बसंत पंचमी से पहले रविवार को बंद रहे पुल, रात को खुले
18 पांटून पुलों पर शुरू हुआ आवागमन
धर्म नगरी / DN News महाकुंभ नगर
(वा.एप 8109107075 महाकुंभ विशेषांक में न्यूज़, कवरेज, कॉपी बटवाने हेतु)
गंगा नदी पर बंद पांटून पुलों रविवार (2 फरवरी) रात को आवागमन के लिए खोला है। इसमें गंगाजी पर बने 30 में 18 पुल श्रद्धालुओं आने-जाने के लिए खोला गया है। अरैल से झूंसी जाने के लिए पांटून पुल संख्या 28 खुला, तो संगम से झूंसी जाने के लिए पुल संख्या दो, चार व आठ पर आवागमन आरंभ हुआ। इन पांटून पुलों के खुलने से संगम दारागंज झूंसी और शहर के अन्य हिस्सों तक पहुंचने लगे, जिससे रविवार को लाखों तीर्थयात्री-श्रद्धालु वंचित थे। छह दिन हुई भगदड़ को कहा में रखते हुए कुछ पुलों को आपात स्थिति के लिए सुरक्षित रखा गया है।
जाने व आने के लिए...
- दारागंज व नागवासुकि मंदिर के आसपास से झूंसी की ओर जाने के लिए पुल संख्या 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 व 25 खुले हैं
- झूंसी से संगम, दारागंज व शहर की ओर जाने के लिए पुल संख्या 16, 18, 21 व 24 खोले गए
- झूंसी से अरैल जाने पुल-27 व 29 पर आवागमन हो रहा है। कुछ पुलों को आपात के लिए सुरक्षित रखा गया है।
करोड़ों ने लगाई आस्था की डुबकी
मेला प्रशासन एवं राज्य सरकार के दावे के अनुसार, महाकुंभ में 20 दिनों में लगभग 34 करोड़ 90 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, तीसरे एवं अंतिम राजसी स्नान पर्व- वसंत पंचमी पर लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान मेला प्रशासन ने लगाया है। मेला प्रशासन के अनुसार, वसंत पंचमी के ठीक पहले रविवार को लगभग एक करोड़ 29 लाख श्रद्धालुओं ने पावन संगम में डुबकी लगाई।
सबसे प्रमुख राजसी (शाही) स्नान मौनी अमावस्या जैसी चूक वसंत पंचमी पर न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन (crowd management) के लिए योजना बनाई है। मौनी अमावस्थाय तिथि लगने से पूर्व (28-29 जनवरी को संगम) हुई भगदड़ ने महाकुंभ मेले की छवि पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ी। इसलिए मेला प्रशासन, विशेषकर पुलिस अधिकारियों ने तैयारियों पुनः समीक्षा करते हुए सड़क से लेकर संगम तट तक भौगोलिक स्थिति को बारीकी से समझा और बसंत पंचमी राजसी स्नान पर्व हेतु पूरी योजना बनाई। इस में आपातकालीन योजना बनाई।
धर्म नगरी / DN News महाकुंभ नगर
(वा.एप 8109107075 महाकुंभ विशेषांक में न्यूज़, कवरेज, कॉपी बटवाने हेतु)
गंगा नदी पर बंद पांटून पुलों रविवार (2 फरवरी) रात को आवागमन के लिए खोला है। इसमें गंगाजी पर बने 30 में 18 पुल श्रद्धालुओं आने-जाने के लिए खोला गया है। अरैल से झूंसी जाने के लिए पांटून पुल संख्या 28 खुला, तो संगम से झूंसी जाने के लिए पुल संख्या दो, चार व आठ पर आवागमन आरंभ हुआ। इन पांटून पुलों के खुलने से संगम दारागंज झूंसी और शहर के अन्य हिस्सों तक पहुंचने लगे, जिससे रविवार को लाखों तीर्थयात्री-श्रद्धालु वंचित थे। छह दिन हुई भगदड़ को कहा में रखते हुए कुछ पुलों को आपात स्थिति के लिए सुरक्षित रखा गया है।
जाने व आने के लिए...
