ति लूटे हम भारत के मंदिरों को जलाएं हम हिंदुओं का कत्लेआम करें 
सलमान खुर्शीद ने अपने दिल की आवाज पर काबू नहीं रख पाए और स्टेज पर सच्चाई बयां कर दिए

What Salman Khurshid said today is that what is happening in Bangladesh will happen in India very soon
Actually every Muslim in India wishes for this
But Salman Khurshid's words came out on his lips
And Salman Khurshid's identity is not that he is a big leader of Congress and a former foreign minister, but his biggest identity is that he is the patron of Jamaat-e-Islami Hind in India and is its legal advisor and is included in its board.
The same Jamaat-e-Islami whose Bangladesh branch Jamaat-e-Islami is massacring Hindus in Bangladesh, looting their property, burning their shops, demolishing and destroying all Hindu temples in Bangladesh, demolishing Buddhist monasteries in Bangladesh
Salman Khurshid also has the same wish and not only Salman Khurshid but millions of Muslims in India like Jihadi Zubair want that very soon this scene should happen in India, we should loot the property of Hindus, we should burn the temples of India, we should massacre Hindus
Salman Khurshid could not control the voice of his heart and told the truth on stage
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बांग्लादेश में वर्तमान परिस्थितियों पर कर्नल थापर कहते हैं-
-कट्टरपंथियों की संख्या देश में बहुत है। छात्रों को भड़काना आसान है, क्योंकि इनमें आधे तो कट्टरपंथी हैं। इसकाISI मजहब का फायदा उठा रही है। 
- पाकिस्तान कश्मीर और पंजाब में गड़बड़ी फैला रहा है। कश्मीर में आतंकी भेजता है तो पंजाब मे ड्रग्स का आतंक फैलाए हुए है। 
- खालिस्तान अलगाववादियों और पाकिस्तान का गठजोड़ सामने आ ही चुका है। मुंबई हमले में पाकिस्तान पूरी दुनिया बेनकाब हो चुका है। 
- बांग्लादेश के रास्ते घुसपैठिये और रोहिंग्या दिल्ली तक आ जाते हैं। अब बांग्लादेश में जो नई सरकार बनेगी उसकी नजदीकी शेख हसीना सरकार में प्रतिबंधित किए गए कट्टरपंथी संगठन जमात-ए- इस्लामी और पाकिस्तान से होगी। ऐसे में बांग्लादेश में इन दोनों की पकड़ मजबूत होगी, तो पाकिस्तान पूर्व के रास्ते भी भारत में घुसपैठ कराने की पूरी कोशिश करेगा। ऐसे में सीमावर्ती राज्यों को वोटबैंक की जगह राष्ट्र को प्रथम रखना होगा। 

        वह आगे कहते हैं, इन बदलते माहौल को आप  ऐसे देख सकते हैं, कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांग्लादेश दौरे पर थे, तो उस दौरान कट्टरपंथियों ने माहौल खराब करने की थी। उस समय शेख हसीना की सरकार थी। वह अपनी नीतियों के चलते भारत के करीब थीं। अब बांग्लादेश में कट्टरपंथियों की पकड़ और मजबूत होगी। बांग्लादेश में कट्टरपंथ के बढ़ने की बड़ी वजह पाकिस्तान है। जमात भी कट्टरता फैलाता है।

        भारततीय सेना और पाकिस्तानी आर्मी में  1971 के युद्ध को याद करते हुए वह कहते हैं - हमने अपने पत्ते सही से नहीं चले। युद्ध के बाद हमने अपने पत्ते सही से नहीं चले। 1971 के युद्ध के दौरान जब वह चटगांव में थे, तो पाकिस्तानी सेना मजाक करती थी, कि थापर साहब अभी इन्हें ले लो और पांच से दस साल बाद बताना, कि क्या हाल है। इंदिरा गांधी की भी एक बड़ी गलती थी। 

        कर्नल थापर बताते हैं- 1971 की लड़ाई में 195 युद्ध अपराधी (वॉर क्रिमिनल्स) घोषित किए गए थे। इन अपराधियों ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में बड़ा अत्याचार किया था। इन पर बांग्लादेश में ट्रायल चलाया जा सकता था। इंदिरा गांधी ने सभी युद्धबंदियों को पाकिस्तान को सौंपने पर सहमति जताई थी। इन 195 वॉर क्रिमिनल्स का निर्णय बांग्लादेश पर छोड़ा गया, लेकिन पाकिस्तान नापाक नीयत और इरादे रखे था, उसने कार्रवाई की बात कहते हुए इन्हें रिहा करवा लिया। इन क्रूर वॉर क्रिमिनल्स पर केस चलता तो पाकिस्तान की कट्टरता पूरी दुनिया में उसी समय बेनकाब हो जाती। बांग्लादेश के लोगों को अपने ऊपर हुए अत्याचार पर न्याय मिलता और पाकिस्तान के खिलाफ वहां माहौल हमेशा बना रहता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। युद्ध बंदियों के साथ इन वॉर क्रिमिनल्स का छूटना, इंदिरा गांधी की गलती की तरफ भी इशारा करता है। वह समय इंडिया इज इंदिरा और इंदिरा इज इंडिया वाला भी था।

