महाकुंभ : त्रिवेणी संगम में उमड़ा "जन समुद्र", साढ़े 10 बजे तक शैव-सन्यासियों के खाडों साधु-सन्तों सहित...
...1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने किया स्नान
राजसी (शाही) स्नान के क्रम में सबसे पहले महानिर्वाणी अखाड़े के नागा संन्यासियों ने स्नान किया महानिर्वाणी के साथ शंभू पंचायती अटल अखाड़ा का स्नान
निरंजनी अखाड़ा एवं आनंद अखाड़ा ने 7:05 बजे स्नान किया
जूना, आह्वान एवं पंच अग्नि अखाड़ा का 8 बजे हुआ संगम में स्नान
शैव-सन्यासियों के पश्चात 10:40 पर बैरागी अखाड़े इस क्रम में करेंगे स्नान-
शैव-सन्सयासियों-बैरागियों के पश्चात सबसे अंत में-
स्थान : तीर्थराज प्रयाग का त्रिवेणी संगम
समय : आधी रात्रि से भोर से पहले
अवसर : महाकुंभ का पहला राजसी स्नान
तिथि : मकर संक्रांति लगने से पूर्व पौष-पूर्णिमा (14 जनवरी)
महाकुंभ मेला क्षेत्र के त्रिवेणी मार्ग एवं काली सड़क पर अब तक की सबसे अधिक दिव्यता, भव्यता दिख रहा है. सभी अखाड़ो की छावनियां तेज लाइट से प्रकाशमान हैं. विशालकाय धर्म-ध्वजाएं आकाश में उड़ते हुए लगता है विश्व को सनातन धर्म का संदेश दे रहे हों... साधु-संत से लेकर उनके शिष्य, भक्तजन, श्रद्धालु-तीर्थयात्री सभी अति उत्साहित है। सभी के चेहरे प्रसन्नता से प्रफुल्लित हैं अखाड़ों के राजसी स्नान की तैयारियों को देखकर। चारों ओर सजे-धजे चांदी के हौदे (सिंहासन) उनके महामंडलेश्वरों को उनके अखाड़े के निर्धारित समय में संगम ले जाने तैयार हो रहे हैं. अनेक अखाड़ों के राजसी स्नान की शोभायात्रा में सम्मिलित धार्मिक-आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवाद की झाकियां भारत ही नहीं, विश्व को सनातन के गौरव का दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं। विदेशों से आये पर्यटक आदि के लिए मानों ये दृश्य अकल्पनीय हों !
महाकुंभ के सभी प्रमुख मार्गों से लोगों की भीड़ तेज गति से, बड़े-बूढों से लेकर युवा और उनके साथ, उनके बीच बच्चे भी, भभूती लगाए साधु संत और उनके साथ जयकारे लगते चल रहे उनके भक्त. ये सब मिलकर कुंभ के उस दुर्लभ दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं, जिसे प्रत्यक्ष कुंभ के मार्गों के दोनों ओर लगे सैकड़ों शिविरों या पंडालों में रुके श्रद्धालु आत्मविभोर हो रहे हैं, प्रफुल्लित हो रहे हैं. हाड़ कंपा देने वाली ठंड के बीच मकर संक्रांति के पावन पर्व पर महाकुम्भ नगर में श्रद्धालुओं का हर ओर जन समुद्र उमड़ पड़ा है। अमृत स्नान के लिए देश-विदेश से गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम पर "पवित्र स्नान" लेकर पहुंचे लाखों लोग, भारतीय संस्कृति और परंपरा की गहराई को चारों ओर अनुभव कर रहे हैं।
गंगाजी के विभिन्न घाटों पर ब्रह्म-मुहूर्त से पहले ही पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना कर रहे हैं. सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साढ़े 8 बजे तक एक करोड़ एवं सुबह 10 बजे कर एक करोड़ 38 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। जबकि, 10:30 बजे तक डेढ़ करोड़ लोगों के महाकुंभ में डुबकी लगाने का अनुमान है।
धार्मिक भावनाओं को जागृत करता "तीर्थराज" के संगम क्षेत्र में आयोजन भारतीय संस्कृति की गहराई और समाज की सामूहिकता को भी दर्शाता है। यह उत्सव हर किसी के लिए एक अद्वितीय अनुभव और आत्मा को शांति प्रदान करने का माध्यम है।
- महानिर्वाणी अखाड़े के साथ अपने क्रम से अखाड़े कर रहे स्नान
- पहले राजसी स्नान पर्व- संक्रांति पर महाकुंभ में उमड़ा आस्था का जन समुद्र
- संगम में गूंजे हर हर महादेव... हर हर गंगे...
