#Mahakumbh_2025_ अब तक के सभी कुंभ से भव्य-दिव्य होगा महाकुंभ, - कुंभ 2019 ने पूरी दुनिया में...

...प्रयागराज की अच्छी छवि बनाई: योगी आदित्यनाथ 
- महाकुंभ से जुड़े परियोजनाएं को 10 तक पूरा कर 31 दिसंबर सजा दें महाकुंभ मेला
- 13 दिसंबर को PM प्रयागराज पहुंचेंगे, करेंगे 7,000 करोड़ की 532 परियोजनाओं का लोकार्पण 
- संत समाज से है महाकुम्भ की भव्यता एवं दिव्यता, सरकार व प्रशासन आयोजन के सहयोगी : योगी  

"...उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने और मुझे एक नई पहचान दिलाने के लिए जो अहर्निश प्रयास उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले 7-7.5 वर्ष के अंदर किया है, इसके लिए मैं उप्र पुलिस को विशेष रूप से अभिनन्दन करता हूँ... उत्तर प्रदेश पुलिस ने दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक समागम 'कुम्भ-2019' को पूरी भव्यता एवं दिव्यता के साथ आयोजित कर नए मानक गढ़े थे... - योगी आदित्यनाथ, प्रयागराज महाकुंभ मेला क्षेत्र के परेड में पोलिस को सम्बोधित करते हुए (7 दिसंबर)  

महाकुंभ मेला के परेड में उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ CM योगी आदित्यनाथ @DharmNagari 

प्रयागराज ब्यूरो (धर्म नगरी / DNNews)
(वाट्सएप 8109107075 -न्यूज़, महाकुंभ-2025 की कवरेज, सदस्यता, कॉपी बटवाने हेतु)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रस्तावित कार्यक्रम से छह दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज (7 दिसंबर) प्रयागराज पहुंच कर तैयारियों को देखा एवं कहा, कि बाकी परियोजनाओं को हर हाल में दस दिसंबर तक पूरा कर लिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के स्वागत के लिए 'स्मार्ट' प्रयागराज तैयार है। 

महाकुंभ-2025 को ब्रांड प्रयागराज' को ग्लोबल बनाने का बड़ा अवसर बताया और कहा, कुंभ 2019 ने पूरी दुनिया में प्रयागराज की अच्छी छवि बनाई है। अब एक बार फिर अवसर आया है। प्रयागराज महाकुंभ अब तक के सभी कुम्भ पर्यो के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा। महाकुंभ 'प्रयागराज' की ब्रांडिंग के लिए सबसे उत्तम अवसर है। पूरी दुनिया से लोग प्रयागराज आने की तैयारी कर रहे हैं, इसलिए महाकुम्भ यहां के जनप्रतिनिधियों और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ प्रयागराज वासियों के लिए भी 'अतिथि देवो भवः का भाव प्रदर्शित करने का बेहतरीन मंच है। प्रयागराज को इसका लाभ उठाना चाहिए। 

