महाकुंभ में भगदड़, डेढ़ दर्जन श्रद्धालुओं की मौत की सूचना, जो नीचे गिरा उठ नहीं सका
संगम तट के पास हुआ दुःखद घटना
- भगदड़ में दर्जनों गंभीर रूप से घायल
- भगदड़ के बाद संगम पर न आने की अपील की गई
धर्म नगरी / DN News महाकुंभ नगर
(वा.एप 8109107075 महाकुंभ विशेषांक में न्यूज़, कवरेज, कॉपी बटवाने हेतु)
महाकुंभ मेला क्षेत्र में सोमवार-मंगलवार की रात दुःखद घटना हो गई। महाकुंभ के सबसे बड़े स्नान पर्व- मौनी अमावस्या पर लगातार श्रद्धालुओं की संख्या के दबाव से भगदड़ मच गई। भगदड़ में समाचार लिखे जाने तक 17 लोगों की मृत्यु हो गई। जबकि, मृतकों की संख्या कहीं अधिक बताई जा रही है। साथ ही दर्जनों की संख्या में लोग घायल हैं। घटना स्थल पर स्नानार्थियों के सामान, कपड़े सहित अनेक शव देखे गए।
दुर्घटना 28-29 जनवरी रात्रि लगभग दो बजे संगम तट के पास हुई। भगदड़ वास्तव में किस कारण और कैसे हुई, इसका पता नहीं, लेकिन मेला प्रशासन के अनुसार, भगदड़ अफवाह के कारण हुई, जिसमें 17 श्रद्धालुओं की मौत हुई और 50 से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। घायलों को महाकुंभ नगर के केंद्रीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
भगदड़ के बाद महाकुंभ के अस्पताल में घायलों को लेकर आने वाली एंबुलेंस का तांता लगा है। राहत और बचाव कार्य में पूरा प्रशासन जुटा हुआ है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ के बाद जो लोग नीचे गिरे, अधिकांश उठ नहीं सके। महाकुंभ में मौनी अमावस्या के लिए मंगलवार (28 जनवरी) सुबह से ही श्रद्धालुओं का रेला बढ़ गया था। दोपहर में अनियंत्रित भीड़ ने कई स्थानों की बैरिकेडिंग भी तोड़ी। रात में स्नान शुरू होने के बाद संगम में भीड़ अधिक बढ़ गई। संगम तट और उसके आसपास लाखों श्रद्धालु जमा हो गए।
अखाड़ों के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग भी कुछ स्नानार्थियों ने तोड़ने का प्रयास किया। जिसको जहां से जगह मिलती उधर ही चला जाता। आधी रात के बाद स्नानार्थियों की भीड़ संगम तट के करीब ठहर गई, जिससे स्थिति बिगड़ने लगी। रात करीब दो बजे स्थिति नियंत्रण से बाहर हुई तो भगदड़ मच गई। इधर-उधर भागती भीड़ में जो नीचे गिर पड़ा वह उठ नहीं सका। जिसने भागने का प्रयास किया वह भी दब गया। मेला कंट्रोल रूम और पुलिस कंट्रोल रूम को यह सूचना मिली तो हड़कंप मच गया।
देखें-
VVIPs, VIPs के प्रवेश पर आम श्रद्धालुओं का आक्रोश-
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आनन-फानन पैरामिलिट्री फोर्स, एबुंलेंस को अलग-अलग स्थान से संगम की ओर रवाना किया गया। इसके बाद एंबुलेंस में तमाम श्रद्धालुओं को भरकर लाया गया। केंद्रीय अस्पताल में कई लोगों को जमीन पर लिटाया गया था, जिनके बारे में एक अस्पताल कर्मी ने कहा कि उनकी मौत हो गई है।
इस बीच कुछ संत-धर्माचार्यों ने महाकुंभ-2025 में लगातार वीवीआईपी लोगों के आने, उनकी व्यवस्था में प्रशासन द्वारा वरीयता दिए जाने, एक-डेढ़ दर्जन शिविरों व वीआईपी संतों-धर्माचार्यों तक शासन-प्रशासन तक सीमित रहने पर प्रश्नचिन्ह उठाया है।
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प्रयागराज महाकुंभ-2025 पर "धर्म नगरी" साधु-संतों, श्रद्धालुओं तीर्थ-यात्रियों, पर्यटकों, संस्थाओं आदि की सुविधा व जानकारी हेतु "महाकुंभ विशेषांकों" प्रकाशित कर रहा है। पहले विशेषांक के बाद दूसरे विशेषांक का प्रकाशन "मौनी अमावस्या" (29 जनवरी) के पहले "धर्म नगरी" द्वारा किया जा रहा है। विशेषांक में आप भी संगम क्षेत्र के आयोजित अपने शिविर (कैम्प) की जानकारी, शिविर में होने वाले कार्यक्रम प्रकाशित करवा सकते हैं। यदि आप विशेष कवरेज के साथ "विशेषांकों" को इसकी लागत (प्रेस में छपाई खर्च) देकर बटवाना भी चाहते हैं, तो संपर्क करें +91 8109107075 वाट्सएप ईमेल- prayagrajkumbh2025@gmail.com
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आनन-फानन पैरामिलिट्री फोर्स, एबुंलेंस को अलग-अलग स्थान से संगम की ओर रवाना किया गया। इसके बाद एंबुलेंस में तमाम श्रद्धालुओं को भरकर लाया गया। केंद्रीय अस्पताल में कई लोगों को जमीन पर लिटाया गया था, जिनके बारे में एक अस्पताल कर्मी ने कहा कि उनकी मौत हो गई है।
इस बीच कुछ संत-धर्माचार्यों ने महाकुंभ-2025 में लगातार वीवीआईपी लोगों के आने, उनकी व्यवस्था में प्रशासन द्वारा वरीयता दिए जाने, एक-डेढ़ दर्जन शिविरों व वीआईपी संतों-धर्माचार्यों तक शासन-प्रशासन तक सीमित रहने पर प्रश्नचिन्ह उठाया है।
संगम पर न आने की अपील
भगदड़ के बाद सभी तीर्थयात्रियों सेआग्रह किया जा रहा था, कि वे संगम की ओर आने का प्रयास न करें। अन्य घाटों पर स्नान करें और अपने गंतव्य की ओर प्रस्थान करें। महाकुंभ क्षेत्र में लगे सैकड़ों माइक पर यही आवाज गूंज रही है, जो भगदड़ की दिल दहलाने का प्रमाण भी है।
संगम सहित मेला क्षेत्र में पुलिस द्वारा बार-बार माइक से यह अनाउंस किया जा रहा है- श्रद्धालु अपने बच्चों को कंधे पर बैठा कर चलें, किसी को धक्का न मारें। धीरे-धीरे बढ़ें। लोगों की सहायता के लिए महाकुंभ मेला कंट्रोल रूम का नंबर-1920 है। जब पांटून पुल नंबर-12 पर अचानक भीड़ बढ़ ने लगी, पुलिस अनाउंस कर रही थी- पुल नंबर-12 झूंसी की तरफ खड़े श्रद्धालुगण कृपया ध्यान दें, समीप के घाटों पर स्नान कर अपने गंतव्य की ओर जाएं। हालांकि, दुर्घटना के बाद अभी कोई विशेष हेल्पलाइन नंबर नहीं जारी किया गया।
देखें-
मौनी अमावस्या (28-29 जनवरी की रात्रि) संगम महाकुंभ में जाते श्रद्धालु
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