- गंगा के सभी घाटों पर हर घंटे लाखों लोगों ने लगाई "आस्था की डुबकी"
- पहले राजसी स्नान पर्व- संक्रांति पर महाकुंभ में उमड़ा आस्था का जन समुद्र
- संगम में गूंजे हर हर महादेव... हर हर गंगे...
- गंगा के सभी घाटों पर हर घंटे लाखों लोगों ने लगाई "आस्था की डुबकी"
धर्म नगरी / DN News महाकुंभ नगर
(वा.एप 8109107075 न्यूज़, महाकुंभ-2025 की कवरेज, सदस्यता, कॉपी बटवाने हेतु)
-राजेश पाठक @DharmNagari
निरंजनी अखाड़ा एवं आनंद अखाड़ा ने 7:05 बजे स्नान किया
जूना, आह्वान एवं पंच अग्नि अखाड़ा का 8 बजे हुआ संगम में स्नान
शैव-सन्यासियों के पश्चात 10:40 पर बैरागी अखाड़े इस क्रम में करेंगे स्नान-
सर्वप्रथम 10:40 बजे निर्मोही अनि अखाड़े के साधु-सन्तों का होगा स्नान
11:20 बजे दिगंबर अनि अखाड़ा के साधु-सन्त करेंगे स्नान
11:20 बजे दिगंबर अनि अखाड़ा के साधु-सन्त करेंगे स्नान
12:20 पर निर्वाणी अनि अखाड़े के साधु-सन्तों का होगा स्नान
शैव-सन्सयासियों-बैरागियों के पश्चात सबसे अंत में-
उदासीन परंपरा के तीनों अखाड़े के साधु-सन्तों धर्माचार्यों एवं उनके साथ शिष्यों-भक्तों के इस क्रम में होंगे स्नान-
1:15 बजे पंचायती नया उदासीन अखाड़ा
2:20 बजे पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन एवं सबसे अंत में
3:40 बजे पंचायती निर्मल अखाड़ा पर स्नान करेगा
1:15 बजे पंचायती नया उदासीन अखाड़ा
2:20 बजे पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन एवं सबसे अंत में
3:40 बजे पंचायती निर्मल अखाड़ा पर स्नान करेगा
समय : आधी रात्रि से भोर से पहले
अवसर : महाकुंभ का पहला राजसी स्नान
तिथि : मकर संक्रांति लगने से पूर्व पौष-पूर्णिमा (14 जनवरी)
महाकुंभ मेला क्षेत्र के त्रिवेणी मार्ग एवं काली सड़क पर अब तक की सबसे अधिक दिव्यता, भव्यता दिख रहा है. सभी अखाड़ो की छावनियां तेज लाइट से प्रकाशमान हैं. विशालकाय धर्म-ध्वजाएं आकाश में उड़ते हुए लगता है विश्व को सनातन धर्म का संदेश दे रहे हों... साधु-संत से लेकर उनके शिष्य, भक्तजन, श्रद्धालु-तीर्थयात्री सभी अति उत्साहित है। सभी के चेहरे प्रसन्नता से प्रफुल्लित हैं अखाड़ों के राजसी स्नान की तैयारियों को देखकर। चारों ओर सजे-धजे चांदी के हौदे (सिंहासन) उनके महामंडलेश्वरों को उनके अखाड़े के निर्धारित समय में संगम ले जाने तैयार हो रहे हैं. अनेक अखाड़ों के राजसी स्नान की शोभायात्रा में सम्मिलित धार्मिक-आध्यात्मिक एवं राष्ट्रवाद की झाकियां भारत ही नहीं, विश्व को सनातन के गौरव का दृश्य प्रस्तुत कर रहे हैं। विदेशों से आये पर्यटक आदि के लिए मानों ये दृश्य अकल्पनीय हों !