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प्रयागराज महाकुंभ-2025 पर "धर्म नगरी" के विशेषांकों का प्रकाशन किया जा रहा है। इसके साथ महाकुंभ मेले हेतु "सूचना केंद्र, हेल्प-लाइन सेवा" शिविर का संचालन, प्रदर्शनी, तीर्थयात्रियों हेतु क्षेत्र में निःशुल्क चाय, दवा वितरण व पैर में थकान/पीड़ा से राहत देने मसाजर मशीन (शिविर में) आदि की सेवा प्रदान किया जाएगा। विशेष अंकों के नियमित प्रकाशन के साथ धर्मनिष्ठ व राष्ट्रवादी साधु-संतों धर्माचार्यं आदि को मीडिया-पीआर से जुडी सेवा देने का प्रयास भी कर रहे हैं। ये सभी कार्य जितने महत्वपूर्ण एवं उपयोगी हैं, हमारे पास संसाधन उतने ही सिमित हैं। 4000 हेक्टेयर क्षेत्र में मेले हेतु हमारा सर्वे-संपर्क व कॉलिंग का कार्य बीते नवंबर से हो रहा है, ताकि मेले की समस्त महत्वपूर्ण एवं आवश्यक सूचना 13 जनवरी 2025 से पहले एकत्र कर कंप्यूटर में feed हो जाए। इन कार्यों हमें आर्थिक सहयोग के साथ अन्य किसी प्रकार सहयोग की अपेक्षा स्वेच्छापूर्वक हिन्दुओं, धर्मनिष्ठ संत, सम्पन्न-सक्षम व्यक्ति, NRI हिन्दुओं से करते हैं। कृपया निःसंकोच संपर्क करें +91-8109107075 वाट्सएप ईमेल- prayagrajkumbh2025@gmail.com
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सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों एवं पार्टी कार्यकर्ताओ से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के नेतृत्व में इस बार अभूतपूर्व 'दिव्य-भव्य-डिजिटल' महाकुंभ का आयोजन होने जा रहा है। 12 वर्ष के अंतराल के बाद इस वर्ष आयोजित होने जा रहा प्रयागराज महाकुंभ अब तक के सभी कुम्भ पर्वों के सापेक्ष कहीं अधिक दिव्य और भव्य होगा। महाकुंभ-2025 प्रयाग ही नहीं समूचे उत्तर प्रदेश के लिए भारत को प्राचीन आध्यात्मिक परंपरा को वैश्विक पटल पर प्रस्तुत करने का एक अवसर है। महाकुंभ में आने वाले तीर्थयात्री अविरल एवं निर्मल गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने के साथ आचमन कर पाएं, इसके लिए उत्तर प्रदेश की डबल इंजन की सरकार प्रतिबद्ध है। बैठक में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, उद्योग मंत्री नंद गोपाल गुप्ता, महापौर गणेश केसरवानी आदि उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री योगी सर्किट हाउस से अलोपीबाग फ्लाईओवर का निरीक्षण करने पहुंचे। यहां से लाल सड़क के दूसरे छोर पर (
महाकुंभ मेला क्षेत्र में) बनाए गए 250 बेड की क्षमता वाले 100 सार्वजनिक आश्रय स्थलों का उद्घाटन किया। इसके बाद बांध के नीचे बनाए गए कंप्यूटरीकृत "खोया-पाया केंद्र" का उ‌द्घाटन किया। उन्होंने कहा, इन आश्रय स्थलों का उद्देश्य तीर्थ यात्रियों को न केवल आरामदायक और सुरक्षित ठहराव प्रदान करना है, बल्कि उनकी यात्रा को सुलभ और सुविधाजनक भी बनाना है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने परेड में बनाए गए पुलिस लाइन में पुलिसकर्मियों को सम्बोधित किया। सुनें-


परेड में पुलिस को सम्बोधित करने के पश्चात मेला क्षेत्र के अस्थायी कार्यालय में अखाड़े के संतों से संवाद किया। उसके बाद नैनी अरैल त्रिवेणी पुष्प, एसटीपी और फिर शिवालय पार्क पहुंचे।

मुख्यमंत्री योगी ने 13 दिसंबर को प्रस्तावित प्रधानमंत्री के भ्रमण के दृष्टिगत महाकुंभ नगर एवं प्रयागराज को उसके प्राचीन गौरव के अनुरूप सजाने का निर्देश दिया। नैनी में मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी पुष्प में बने योग एवं सांस्कृतिक केंद्र को देखा। अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को त्रिवेणी पुष्प के कायाकल्प के कार्यों की गुणवत्ता के विषय में जानकारी दी, जिस पर उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि कार्यों की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न किया जाए। इसके बाद मुख्यमंत्री नैनी स्थित फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे, जहां उन्होंने प्लांट की चल रही टैपिंग के कार्यों का निरीक्षण करते हुए कहा, कि कोई भी ड्रेनेज और सीवर गंगा और यमुना में न गिरने पाए। इसका विशेष ध्यान रखा जाए। सभी नालों को टैपिंग समय पर कर लें। ट्रीटमेंट प्लांट का निरीक्षण करने बाद मुख्यमंत्री योगी ने शिवालय पार्क का स्थलीय निरीक्षण किया। योगी आदित्यनाथ शाम 7:23 बजे बमरौली एयरपोर्ट से लखनऊ के लिए प्रस्थान हुए।

महाकुंभ को सात हजार करोड़ का उपहार देंगे मोदी
प्रयागराज महाकुंभ के औपचारिक शुभारंभ से पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रयागराज को ₹7000 करोड़ से अधिक का उपहार देने जा रहे हैं। 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री का प्रयागराज दौरा है। प्रधानमंत्री पावन त्रिवेणी संगम का पूजन कर नवनिर्मित भरद्वाज आश्रम कॉरिडोर और श्रृंगवेरपुर धाम कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। महाकुम्भ के लिए राज्य सरकार ने 5496 48 करोड़ की स्वीकृति दी है, केंद्र ने अतिरिक्त 2100 करोड़ रुपये का सहयोग दिया है।