        पांच अगस्त (2024) के विद्रोह / तख्तापलट / उपद्रव और देशव्यापी आराजकता के बाद अब बांग्लादेश में कट्टरपंथियों को मौका मिल गया है। वे भारत में घुसपैठ की पूरी कोशिश करेंगे। इसलिए भारत को इस पर कड़ा स्टैंड लेना चाहिए। बीएसएफ वहां तैनात रहे। जरूरत पड़े तो अन्य फोर्स को भी भेजें। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का भी बयान सामने आया था कि बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों के लिए उनके दरवाजे खुले रहेंगे। हालांकि उन्होंने कहा, कि इस मुद्दे पर वह केंद्र के साथ हैं। अगर ये घुसपैठिये अंदर आ जाएंगे और हमारे लिए, देश के लिए मुसीबत पैदा कर देंगे। इसलिए 
केंद्र को सीमा पर कड़ी सेकड़ी सुरक्षा व्यवस्था करना ही होगा।    
*अवैतनिक संपादक, धर्म नगरी / DNNews 

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समझौता के बाद पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय गया
भारत और पाकिस्तान ने 
अगस्त, 1973 में दिल्ली समझौते पर हस्ताक्षर किए। समझौते के अंतर्गत  युद्धबंदियों की रिहाई का रास्ता बना। 195 पाकिस्तानियों पर बांग्लादेश ने नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराध करने का आरोप लगाया था। इन्हें युद्ध अपराधी माना था। भारत ने इसका निर्णय बांग्लादेश पर छोड़ दिया था। इस मुद्दे को लेकर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में भी गया। बाद में पाकिस्तान ने यह कहा, कि भारत से उसकी बातचीत हो चुकी है और इस मामले को सूची से हटा दिया जाए। इस पर अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (हेग) की वेबसाइट (icj-cij.org/case/60) पर जो जानकारी मिलती है, उसके मुताबिक – मई 1973 में, पाकिस्तान ने 195 पाकिस्तानी युद्धबंदियों के संबंध में भारत के खिलाफ कार्यवाही शुरू की, जिन्हें पाकिस्तान के अनुसार, भारत ने बांग्लादेश को सौंपने का प्रस्ताव दिया था। इसके बारे में कहा गया था कि उन पर नरसंहार और मानवता के खिलाफ अपराधों के लिए मुकदमा चलाने का इरादा था। 

        भारत ने कहा- इस मामले में न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का कोई कानूनी आधार नहीं है और पाकिस्तान का आवेदन कानूनी प्रभाव के बिना है। पाकिस्तान ने भी अनंतिम उपायों के संकेत के लिए अनुरोध दायर किया है, न्यायालय ने इस विषय पर टिप्पणियाँ सुनने के लिए सार्वजनिक बैठकें आयोजित कीं; सुनवाई में भारत का प्रतिनिधित्व नहीं था। जुलाई 1973 में, पाकिस्तान ने शुरू होने वाली बातचीत को सुविधाजनक बनाने के लिए न्यायालय से उसके अनुरोध पर आगे विचार स्थगित करने के लिए कहा। कोई भी लिखित याचिका दायर करने से पहले, पाकिस्तान ने अदालत को सूचित किया कि बातचीत हो चुकी है, और अदालत से कार्यवाही को बंद करने का रिकॉर्ड करने का अनुरोध किया। तदनुसार, 15 दिसंबर 1973 के एक आदेश द्वारा मामले को सूची से हटा दिया गया।

दिल्ली समझौते के अगले साल 
त्रिपक्षीय समझौता  
भारत-बांग्लादेश और पाकिस्तान ने अप्रैल 1974 में दिल्ली में एक त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसमें बांग्लादेश ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने बांग्लादेश के लोगों से अतीत की गलतियों के लिए माफी मांगने की बात कही है और इसको ध्यान में रखते हुए बांग्लादेश ने क्षमादान के रूप में मुकदमे को आगे न बढ़ाने का निर्णय लिया। इस तरह 195 वॉर क्रिमिनल्स को भी पाकिस्तान को सौंप दिया गया। बताया जाता है कि बांग्लादेश ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि पाकिस्तान ने 200 से अधिक बांग्लादेशी अधिकारियों को बंधक बना रखा था।