- दारागंज व नागवासुकि मंदिर के आसपास से झूंसी की ओर जाने के लिए पुल संख्या 11, 13, 15, 17, 20, 22, 23 व 25 खुले हैं
- झूंसी से संगम, दारागंज व शहर की ओर जाने के लिए पुल संख्या 16, 18, 21 व 24 खोले गए
- झूंसी से अरैल जाने पुल-27 व 29 पर आवागमन हो रहा है। कुछ पुलों को आपात के लिए सुरक्षित रखा गया है।
करोड़ों ने लगाई आस्था की डुबकी
मेला प्रशासन एवं राज्य सरकार के दावे के अनुसार, महाकुंभ में 20 दिनों में लगभग 34 करोड़ 90 लाख श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। वहीं, तीसरे एवं अंतिम राजसी स्नान पर्व- वसंत पंचमी पर लगभग पांच करोड़ श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान मेला प्रशासन ने लगाया है। मेला प्रशासन के अनुसार, वसंत पंचमी के ठीक पहले रविवार को लगभग एक करोड़ 29 लाख श्रद्धालुओं ने पावन संगम में डुबकी लगाई।
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प्रयागराज महाकुंभ-2025 पर "धर्म नगरी" साधु-संतों, श्रद्धालुओं तीर्थ-यात्रियों, पर्यटकों, संस्थाओं आदि की सुविधा व जानकारी हेतु "महाकुंभ विशेषांकों" प्रकाशित कर रहा है। पहले विशेषांक के बाद दूसरे विशेषांक का प्रकाशन "मौनी अमावस्या" (29 जनवरी) के पहले "धर्म नगरी" द्वारा किया जा रहा है। विशेषांक में आप भी अपने शिविर (कैम्प) की जानकारी, कार्यक्रम प्रकाशित करवा सकते हैं। यदि विशेष कवरेज के साथ "विशेषांकों" को इसकी लागत (प्रेस में छपाई खर्च) देकर बटवाना भी चाहते हैं, तो संपर्क करें +91 8109107075 वाट्सएप ईमेल- prayagrajkumbh2025@gmail.com
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सबसे प्रमुख राजसी (शाही) स्नान मौनी अमावस्या जैसी चूक वसंत पंचमी पर न हो, इसके लिए मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर प्रशासन ने भीड़ प्रबंधन (crowd management) के लिए योजना बनाई है। मौनी अमावस्थाय तिथि लगने से पूर्व (28-29 जनवरी को संगम) हुई भगदड़ ने महाकुंभ मेले की छवि पर बहुत विपरीत प्रभाव पड़ी। इसलिए मेला प्रशासन, विशेषकर पुलिस अधिकारियों ने तैयारियों पुनः समीक्षा करते हुए सड़क से लेकर संगम तट तक भौगोलिक स्थिति को बारीकी से समझा और बसंत पंचमी राजसी स्नान पर्व हेतु पूरी योजना बनाई। इस में आपातकालीन योजना बनाई।
योजना में सर्वाधिक ध्यान श्रद्धालुओं की भीड़ को मेला क्षेत्र में अधिक देर तक रुकने नहीं देना एवं स्नान घाट को भी लगातार खाली कराया जाना रहेगा। इस हेतु बैरिकेडिंग करने, साइनेज लगाने, पुलिस बल को बढ़ाने आदि के उपाय किए हैं, जिससे श्रद्धालुओं को उनके गंतव्य तक सकुशल पहुंचाया जा सके। महाकुंभ पुलिस और कमिश्नरेट प्रयागराज सहित रेंज एवं जोन के पुलिस के बीच भी लगातार समन्वय स्थापित किया गया है।
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इसे भी पढ़ें / देखें-
संगम नोज पर भगदड़ के बाद CM योगी ने श्रद्धालुओं से कहा- संगम में स्नान का आग्रह छोड़ दें
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https://www.dharmnagari.com/2025/01/CM-Yogi-said-after-stampede-at-Mahakumbh-avoid-sangam-nose.html
महाकुंभ में भगदड़, डेढ़ दर्जन श्रद्धालुओं की मौत की सूचना, जो नीचे गिरा उठ नहीं सका
गंगा, यमुना व सरस्वती पंडाल में प्रतिदिन सांस्कृतिक व भक्तिमय प्रस्तुति
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https://www.dharmnagari.com/2025/01/Mahakumbh-stampede-Mauni-Amavasya-at-Prayagraj-Sangam.html
तीनों राजसी स्नान पर्वों पर प्रयागराज शहर में नौ दिन बंदी
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https://www.dharmnagari.com/2024/12/Mahakumbh-2025-Prayagraj-city-teeno-Shahi-Snan-par-9-din-band-rahega.html
महाकुंभ प्रयागराज में सामान्य दिनों की यातायात व्यवस्था
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गंगा, यमुना व सरस्वती पंडाल में प्रतिदिन सांस्कृतिक व भक्तिमय प्रस्तुति
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https://www.dharmnagari.com/2025/01/Mahakumbh-Ganga-Yamuna-Saraswati-Pandal-me-daily-dultural-programmes.htmlमहाकुंभ में डुबकी लगानी है, तो मेला क्षेत्र में भी रखें कम से कम 8-10 किलोमीटर पैदल चलने का साहस
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https://www.dharmnagari.com/2025/01/Mahakumbh-Mele-me-Sangam-snan-Traffic-plan-pilgrims-have-to-walk-8-10Km-or-more.html
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यदि आवश्यक हुआ, तो नियमानुसार मानदेय भी ससम्मान दिया जाएगा। ऐसे सहयोगियों का "धर्म नगरी महाकुंभ स्मृति विशेषांक" उनके फोटो व नाम भी प्रकाशित होंगें। वास्तव में इच्छुक लोग अभी संपर्क करें और अपना वर्तमान नाम-पता एवं महाकुंभ में लग रहे शिविर का पता वाट्सएप करें- 8109107075 email- prayagrajkumbh2025@gmail.com या कॉल करें- 6261868110 Twitter- @DharmNagari
यदि आवश्यक हुआ, तो नियमानुसार मानदेय भी ससम्मान दिया जाएगा। ऐसे सहयोगियों का "धर्म नगरी महाकुंभ स्मृति विशेषांक" उनके फोटो व नाम भी प्रकाशित होंगें। वास्तव में इच्छुक लोग अभी संपर्क करें और अपना वर्तमान नाम-पता एवं महाकुंभ में लग रहे शिविर का पता वाट्सएप करें- 8109107075 email- prayagrajkumbh2025@gmail.com या कॉल करें- 6261868110 Twitter- @DharmNagari
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