देश बचा रहेगा तभी धर्म सुरक्षित : मुख्यमंत्री
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को कहा कि देश सुरक्षित है तो धर्म सुरक्षित है और धर्म सुरक्षित है तो हम। इसलिए जो काम हो, वह व्यक्ति, समाज, मत- मजहब से ऊपर उठकर सनातन धर्म के मूल्यों के अनुरूप वैदिक- आध्यात्मिक परपरा के अनुसार देश के नाम होना चाहिए। योगी शनिवार को उमरहो (चौबेपुर) में विहंगम योग संत समाज की स्थापना के शताब्दी समारोह महोत्सव को संबोधित कर रहे थे। सीएम योगी ने कहा कि विहंगम योग के प्रणेता संत सदुरु सदाफल देव महाराज ने अध्यात्म को जीवंत रखते हुए आजादी की लड़ाई में योगदान दिया।

आचार्य बोले, योगी सनातन धर्म-ध्वज के रक्षक
संवाद में साधु-संतों, आचार्यों ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन धर्म ध्वज के रक्षक है। उनके नेतृत्व में सनातन समाज गौरवान्वित हो रहा है। योगी पहले मुख्यमंत्री हैं, जो महाकुंभ के विषय में साधु-सतों, आचार्यों से ऐसे संवाद कर समस्याओं/सुझावों को सुनकर लिपिबद्ध कर रहे हैं। मेला क्षेत्र की तैयारियों से साफ हो जाता है कि महाकुंभ-2025 में पूर्व के सभी कुम्भ / महाकुम्भ से भव्य-दिव्य होगा।

31 दिसंबर तक बस जाए महाकुंभ मेला  
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज भ्रमण के बाद एयरपोर्ट पर अफसरों को हिदायत दी कि महाकुम्भ के लिए चार हजार हेक्टेयर में बसाई जा रही अस्थायी नगरी 31 दिसंबर तक बस जानी चाहिए। एक जनवरी से मेला बसा दिखना चाहिए। सीएम ने स्थायी कार्य 10 दिसंबर तक, कुछ काम 15 दिसंबर तक और अस्थायी नगरी 31 दिसंबर तक बसाने के निर्देश दिए।

अपनों को बुलाएं, यादगार स्वागत करें : योगी
मुख्यमंत्री ने स्वयं एक स्लोगन- "जन्म जन्म का पुण्य खिले, आओ प्रयागराज चलें" सुनाकर कार्यकर्ताओं को ऐसे ही स्लोगन बनाकर अलग-अलग प्लेटफार्म पर पोस्ट करने का सुझाव दिया। उन्होंने विश्वास दिलाया, कि महाकुंभ से पहले प्रयागराज का जो नक्शा बदल रहा है, वह रुकेगा नहीं। निरंतर विकास का पहिया चलता जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा, 13 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संगमनगरी आ रहे हैं। सभी पूरे उत्साह के साथ उनका स्वागत करें। इससे पहले शहर को स्वच्छ बनाएं। 10 से 12 दिसंबर तक शहर के सभी चौराहों पर लगी महापुरुषों, क्रांतिकारियों की प्रतिमाओं की सफाई का अभियान चलाए। उनके स्वागत के लिए बड़ी-बड़ी होर्डिंग भी लगाएं। प्रत्येक कार्यकर्ता को समय पर पहुंचने के लिए भी कहा। प्रशासनिक अफसरों को सहयोग के लिए भी प्रेरित किया।

पार्टी पदाधिकारियों के साथ हुए संवाद में मुख्यमंत्री ने पूछा, आप सब बताएं और क्या अच्छा किया जा सकता है ? इस पर एक पदाधिकारी ने दलितों और स्वच्छाग्रहियों के पाँव पखारने का  सुझाव दिया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा, ऐसा प्रधानमंत्री 2019 में कर चुके हैं। यह बाद का कार्यक्रम है, इसे भी किया जाएगा। अभी तो स्वागत का अवसर है। ऐसे में माना जा रहा है, कि मुख्यमंत्री ने महाकुंभ के बाद प्रधानमंत्री के आने के संकेत दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने जनप्रतिनिधियों व पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक में फूलपुर विधानसभा के उपचुनाव में मिली जीत पर खुशी जताई। कहा, महाकुंभ से पहले जीत का स्वाद दिलाकर शानदार तरीके से महाकुम्भ का स्वागत किया है। नकारात्मक बातों से दूर रहें। बोले, प्रयागराज धर्म अध्यात्म की ऊर्जा का केंद्र है। ऋषि भरद्वाज मुनि और देश को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों की धरती है। अपने रिश्तेदारों व अन्य जानने कलों को महाकुंभ मेले के लिए आमंत्रित करें। उनके रहने-खाने की व्यवस्था भी करें। उनका स्वागत ऐसा करें, कि उन्हें लगे कि धर्म नगरी प्रयागराज में हैं।

