संगम नोज पर भगदड़ के बाद CM योगी ने श्रद्धालुओं से कहा- संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें
धर्म नगरी / DN News महाकुंभ नगर
(वा.एप 8109107075 महाकुंभ विशेषांक में न्यूज़, कवरेज, कॉपी बटवाने हेतु)
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मौनी अमावस्या के पावन स्नान पर्व पर आज (मौनी अमावस्या) आधी रात के बाद लगभग सवा दो बजे संगम क्षेत्र में भगदड़ हो गई। महाकुम्भ नगर पहुंचे श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित प्रमुख संतों सहित अखाड़ों के संतों ने श्रद्धालुओं आह्वान करते हुए कहा, कि स्नानार्थी अपने निकट बने घाटों पर अमृत स्नान करें।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा- श्रद्धालुगण मां गंगा के जिस भी घाट के समीप हैं, वहीं स्नान करें, संगम नोज की ओर जाने का प्रयास न करें। स्नानार्थियों के लिए कई घाट बनाए गये हैं, जहां सुविधाजनक रूप से स्नान किया जा सकता है। सीएम योगी ने सभी से मेला प्रशासन के निर्देशों का पालन करने की अपील करते हुए कहा, कि वह किसी भाी प्रकार के अफवाहों पर ध्यान न दें।
संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें
सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से आह्वान किया है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक-दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवि पुरी ने कहा, इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। इतनी बड़ी संख्या में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है। हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।
संगम तट से पहले बने द्वार के पास हुई भगदड़ के बाद स्थिति
अनियंत्रित हो गई। श्रद्धालुओं के मरने एवं घायल होने से संगम क्षेत्र में अव्यवस्था हो गई। पुलिस प्रशासन आपदा प्रबंधन की टीम ने तत्परता दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य आरम्भ किया। लगभग तीन घंटे की बाद स्थिति को काफी नियंत्रित कर लिया गया। वहीं, अखाड़ों ने अमृत स्नान करने से मना कर दिया।
अनियंत्रित हो गई। श्रद्धालुओं के मरने एवं घायल होने से संगम क्षेत्र में अव्यवस्था हो गई। पुलिस प्रशासन आपदा प्रबंधन की टीम ने तत्परता दिखाते हुए राहत और बचाव कार्य आरम्भ किया। लगभग तीन घंटे की बाद स्थिति को काफी नियंत्रित कर लिया गया। वहीं, अखाड़ों ने अमृत स्नान करने से मना कर दिया।
भीड़ को नियंत्रित करने के लिए संगम जाने वाले सभी प्रमुख मार्गों पर बैरिकेडिंग की गई है और श्रद्धालुओं को वैकल्पिक मार्गों से निकाला जा रहा है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने कुंभ मेले के आयोजन में सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े किए हैं।
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संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें
सीएम योगी के साथ ही धर्म गुरुओं ने भी श्रद्धालुओं से आह्वान किया है। स्वामी रामभद्राचार्य ने महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं से अपील की कि वे सभी संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें और निकटतम घाट पर स्नान करें। लोग अपने शिविर से बाहर न निकलें। अपनी और एक-दूसरे की सुरक्षा करें। उन्होंने वैष्णव सम्प्रदाय के प्रमुख संत की हैसियत से सभी अखाड़ों और श्रद्धालुओं से अफवाहों से बचने का आह्वान किया।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवि पुरी ने कहा, इस वक्त 12 करोड़ से अधिक श्रद्धालु प्रयागराज में हैं। इतनी बड़ी संख्या में भीड़ को कंट्रोल करना मुश्किल होता है। हमारे साथ लाखों की संख्या में संतों का हुजूम है। हमारे लिए श्रद्धालुओं की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है।
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