        भारत (तत्कालीन पीएम) अगर ये युद्ध अपराधी पाकिस्तान को नहीं सौंपते और इन पर बांग्लादेश में ही ट्रॉयल चलता, तो आज की पीढ़ी को भी पाकिस्तानियों द्वारा बांग्लादेश में किए गए नरसंहार और दुष्कर्मों का पता चलता। लेकिन, क्रूरता फैलाने वाले पाकिस्तान को लौटा दिए गए। जमात और कट्टरपंथ पर अंकुश नहीं लग पाया। बांग्लादेश के संस्थापक और शेख हसीना के फादर (अब्बू) मुजीबुर रहमान सहित परिवार के कुल 18 लोगों की 15 अगस्त 1975 को हत्या कर दी गई। इसके बाद बांग्लादेश में कट्टरपंथ जड़े जमाने लगा। इसका क्रूर रूप शेख हसीना को सत्ता से हटाने के घटनाक्रम में दिखा। बंगबंधु से इतनी नफरत कि उनकी स्टैचू पर वार किया, जूते पहनाए और अंतमें स्टैचू तोड़ डाली। प्रधानमंत्री आवास में कट्टरपंथी घुसे और जिसको जो भी सामन मिला, शेख हसीना की साड़ी सहित,  वो लहराते दिखाते हुए ले गए।  

दुनिया के 
क्रूरतम नरसंहार और अत्याचारों में एक 1971 में हुआ  
पाकिस्तान की सेना ने पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में घोर अत्याचार किया था। आजादी की मांग को कुचलने के लिए मार्च 1971 में ऑपरेशन सर्चलाइट को अंजाम दिया। यह दुनिया के इतिहास का क्रूरतम नरसंहार और अत्याचारों में से एक माना जाता है। बांग्लादेश मुक्ति संग्राम का कट्टरपंथी जमात ए इस्लामी ने भी विरोध किया था। पाकिस्तानी सेना को जमात का साथ मिला था। 
        पाकिस्तानी सैनिकों और उनके सहयोगियों ने क्रूरता की हदें पार कर दी थीं। हजारों महिलाओं का बलात्कार किया गया। बुजुगों और महिलाओं को बेटियों और बहुओं के साथ बलात्कार होते देखने के लिए मजबूर किया गया। पाकिस्तानी दरिंदों ने बच्चों को हवा में उछाला और बंदूक में लगे चाकू से छेद दिया। लाखों बांग्लादेशी भागकर भारत आए। इसके बाद भारत ने कदम उठाया और बांग्लादेश का जन्म हुआ। पाकिस्तान की सेना ने भारत के सामने हथियार डाल दिए। पाकिस्तान अपमान का घूंट पीकर रह गया था। यही अपमान उसे सालता रहता है और जीवनभर सालता रहेगा।
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इसे भी पढ़ें / देखें- 
...मस्जिद में लहराया लाल झंडा, अब क्या होगा ? इजराइल के धरोहर मंत्री बोले- 
"दुनिया में गंदगी साफ करने का यही तरीका है"
http://www.dharmnagari.com/2024/08/What-next-after-Red-flag-on-mosques-Ismail-Haniyeh-murder-in-Iran-Israel-is-accused-by-Hamas.html

#ParisOlympics2024 : ओलंपियन मनु व उनके कोच राणा : दुनिया नतीजे देखती है, नियत नही !
प्रेरणा हैं पीटी ऊषा जिन्होंने...
http://www.dharmnagari.com/2024/08/Olympion-shooter-Manu-and-her-coach-Jaspal-Rana-Duniya-nateeje-dekhti-hai-neeyat-nahi.html

ऐसे ही धर्मांतरण होता रहा, तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी हो जायेगी "अल्पसंख्यक" हाईकोर्ट 
http://www.dharmnagari.com/2024/07/If-conversion-continues-like-this-then-majority-population-of-India-will-become-a-minority-HC.html

हिन्दू न रोएं बेरोजगारी का रोना...! 
http://www.dharmnagari.com/2022/06/Aaj-ke-selected-Posts-Tweets-Comments-day-14-June.html

संविधान धर्मांतरण की अनुमति नहीं देता : हाईकोर्ट
http://www.dharmnagari.com/2024/07/Constitution-do-not-conversion-High-Court-Allahabad.html
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