----------------------------------------------
प्रयागराज महाकुंभ-2025 पर "धर्म नगरी" साधु-संतों, श्रद्धालुओं तीर्थ-यात्रियों, पर्यटकों, संस्थाओं आदि की सुविधा एवं जानकारी प्रदान करने हेतु "महाकुंभ विशेषांकों" प्रकाशित कर रहा है। इसके साथ महाकुंभ मेले हेतु "सूचना केंद्र, हेल्प-लाइन सेवा" शिविर का संचालन, प्रदर्शनी, तीर्थयात्रियों हेतु क्षेत्र में निःशुल्क चाय, दवा वितरण व पैर में थकान/पीड़ा से राहत देने मसाजर मशीन [शिविर में] आदि की सेवा प्रदान कर रहा है। इन कार्यों में आप भी सहभागी बन सकते हैं। किसी प्रकार से सहयोग करने हेतु कृपया निःसंकोच संपर्क करें +91-810 910 7075 मोबाइल / वाट्सएप ईमेल- prayagrajkumbh2025@gmail.com
स्थान- लोवर संगम मार्ग, पश्चिम पटरी (लोवर संगम मार्ग-गंगोत्री शिवाला चौराहा, सेक्टर-19)
गंगाजी के विभिन्न घाटों पर ब्रह्म-मुहूर्त से पहले ही पतित पावनी गंगा और संगम तट पर आस्था की डुबकी लगाकर सुख, स्वास्थ्य और समृद्धि की कामना कर रहे हैं. सरकार के द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार साढ़े 8 बजे तक एक करोड़ एवं सुबह 10 बजे कर एक करोड़ 38 लाख लोग स्नान कर चुके हैं। जबकि, 10:30 बजे तक डेढ़ करोड़ लोगों के महाकुंभ में डुबकी लगाने का अनुमान है।
धार्मिक भावनाओं को जागृत करता "तीर्थराज" के संगम क्षेत्र में आयोजन भारतीय संस्कृति की गहराई और समाज की सामूहिकता को भी दर्शाता है। यह उत्सव हर किसी के लिए एक अद्वितीय अनुभव और आत्मा को शांति प्रदान करने का माध्यम है।
-----------------------------------------------
इसे भी पढ़ें / देखें-
महाकुंभ में डुबकी लगानी है, तो मेला क्षेत्र में भी रखें कम से कम 8-10 किलोमीटर पैदल चलने का साहस
☟
https://www.dharmnagari.com/2025/01/Mahakumbh-Mele-me-Sangam-snan-Traffic-plan-pilgrims-have-to-walk-8-10Km-or-more.html
----------------------------------------------![]() |
संगम तीर्थराज प्रयाग मकर संक्रांति [14 अप्रैल] राजसी स्नान पर्व पर पुष्प वर्षा |
सुबह लगभग 10:30 बजे से 11 बजे के बीच हेलीकॉप्टर प्रयागराज एयरपोर्ट से उड़े एवं सभी अखाड़ों पर पुष्प वर्षा की। संगम तट पर सनातन की भव्यता दिखी। अखाड़ों की शोभा-यात्रा लोग एकटक देखते रहे। संगम तट पर डुबकी लगाने आए श्रद्धालुओं पर हेलीकॉप्टर द्वारा पुष्प-वर्षा की गई। लोग इस अद्भुत दृश्यों को अपने मोबाइल फोन में रिकॉर्ड करने को आतुर दिखे। जबकि, अधिकांश श्रद्धालु एवं तीर्थयात्री रोमांचित हो उस दृश्य को निहारते ही रह गए।
महाकुंभ शिविर में रहते हुए तीर्थयात्रियों, श्रद्धालुओं का सहयोग करें
"धर्म नगरी" के महाकुंभ- विशेषांकों के प्रकाशन हेतु उत्तर एवं मध्य भारत के प्रत्येक जिले से अति शीघ्र प्रतिनिधियों (कार्य- अपने जिले के 20-25 लोगो से संपर्क करना) की आवश्यकता है।