हर हफ्ते निरीक्षण को आएंगे सीएम
मुख्यमंत्री ने अधिकारीयों को निर्देश दिया, कि महाकुंभ के काम तेजी के साथ कराएं। वो हर हफ्ते निरीक्षण के लिए आ सकते हैं। अगली बार मेला क्षेत्र में हो रहे अस्थाई कार्यों का और अखाड़ों की छावनी भी देखेंगे। महाकुंभ की अगली समीक्षा नौ दिसंबर को प्रभारी मंत्री स्वतंत्र देव सिंह करेंगे। अगर संभव हुआ तो सीएम 11 दिसंबर को एक बार फिर आ सकते हैं।

एक हजार बसों से पहुंचेंगे लोग
प्रधानमंत्री की 13 दिसंबर की सभा में लोगों को एक हजार बसों से परेड मैदान तक पहुंचाया जाएगा। गंगापार में 495, यमुनापार में 370 और महानगर में 261 बसे और एक-एक हजार बार पहिया-दो पहिया निजी वाहन लगाए जाएंगे। इसके अलावा दस हजार ई-रिक्शा से भी लोगों को सभास्थल तक ले जाएंगे। 

त्रिवेणी पुष्प का भ्रमण किया, रुद्राक्ष का पौधा रोपा
मुख्यमंत्री ने नैनी क्षेत्र अरैल स्थित त्रिवेणी-पुष्प का दर्शन एवं भ्रमण किया। साथ ही स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने रुद्राक्ष का पौध भी रोपा। मुख्यमंत्री और स्वामी चिदानंद सरस्वती के बीच प्लास्टिक मुक्त हरित महाकुंभ पर विस्तृत चर्चा हुई। निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा, यह स्थल केवल एक मंदिर या संरचना नहीं, बल्कि हमारी भारतीय धरोहर और अध्यात्म का जीवंत स्वरूप है। यह स्थल आने वाली पीढ़ियों को हमारी संस्कृति और मूल्यों से जोड़ने का कार्य करेगा।

पुराणों की महिमा व कारीगरी को दर्शाता "शिवालय पार्क"
नगर निगम की ओर से नैनी के अरैल में बनवाए जा रहे शिवालय पार्क का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया। थीम एवं भव्यता पर की सराहना करते हुए पूरे पार्क का भ्रमण किया। साथ ही जनप्रतिनिधियों एवं कार्यदायी एजेंसी के प्रतिनिधियों के साथ फोटो भी खिंचवाए।
11 एकड़ में बन रहा शिवालय पार्क भगवान को समर्पित है, जो भारतीय मंदिरों और पुराणों की महिमा तथा कारीगरी को दर्शाता है। इसके थीम एवं भव्यता ने मुख्यमंत्री को भी आकर्षित किया। मुख्यमंत्री का पार्क के एक हिस्से में हो भ्रमण का कार्यक्रम प्रस्तावित था, लेकिन वह आगे बढ़ते गए।
मुख्यमंत्री ने त्रिवेणी पुष्प एवं फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लॉट का भी निरीक्षण किया तथा जरूरी निर्देश दिए। इससे पहले मुख्यमंत्री अरैल बांध मार्ग का निरीक्षण किया।

"शिवालय पार्क" में इन मंदिरों का प्रतिरूप तैयार करवाया जा रहा है-  
सोमनाथ मंदिर, मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, ओंकारेश्वर मंदिर, बैद्यनाथ मंदिर, भीमाशंकर मंदिर, रामनाथस्वामी मंदिर, नागेश्वर मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, त्र्यंबकेश्वर मंदिर, केदारनाथ मंदिर, घृष्णेश्वर मंदिर, बैजनाथ मंदिर, पशुपतिनाथ मंदिर, लिंगराज मंदिर, वीरभद्र मंदिर, शोर मंदिर।

भारत के नक्शे की आकृति में बन रहा पार्क
पार्क को भारत के मानचित्र पर बनाया गया है, जिसमें सभी प्रमुख मंदिर उनके मूल स्थानों पर ही बनाए गए हैं, ताकि आगन्तुक तीर्थ यात्रा का अनुभव कर सकें। पार्क में तुलसी वन और संजीवनी वन भी बनाया गया है। बच्चों के लिए अलग जोन बनाया जा रहा है। इसके अलावा पार्क के अंदर फूड कोर्ट और रेस्त्रां भी होगा। शिवालय थीम पार्क को तैयार कराने में सबसे विशेष बात है, कि इसमें अधिकतर वेस्ट मटीरियल का प्रयोग किया जा रहा है। कार्यदायी एजेंसी कंपनी जंड टेक इंडिया लिमिटेड के पास ही तीन साल तक इसके रख-रखाव की जिम्मेदारी रहेगी।

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