महाकुंभ मेला (13 जनवरी से 12 फरवरी 2025 तक) क्षेत्र में शिविर में रहने वाले ऐसे (आश्रम-मठ-मंदिर से जुड़े लोग, संस्कृत के विद्यार्थियों आदि की आवश्यकता है, जो अपने सेक्टर में "धर्म नगरी महाकुंभ विशेषांकों" की प्रतियां शिविर में महाराजजी को देने एवं शिविर में आयोजनों की जानकारी ले सकें। नियमानुसार मानदेय भी ससम्मान देय। ऐसे सहयोगियों का "धर्म नगरी महाकुंभ स्मृति विशेषांक" उनके फोटो व नाम भी प्रकाशित होंगें। वास्तव में इच्छुक लोग तत्काल संपर्क करें। साथ ही अपना वर्तमान नाम-पता एवं महाकुंभ में लग रहे शिविर का पता वाट्सएप करें- 8109107075 email- prayagrajkumbh2025@gmail.com या कॉल करें- 6261868110 Twitter- @DharmNagari
"धर्म नगरी" का बैंक का डिटेल "धर्म नगरी" की सदस्यता, शुभकामना-विज्ञापन या दान अथवा अपने नाम (की सील के साथ) से लेख / कॉलम / इंटरव्यू सहित "धर्म नगरी" की प्रतियां अपनों को देशभर में भिजवाने हेतु है। आपके सहयोग से हम आपके ही नाम से "धर्म नगरी" की प्रति आप जहाँ चाहते हैं, भिजवाते / बटवाते हैं। सहयोग हेतु हम किसी झूठ या फर्जी बातों का सहारा नहीं लेते, क्योंकि "धर्म नगरी" का जनवरी 2012 से अव्यावसायिक रूप से प्रकाशन किया जा रहा है।
महाकुंभ-2025 में प्रकाशित हो रहे विशेषांकों को प्रत्येक शिविर में फ्री दिया जाएगा। इसमें अपना सहयोग (आपके जिले से लगने वाले मेले में शिविर की न्यूज़, शुभकामना, विज्ञापन आदि) से अपने जिले या महाकुंभ मेला के समय "मेले के किसी भी सेक्टर" में रहते हुए आप भी "धर्म नगरी" से जुड़ सकते हैं। सम्पर्क करें- 6261 868 110 या 9752 404020 या अपने बारे में ईमेल करें- prayagrajkumbh2025@gmail.com
☞ "धर्म नगरी" को मिलने वाले शुभकामना, किसी प्रकार के सहयोग या विज्ञापन से संबंधित व्यक्ति, आश्रम, संस्था के नाम से प्रतियां भेजते हैं। कृपया अपना सहयोग केवल "धर्म नगरी" के चालू खाते नंबर- 325397 99922, स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया (SBI) IFS Code- CBIN0007932 भोपाल या ऑनलाइन मोबाइल द्वारा- 8109107075 पर (धर्म नगरी के नाम) या नीचे QR कोड को स्कैन कर सीधे भेजें एवं इसकी जानकारी तुरंत हमें दें। प्रकाशन में विभिन्न खर्च भी है, इसलिए हम "धर्मनिष्ठ" संतों-धर्माचार्यों, हिन्दुओं व सनातन-प्रेमियों से आर्थिक सहयोग की अपेक्षा करते है।
कथा हेतु- व्यासपीठ की गरिमा एवं मर्यादा के अनुसार श्रीराम कथा, वाल्मीकि रामायण, श्रीमद भागवत कथा, शिव महापुराण या अन्य पौराणिक कथा करवाने हेतु संपर्क करें। कथा आप अपने बजट या आर्थिक क्षमता के अनुसार शहरी या ग्रामीण क्षेत्र में अथवा विदेश में करवाएं, हमारा कथा के आयोजन की योजना, मीडिया-प्रचार आदि में सहयोग रहेगा। -प्रसार प्रबंधक "धर्म नगरी / DN News" मो.9752404020, 8109107075-वाट्सएप ट्वीटर / Koo / इंस्टाग्राम- @DharmNagari ईमेल- dharm.nagari@gmail.com यूट्यूब- #DharmNagari_News
Post a Comment